केंद्र सरकार ने बढ़ती आटे की कीमत को नियंत्रित करने के लिए कमर कस ली है. सरकार ने ई- नीलामी के माध्यम से बुधवार को खुले बाजार में 2.84 लाख टन गेहूं बेचा. सरकार को उम्मीद है कि उसके इस फैसले से रिटेल मार्केट में गेहूं की आवक बढ़ जाएगी, जिससे आटी की कीमत में गिरावट आ सकती है. खास बात यह है कि केंद्र बीते 28 जून से अभी तक सरकारी स्टॉक से 42 लाख टन गेहूं ई-नीलामी के माध्यम से बेच चुकी है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) की मदद से गेहूं बेच रही है. इस बार ई-नीलामी के दौरान बोलीदाताओं ने 2128 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गेहूं की बोली लगाई, जो लगभग पिछले एक सप्ताह के रेट के बराबर ही है. लेकिन, गेहूं की औसत सेलिंग प्राइस 2279 रुपये प्रति क्विंटल था. एक अधिकारी ने कहा कि पिछली गेहूं नीलामी में 2420 बोलीदाताओं ने हिस्सा लिया था, जबकि इस प्रक्रिया में व्यापारियों को बाहर रखा गया था. दरअसल, एफसीआई चाहता है कि ई- नीलामी के माध्यम से केवल प्रोसेसर्स को ही गेहूं मिले, ताकि आटा मैदा और सूजी की कीमतें नियंत्रण में रहें.
15 नवंबर को भी गेहूं की ई-नीलामी हुई थी. इस दौरान गेहूं की औसत बिक्री कीमत 2,251.79 रुपये प्रति क्विंटल से घटकर 2,233.61/क्विंटल हो गई. लेकिन, पिछले दो दौर की नीलामी के दौरान गेहूं की औसत कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. वहीं, सरकार ने अगले रबी मार्केटिंग सीजन 2023-24 के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,125 रुपये से बढ़ाकर 2,275 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है.
एक आटा मिलर ने कहा कि 31 मार्च तक एफसीआई खुल मार्केट में 48-50 लाख टन गेहूं और बेच सकता है. इसके साथ ही अगले साल 31 मार्च तक ओपन मार्केट में लगभग 90 लाख टन गेहूं बिक सकता है. हालांकि, सरकार ने गेहूं की कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए कई कदम उठाए हैं. जबकि केवल प्रोसेसरों को भाग लेने की अनुमति देकर व्यापारियों को नीलामी से बाहर रखा गया है.
सरकार ने सफल बोलीदाताओं को रिलीज ऑर्डर जारी करने से पहले प्रसंस्करण संयंत्र/यूनिट के पिछले तीन महीनों के बिजली बिलों का सत्यापन भी शुरू किया है. अधिकारियों ने कहा कि ऐसा मुख्य रूप से व्यापारियों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से नीलामी से बाहर रखने के लिए किया जाता है. इसके अलावा, अनाज को आटे में बदलने और जनता को 'भारत आटा' ब्रांड के तहत अधिकतम खुदरा मूल्य 27.50 रुपये प्रित किलो पर बेचने के लिए सहकारी संगठनों, केंद्रीय भंडार, एनसीसीएफ और एनएएफईडी को रियायती दरों पर 2.28 लाख टन गेहूं आवंटित किया गया है.
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