हरियाणा सरकार ने फसलों की सरकारी खरीद शुरू कर दी है. बीते दिनों हुई बरसात से पहले ही किसानों की फसल काफी प्रभावित हुई थी, लेकिन अब सरकार ने किसानों को राहत दी है क्योंकि धान की सरकारी खरीद शुरू हो चुकी है. वहीं सरकार ने किसानों की फसल का जो मूल्य तय किया है, किसान उससे भी काफी संतुष्ट नजर आए. अंबाला मंडी का ऐसा ही कुछ हाल है. लेकिन, राज्य की सभी मंडियों में व्यवस्था ठीक नहीं है. चरखी दादरी मंडी में किसानों में रोष देखा जा रहा है. यही हाल रेवाड़ी का भी है. जहां किसानों को बाजरा बेचने के लिए धक्के खाने पड़ रहे हैं.
राज्य में धान की सरकारी खरीद की शुरुआत होने से किसानों को कुछ राहत मिलेगी. अंबाला शहर अनाज मंडी के सेक्रेटरी दलेल सिंह का कहना है कि इस बार मंडी में किसानों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी. क्योंकि हर तरह के इंतजाम किए गए हैं. जिससे फसल पूरी तरह से सुरक्षित रहेगी. मंडी में फसल लेकर पहुंचे किसानों से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि धान की सरकारी खरीद शुरू होने से वो काफी खुश हैं क्योंकि अब कहीं न कहीं उनकी मुश्किल आसान हो गई है.
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किसानों का कहना है कि पहले ही बरसात से फसलों को काफी नुकसान हो चुका है. लेकिन अब वो सरकारी खरीद शुरू होने से काफी खुश हैं. दाम भी अच्छा है. मंडी में खरीद की व्यवस्थाओं से भी किसान काफी खुश नजर आए. क्योंकि इससे पहले जब बरसात में फसल मंडी में पड़ी थी तो कोई व्यवस्था न होने की वजह से भीग गई थी. जिससे फसल के मॉइश्चर पर फर्क पड़ा था. लेकिन अब बारिश से फसलों को बचाने का इंतजाम है.
दूसरी ओर, चरखी दादरी मंडी में अव्यवस्थाओं ने किसानों को परेशान कर रखा है. किसानों ने मंडी अधिकारियों पर आरोप लगाए हैं. आरोप है कि मात्र 5 से 20 क्विंटल तक ही फसल बेचने के तोकन काटे जा रहे हैं. सबकुछ छोड़कर अपनी फसल बेचने के लिए लाइन में लगना पड़ रहा है. आरोप है कि अधिकारी अपने चेहतों के टोकन काट रहे हैं. वाहनों की बैकडोर से एंट्री करवा रहे हैं. किसानों का कहना है कि सिफारिश लगवाने पर ही मंडी में किसानों के वाहनों की एंट्री हो रही है. उनका कहना है कि हम फसल बेचने आए हैं लेकिन मंडी गेट के बाहर करीब तीन किलोमीटर लंबी लाइन लगी हुई है.
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