इस समय राज्य में टमाटर उत्पादक किसान संकट में हैं. क्योंकि कीमतों में भारी गिरावट आई है. राज्य की कई मंडियों में इतना कम दाम मिल रहा है कि खेत से वहां तक ले जाने का खर्च भी नहीं निकल रहा है. किसानों का कहना है कि दो रुपये किलो बेचने से अच्छा उसे फेंक देना है. छत्रपति संभाजीनगर और औरंगाबाद में किसान ऐसा ही कर रहे हैं. उचित दाम न मिलने के कारण किसानों ने टमाटर को सड़क पर फेंक दिया है. कीमतें गिरने से किसान आक्रामक हो गए हैं. खासतौर पर वो सरकार से सवाल पूछ रहे हैं कि जब दाम ज्यादा हुआ तो पूरा सिस्टम कंज्यूमर के साथ खड़ा हुआ तो दाम कम होने पर वही सिस्टम किसान के साथ क्यों नहीं खड़ा हो रहा है.
कुछ दिन पहले टमाटर का अच्छा दाम मिल रहा था तब उपभोक्ताओं में असंतोष था. अब दाम कम हो गया तो उपभोक्ता संतुष्ट हैं और किसान नाराज. गिरती कीमतों के कारण किसानों ने नासिक के पिंपलगांव बाजार समिति में टमाटर फेंककर अपना गुस्सा जाहिर किया. पिंपलगांव बाजार समिति में टमाटर की कीमत में अचानक गिरावट आई. यहां 20 किलो का कैरेट मात्र 100 से 170 रुपये तक में बिक गया. कुछ जगहों पर सिर्फ दो रुपये किलो दाम रहा.
टमाटर की खेती करने वाले किसान इस बात से हैरान और परेशान हैं कि इतनी जल्दी कीमतों में उतार-चढ़ाव हो रहा है कि समझ में नहीं आ रहा है कि क्या करें. खेती करें या न करें. टमाटर की फसल पर मोटा खर्च किया और जब रिटर्न देने की बात आई तो दाम रह गया दो-चार रुपये किलो. पहले से ही किसान सूखे की वजह से परेशान हैं. कपास और सोयाबीन जैसी कई फसलें पानी के अभाव में सूख रही हैं. ऐसे में किसानों का कहना है कि इस वक्त आवक बढ़ गई है तो सरकार एक्सपोर्ट पर जोर दे. बिना एक्सपोर्ट बढ़ाए बात नहीं बनेगी. भारत का टमाटर 18 देशों में एक्सपोर्ट होता है. जिसमें बांग्लादेश, नेपाल, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, सऊदी अरब, ओमाना और बहरीन आदि शामिल हैं. इन देशों को एक्सपोर्ट बढ़ाना चाहिए.
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पिछले महीने 200 रुपये प्रति किलो से अधिक दाम पर बिकने वाला टमाटर इस समय कौड़ियों के भाव बिक रहा है. इससे किसान सरकार से नाराज हैं. छत्रपति संभाजी नगर के जाधव मंडी में किसानों ने सड़क पर टमाटर फेंक कर सरकार का विरोध जताया. किसानों ने कहा कि सरकार उन्हें दाम में हो रहे नुकसान की भरपाई के लिए प्याज की तरह सब्सिडी दे. बता दें कि महाराष्ट्र में सरकार ने फरवरी और मार्च में बहुत कम दाम मिलने पर प्याज उत्पादक किसानों को 350 रुपये प्रति क्विंटल की दर से सब्सिडी दी है. अधिकतम 200 क्विंटल पर सब्सिडी दी जा रही है.
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