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गेहूं सहित कई अनाजों के भाव में आएगी गिरावट, इन दो बड़ी वजहों से गिरेंगे दाम

गेहूं सहित कई अनाजों के भाव में आएगी गिरावट, इन दो बड़ी वजहों से गिरेंगे दाम

दो प्रमुख वजह है जिससे इस साल अनाजों के भाव में कमी रहेगी. पहला कारण-इस बार पूरी दुनिया में अनाजों का बंपर उत्पादन हुआ है जिससे सप्लाई बेहतर रहने की पूरी उम्मीद है. दूसरा कारण- रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच काला सागर के जरिये अनाजों की होने वाली सप्लाई को लेकर बड़ा समझौता हुआ है.

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पूरी दुनिया में गेहूं सहित सभी अनाजों के भाव में गिरावट देखी जाएगी पूरी दुनिया में गेहूं सहित सभी अनाजों के भाव में गिरावट देखी जाएगी

आने वाले समय में सभी अनाजों के दाम घटेंगे. केवल चावल में ही मजबूती बनी रहेगी. पिछले कुछ दिनों से अनाजों के दाम में गिरावट देखी जा रही है और आगे भी यह ट्रेंड बने रहने की संभावना है. दाम में गिरावट के पीछे दो बड़ी वजह बताई जा रही है. पहली वजह- इस बार पूरी दुनिया में अनाजों की बंपर पैदावार निकली है. इसमें गेहूं और सोयाबीन प्रमुख हैं. दूसरी वजह, रूस-युक्रेन युद्ध के बीच काला सागर का मुद्दा कुछ सुलझा है. 

काला सागर के आसपास के देशों में एक समझौता हुआ है जिसमें अनाजों की खेप निकालने पर रजामंदी जताई गई है. इससे पूरे देश में सप्लाई सुचारू होगी और अनाजों का बेहतर वितरण हो पाएगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि केवल चावल के भाव में जल्दी गिरावट आती नहीं दिख रही है क्योंकि इसका उत्पादन कम हुआ है.

संयुक्त राष्ट्र की संस्था फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन (FAO) और इंटरनेशनल ग्रेन्स काउंसिल (IGC) ने इस साल गेहूं और सोयाबीन का उत्पादन अच्छा रहने का संकेत दिया है. उत्पादन बेहतर होने से दाम में गिरावट लाने में मदद मिलेगी. गिरावट का यह ट्रेंड दिखना शुरू भी हो गया है. इस साल की पहली तिमाही में देखें तो मक्का, गेहूं और सोयाबीन के वायदा भाव में लगातार कमी है. इसमें अपवाद केवल चावल है जिसके रेट में अभी कोई गिरावट नहीं है और नजदीकी समय में कमी आने की कोई संभावना भी नहीं है.

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इन अनाजों के दाम में गिरावट के पीछे सबसे बड़ी वजह 'ब्लैक सी ग्रेन इनिशिएटिव' को माना जा रहा है. 18 मार्च को काला सागर से अनाजों की ढुलाई को लेकर एक समझौता हुआ जिसका सभी देशों ने स्वागत किया है. यह समझौता होने से इस साल पूरी दुनिया में अनाजों की सप्लाई एक परसेंट तक बढ़ जाने की संभावना है. 'बिजनेसलाइन' की रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्लैक सी इनिशिएटिव सफल रहा तो इस साल 2283 मिलियन टन अनाजों की सप्लाई बढ़ने की संभावना है. इससे अनजाों के दाम में गिरावट लाने में मदद मिलेगी.

क्या कहा भारत सरकार ने

भारत की बात करें तो इस बार गेहूं सहित अन्य अनाजों की बंपर पैदावार होने की संभावना है. फरवरी महीने में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्रालय ने कृषि वर्ष 2022-23 के लिए मुख्‍य फसलों के उत्‍पादन के दूसरे अग्रिम अनुमान जारी किए. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि देश में गेहूं का उत्‍पादन (रिकॉर्ड) 1121.82 लाख टन अनुमानित है, जो पिछले वर्ष के उत्पादन की तुलना में 44.40 लाख टन अधिक है. वर्ष 2022-23 के दौरान चावल का कुल उत्‍पादन (रिकॉर्ड) 1308.37 लाख टन अनुमानित है. यह पिछले वर्ष की तुलना में 13.65 लाख टन अधिक है. 

कृषि मंत्रालय के मुताबिक, वर्ष 2022-23 के दौरान देश में मक्का का उत्‍पादन रिकॉर्ड 346.13 लाख टन अनुमानित है, जो पिछले वर्ष के 337.30 लाख टन उत्पादन की तुलना में 8.83 लाख टन अधिक है. श्रीअन्न (पोषक-अनाज) का उत्पादन 527.26 लाख टन अनुमानित है, जो पिछले वर्ष के उत्पादन की तुलना में 16.25 लाख टन अधिक है. मूंग का उत्पादन 35.45 लाख टन के नए रिकार्ड पर अनुमानित है, जो पिछले वर्ष के उत्पादन की तुलना में 3.80 लाख टन अधिक है.

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वर्ष 2022-23 के दौरान कुल दलहन उत्‍पादन 278.10 लाख टन अनुमानित है जो पिछले वर्ष के 273.02 लाख टन उत्पादन की तुलना में 5.08 लाख टन और बीते पांच वर्षों के औसत दलहन उत्‍पादन की तुलना में 31.54 लाख टन अधिक है. सोयाबीन, रेपसीड और सरसों का उत्पादन क्रमश: 139.75 लाख टन और 128.18 लाख टन अनुमानित है जो पिछले वर्ष 2021-22 के उत्पादन की तुलना में क्रमश: 9.89 लाख टन और 8.55 लाख टन अधिक है. वर्ष 2022-23 के दौरान देश में कुल तिलहन उत्‍पादन रिकॉर्ड 400.01 लाख टन अनुमानित है, जो पिछले वर्ष के तिलहन उत्पादन की तुलना में 20.38 लाख टन अधिक है.