हरियाणा में फर्जी किसान भी धान बेचने के लिए 'मेरी फसल मेरा ब्यौरा' (एमएफएमबी) पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं. लेकिन अब ऐसे फर्जी किसानों के ऊपर कार्रवाई शुरू हो गई है. हरियाणा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, यमुनानगर के उपनिदेशक, कृषि (डीडीए) आदित्य प्रताप डबास की शिकायत पर ऐसे 6 फर्जी किसानों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. सरकार के इस पोर्टल पर किसानों को अनाज मंडियों में अपनी फसल की बिक्री और प्राकृतिक आपदाओं से फसलों को हुए नुकसान के मुआवजे सहित कई लाभ प्राप्त करने के लिए पंजीकरण कराना होता है.
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, डीडीए आदित्य प्रताप डबास ने कहा कि उन्हें कुछ किसानों से शिकायत मिली थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि किसी ने एमएफएमबी पोर्टल पर धान की फसल का फर्जी पंजीकरण करा लिया है. उन्होंने कहा कि किसानों ने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें मार्केट कमेटी के अधिकारियों द्वारा गेट पास जारी नहीं किया जा रहा है, जिसके कारण उन्हें अनाज मंडियों में अपनी उपज बेचने में परेशानी हो रही है. उन्होंने कहा कि जब मामले की जांच की गई तो पता चला कि 6 फर्जी किसानों ने 468 एकड़ धान की फसल का फर्जी पंजीकरण किया गया था. उनकी पहचान बॉबी, नीटू, प्रवीण, सचिन, बिट्टू और सुनील के रूप में हुई है. डीडीए डबास ने कहा कि हमने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है.
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बता दें कि मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर फर्जीवाड़ा का यह कोई नया मामला सामने नहीं आया है. बीते जनवरी महीने में भी मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर धांधली की खबर सामने आई थी. इसकी जानकारी खुद कृषि मंत्री जय प्रकाश दलाल ने दी थी. उन्होंने कहा था कि पोर्टल पर बाजरे के पंजीकरण में धोखाधड़ी का पता चला है. इसके बाद सरकार ने किसानों को भावांतर भरपाई योजना (बीबीवाई) के तहत भुगतान करने पर रोक लगा दी थी. उनका कहना था कि जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
सरकार ने किसानों के लिए एक ही जगह पर सारी सरकारी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल की शुरुआत की है. इस पोर्टल की मदद से किसानों का पंजीकरण, फसल का पंजीकरण, खेत का ब्यौरा और फसल का ब्यौरा लिया जाता है. इसके अलावा इसका मुख्य उदेश्य कृषि संबंधित जानकारियां समय पर उपलब्ध करना है. इसकी मदद से किसानों को खाद्य, बीज, ऋण व कृषि उपकरणों की सब्सिडी समय पर उपलब्ध कराया जाता है.
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