हिमाचल प्रदेश में किसान सरकारी योजनाओं का जमकर फायदा उठा रहे हैं. इससे उन्हें अच्छी कमाई हो रही है. इन्हीं किसानों में एक हैं 45 वर्षीय मदन कुमार. ये आधुनिक तकनीक की मदद से खेती कर साल में 5 लाख रुपये तक का मुनाफा कमा रहे हैं. जबकि, पहले ये पारंपरिक विधि से खेती करते थे. तब उनको उतना फायदा नहीं होता था. कई बार तो मदन कुमार को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता था. लेकिन जब से उन्होंने सरकारी योजनाओं की मदद से सब्जियों की खेती शुरू की है, उन्हें सिर्फ मुनाफा ही मुनाफ हो रहा है. मदन को देख कर अब उनके गांव में कई किसान बागवनी करने लगे हैं. इससे सबकी जिन्दगी में बदलाव आया है.
ऐसे मदन कुमार चंबा जिला स्थित मंगला ग्राम पंचायत के हथेड़ी गांव के रहने वाले हैं. वे 10वीं पास हैं और पिछले 25 वर्षों से खेती कर रहे हैं. करीब पांच साल पहले चंबा कृषि विभाग की देखरेख में उन्होंने वैज्ञानिक तरीके से सब्जियों की खेती शुरू की. इसके लिए उन्होंनों तकनीक और आधुनिक मशीनरी का सहारा लिया. इससे पैदावार तो बढ़ी ही, साथ में आमदनी भी कई गुना बढ़ गई.
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द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, हालांकि इससे पहले मदन को सिंचाई की कमी और जंगली जानवरों से फसल को होने वाले नुकसान सहित कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता था. वे शारीरिक श्रम पर भी काफी निर्भर थे, जिससे मुनाफा कम होता था. लेकिन उनकी किस्मत तब बदल गई जब उन्हें 4 लाख रुपये की सोलर फेंसिंग के लिए 70 प्रतिशत सरकारी सहायता मिली. इससे उनकी फसल जंगली जानवरों से सुरक्षित हो गई है. इसके अलावा, 3 लाख रुपये की सब्सिडी राशि से एक जल भंडारण टैंक बनाया गया, जिससे सिंचाई की समस्या भी खत्म हो गई.
मदन ने बताया कि उन्होंने करीब 40,000 रुपये की सब्सिडी पर 9 एचपी का पावर टिलर और 2 एचपी का ब्रश कटर खरीदा. इन तकनीकों के चलते फसल की क्वालिटी और उत्पादन बढ़ गया. आज वे टमाटर, गोभी, पालक, बैंगन और शिमला मिर्च सहित 10 प्रकार की नकदी फसलें उगाते हैं, जिससे उन्हें सालाना 5 लाख रुपये की इनकम होती है. सिंचाई टैंक के निर्माण के साथ, मदन को अब साल भर पानी की आपूर्ति मिलती है, जिससे वे बेमौसमी सब्जियां उगा सकते हैं. इन बेमौसमी सब्जियों की कीमत भी बाजार में अधिक होती है. खास बात यह है कि मदन ने कई लोगों को अपने खेत में रोजगार भी दे रखा है. वे साल में मजदूरों को 1 लाख रुपये का वेतन देते हैं.
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चंबा में कृषि उपनिदेशक डॉ. कुलदीप सिंह धीमान ने किसान मदन की सराहना करते हुए उन्हें बेरोजगार युवाओं के लिए एक आदर्श बताया. उन्होंने कहा कि खेती में तकनीक के इस्तेमाल करने से उत्पादन लागत कम होती है और किसानों के लिए खेती आसान होती है. वित्तीय वर्ष 2023-24 में सरकार ने राज्य कृषि यंत्रीकरण योजना और कृषि यंत्रीकरण उप-मिशन के तहत चंबा जिले के किसानों को यंत्रीकरण के लिए 91 लाख रुपये की सब्सिडी दी. इन सब्सिडी से नौ ट्रैक्टर, 133 पावर वीडर, 165 ब्रश कटर और 125 मक्का थ्रेशर खरीदे जा सके.
इसके अलावा, मुख्यमंत्री क्षेत्र संरक्षण योजना के तहत सरकार ने जंगली जानवरों और आवारा पशुओं से फसलों की सुरक्षा के लिए सौर बाड़ लगाने के लिए 70 प्रतिशत सब्सिडी दी गई. 2023-24 में चंबा के 31 किसानों को 9 किलोमीटर सौर बाड़ लगाने के लिए 85 लाख रुपये की सब्सिडी मिली. इसी तरह सिंचाई चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार ने 2023-24 में पानी की टंकियों और पाइपलाइन के विस्तार पर 2.02 करोड़ रुपये खर्च किए, ताकि किसानों को साल भर अपनी फसलों के लिए पर्याप्त पानी मिल सके.
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