बकरी पालन अब साइंटीफिक तरीके से होता है. बकरी पालन में खाने-पीने से लेकर उसकी रहने की जगह कैसी हो और वहां क्या-क्या बदलाव होते रहने चाहिए ये सब साइंटीफिक तरीके पर निर्भर होता है. इतना ही नहीं बकरी पालन करने वाला और खरीदने वाले दोनों ही बकरी की प्योर नस्ल पर भी ध्यान देते हैं. खरीदी जा रही बकरी प्योर नस्ल की है या नहीं ये भी साइंटीफिक तरीके से कुछ ही देर में पता चल जाता है. क्योंकि पाले गए बकरे-बकरी प्योर नस्ल के हैं तो बाजार में उनके अच्छे दाम मिल जाते हैं. दूध उत्पादन और मीट की ग्रोथ भी अच्छी होती है. लेकिन किसी भी नस्ल के प्योर बकरे-बकरी मिलना आसान नहीं होता है. प्योर नस्ल के बकरे-बकरी या तो सरकारी ब्रीडिंग सेंटर पर मिलते हैं या किसी अच्छे और बड़े प्राइवेट गोट फार्म पर.
केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थामन (सीआईआरजी), मथुरा भी में प्योर नस्ल के बकरे-बकरी पशुपालकों को दिए जाते हैं. सीआईआरजी में बकरे-बकरी और भेड़ की प्योर नस्ल पर रिसर्च भी होती है. साथ ही बकरी पालन की ट्रेनिंग भी कराई जाती है. यहां बरबरी, जमनापारी, जखराना नस्ल के बकरे-बकरी और मुजफ्फरनगरी नस्ल की भेड़ पालन की ट्रेनिंग दी जाती है. ट्रेनिंग कैसे की जा सकती है इससे जुड़ी पूरी जानकारी सीआईआरजी की बेवसाइट पर दी जाती है.
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CIRG के साइंटिस्ट डॉ. एके दीक्षित की मानें तो CIRG से बकरे-बकरी लेने के लिए सबसे पहली शर्त ये है कि संस्थान के निदेशक के नाम एक आवेदन पत्र देना होगा. जिस नस्ल के लिए आप आवेदन कर रहे हैं अगर उस नस्ल के बकरे-बकरी उस वक्त संस्थान में मौजूद है तो जल्द से जल्द प्रक्रिया पूरी करने के बाद दे आवेदनकर्ता को दे दिए जाते हैं. नहीं तो इंतजार करने को बोल दिया जाता है. क्या सिर्फ CIRG से बकरी पालन की ट्रेनिंग लेने वालों को ही बकरे-बकरी दिए जाएंगे इस बारे में डॉ. दीक्षित का कहना है कि ये कोई जरूरी नहीं है कि जो आवेदक सीआईआरजी से ट्रेनिंग करेगा उसी को बकरे-बकरी दिए जाएंगे. ऐसा जरूर हो सकता है कि हम कभी-कभी ट्रेनिंग करने वाले को वरीयता दे देते हैं. यूपी, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली में रहने वालों को वरीयता दी जाती है.
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CIRG में मौजूद बरबरी, जखराना, जमनापारी, सिरोही नस्ल के बकरे-बकरी और मुजफ्फरनगरी भेड़ आवेदन करने पर दी जाती है. आवेदन करने पर एक साल, दो साल या उससे ज्यादा उम्र तक के बकरे-बकरी दिए जाते हैं. बड़े आकार जैसे जमनापारी और जखराना नस्ल के बकरे-बकरी 12 हजार रुपये से लेकर 15 हजार रुपये तक के दिए जाते हैं. वहीं छोटे आकार की बकरी जैसे बरबरी 10 से 12 हजार रुपये तक में मिल जाती है. बकरे-बकरी की उपलब्धता के आधार पर पशुपालकों को एक या दो बकरे-बकरी दिए जाते हैं. लेकिन एक स्कीम के तहत जिसका फायदा सालभर में दो या तीन लोगों को ही मिलता है के तहत आठ से 10 बकरे-बकरी दिए जाते हैं. बाजार में ऐसे बकरे-बकरियों की कम से कम कीमत 20 से 25 हजार रुपये होती है.
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