किसान आंदोलन की चेतावनी के बावजूद हरियाणा सरकार अभी तक गन्ने का भाव बढ़ाने को लेकर किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है. आज 5 जनवरी से भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी के आह्वान पर मिलों के बाहर दो-दो घंटे का सांकेतिक धरना-प्रदर्शन शुरू होने जा रहा है. जबकि, राज्य सरकार गन्ने का भाव बढ़ाना तो दूर उल्टे चीनी मिलों के घाटे का रोना रो रही है. किसानों की चेतावनी के बीच हरियाणा सरकार द्वारा गठित गन्ना मूल्य निर्धारण कमेटी की पहली बैठक हुई. इसकी अध्यक्षता कर रहे सूबे के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि सरकार सहकारी चीनी मिलों को घाटे से उभारने और गन्ना उत्पादक किसानों के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है.
चढूनी ग्रुप के समर्थक किसानों ने गन्ने का भाव 450 रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग को लेकर शुगर मिलों के बाहर आज 5 जनवरी से धरना-प्रदर्शन शुरू करने और 10 को करनाल में महापंचायत का एलान किया है. लेकिन, कमेटी की पहली बैठक में इसे लेकर फिलहाल कोई फैसला नहीं हो पाया है. बैठक में कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि गन्ने के भाव को लेकर एक कमेटी का गठन किया गया है, जो चीनी मिलों की कार्यक्षमता का मूल्याकन करेगी.
जिन अधिकारियों को कमेटी का सदस्य बनाया गया है उन्हें निर्देश देते हुए मंत्री ने कहा कि सहकारी शुगर मिलों में चीनी की रिकवरी को 10 प्रतिशत से अधिक बढ़ाया जाए, ताकि मिलो के घाटे को कम किया जा सके. दलाल ने कहा कि पिछले साल चीनी का रिकवरी रेट कम रहा था. जिसके कारण शुगर मिलों का घाटा बढ़ गया. ऐसे में मिलों को घाटे से उभारने के लिए अन्य विकल्पों की तलाश की जाए.
कृषि मंत्री ने कहा कि सहकारी चीनी मिलों में इथेनॉल प्लांट लगाए जा रहे हैं. ताकि उन्हें घाटे से उबारा जा सके. सहकारी चीनी मिलों के विकास में गन्ना उत्पादक किसानों का हमेशा अहम योगदान रहा है. किसानों को नई तकनीक अपनाकर गन्ना उत्पादन करना चाहिए.
बैठक में कमेटी सदस्यों ने गन्ना किसानों व मिलों की स्थिति, चीनी के भाव और अन्य विषयों पर भी चर्चा की. इस अवसर पर शुगरफैड के चेयरमैन रामकरण, विधायक घनश्याम दास, विधायक हरविंद्र कल्याण, कृषि विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव सुमिता मिश्रा, सहकारी समितियों की रजिस्ट्रार डॉ. शालीन और सरस्वती शुगर मिल यमुनानगर के एमडी आदित्य पुरी मौजूद रहे.
हरियाणा में इस समय गन्ने का भाव 362 रुपये प्रति क्विंटल है. पिछले साल जब पंजाब सरकार ने 360 रुपये का भाव तय किया था तब खुद को पंजाब से आगे दिखाने के लिए मनोहरलाल खट्टर ने अपने सूबे में गन्ने का भाव पंजाब से 2 रुपये अधिक कर दिया था. पंजाब सरकार ने अक्टूबर 2022 के पहले सप्ताह में ही गन्ने का भाव 20 रुपये बढ़ाकर 380 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है, जो देश में सबसे अधिक है.
भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा है कि हरियाणा की शुगर मिलों को 5 जनवरी से सांकेतिक तौर पर 2 घंटे के लिए बंद कराया जाएगा. ताकि सरकार जल्द से जल्द गन्ने का भाव बढ़ा दे.चढूनी का कहना है कि किसान लंबे समय से गन्ने का भाव बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार पर असर नहीं हो रहा है. गन्ने का रेट बढ़ाने की मांग को लेकर शुगर मिलों के बाहर धरना-प्रदर्शन होगा, जो 9 जनवरी तक जारी रहेगा.
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