देश की जनता को गेहूं और चावल को लेकर कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है. सरकार ने मुख्य कृषि फसलों का तीसरा अग्रिम अनुमान जारी कर दिया है. इसके मुताबिक रबी फसल सीजन 2022-23 में रिकॉर्ड 3305.34 लाख टन खाद्यान्न का उत्पादन होने का अनुमान है. जो पिछले साल के मुकाबले 149.18 लाख टन अधिक है. गेहूं की पैदावार 1127.43 लाख टन होने का अनुमान है जो अपने आप में रिकॉर्ड है. यह पिछले साल के उत्पादन से 50 लाख टन अधिक है. इस साल सरकार ने 1120 लाख मीट्रिक टन गेहूं उत्पादन का लक्ष्य रखा था जो पूरा हो गया है. चावल का भी बंपर उत्पादन हुआ है. इस सफलता के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों का उत्साह बढ़ाया है, जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी बंपर अनाज का उत्पादन किया. उन्होंने कहा कि सरकार की किसान हितैषी नीतियों व राज्यों के सहयोग से देश में कृषि उत्पादन लगातार बढ़ रहा है.
इस साल मार्च के मार्च और अप्रैल में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से बड़े पैमाने पर गेहूं की फसल खराब हुई थी. ऐसा लग रहा था कि पिछले साल के हीट वेव से भी बड़ा संकट आ गया है. नुकसान का अनुमान लगाने के लिए केंद्र ने कुछ टीमें भी बनाई थीं. जिसमें यह पता चला कि गेहूं की गुणवत्ता जरूर खराब हुई है लेकिन उत्पादन पर बहुत असर नहीं पड़ा है. यही बात खाद्यान्न उत्पादन के अनुमानों में भी साफ हो रही है. यानी सरकार गेहूं क्राइसिस से साफ इनकार कर रही है.दूसरी ओर, सरसों के भी रिकॉर्ड उत्पादन का अनुमान है. हालांकि, तीसरे अग्रिम अनुमान में सरसों उत्पादन 128.18 लाख मीट्रिक से घटाकर 124.94 लाख मीट्रिक टन कर दिया गया है.
इसे भी पढ़ें: क्यों सुस्त पड़ी गेहूं की सरकारी खरीद, क्या टारगेट पूरा नहीं कर पाएगी केंद्र सरकार?
विभिन्न फसलों के उत्पादन का मूल्यांकन राज्यों से प्राप्त फीडबैक पर आधारित है और अन्य स्रोतों से प्राप्त जानकारी के साथ वेरिफाई किया गया है. यह मूल्यांकन राज्यों से प्राप्त फीडबैक, वैकल्पिक स्रोतों और अन्य कारणों के आधार पर आगे संशोधित हो सकता है.
हालांकि, रिकॉर्ड गेहूं उत्पादन के अनुमान के बावजूद अब तक सरकार ने गेहूं एक्सपोर्ट पर रोक लगाई हुई है. गेहूं एक्सपोर्ट 13 मई 2022 से बैन है. किसान इस बैन को हटाने की मांग कर रहे हैं, ताकि उन्हें अच्छा दाम मिल सके. लेकिन, सरकार पहले बफर स्टॉक के लिए 341.5 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद कर लेना चाहती है. एफसीआई के अनुसार 22 मई तक 261.5 लाख मीट्रिक टन की खरीद पूरी हो चुकी है. किसान अब मंडियों में गेहूं बेचने नहीं जा रहे हैं. देखना यह है कि गेहूं की बंपर पैदावार के अनुमान के एलान के बाद सरकार बफर स्टॉक के लिए खरीद पूरी कर पाएगी या नहीं.
इसे भी पढ़ें: Mustard Price: ओपन मार्केट में गिरा दाम, एमएसपी पर भी नहीं हो रही खरीद...आखिर क्या करें किसान?
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today