पंजाब में फूल की खेती करने वाले किसानों ने राज्य सरकार से सेंट्रलाइज्ड लोकेशन पर फूल की मंडी बनाने की मांग की है. वहीं, किसानों की मांग पर सरकार भी एक्शन में आ गई है. मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार ने राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) से सर्वेक्षण करने और मोहाली में मंडी बनाने का प्रस्ताव दिया है. खास बात यह है कि इसके लिए उसने नाबार्ड को फूल उत्पादकों की प्रतिक्रिया जानने को कहा है. वहीं, पंजाब कृषि विश्वविद्यालय पुष्प उत्पादक क्लब के सदस्यों ने कहा कि फूल मंडी का सेंट्रलाइज्ड लोकेशन लुधियाना में बनाना जाना चाहिए.
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, पुष्प उत्पादक क्लब के सदस्यों ने कहा कि पंजाब में फूलों का रकबा तेजी से बढ़ रहा है. अच्छा मुनाफा होने के चलते किसान बड़ी संख्या में सुगंधित फूलों की खेती कर रहे हैं. ऐसे में किसानों के लिए सेंट्रलाइज्ड मंडी होनी चाहिए, जहां वे अपने उत्पाद को बेच सकें. क्योंकि सेंट्रलाइज्ड मंडी के बिना किसान अपनी उपज का अच्छा लाभ नहीं उठा पाते हैं. पटियाला निवासी गुरप्रीत सिंह शेरगिल ने कहा कि राज्य भर में 1,000 से अधिक फूल उत्पादक हैं जो पंजाब कृषि विश्वविद्यालय पुष्प उत्पादक क्लब से जुड़े हैं. हमने बागवानी मंत्री चेतन सिंह जौरामाजरा से मुलाकात की और उनसे फूल मंडी स्थापित करने का आग्रह किया है.
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शेरगिल ने कहा कि सरकार मोहाली में बंद पड़े पंजाब मंडी बोर्ड भवन में फूल मंडी खोलने पर विचार कर रही है. हम चाहते हैं कि मंडी लुधियाना में बने, जो कि सेंट्रलाइज्ड लोकेश पर है. उन्होंने कहा कि फिरोजपुर या अमृतसर में बैठे उत्पादकों के लिए मोहाली में बेचने के लिए फूल लाना आसान नहीं होगा. बल्कि, इस बाजार से हरियाणा और हिमाचल के उत्पादकों को फायदा होगा, जो पहले से ही दिल्ली जैसे बड़े बाजारों में अपनी उपज बेच रहे हैं. शेरगिल ने कहा कि लुधियाना राज्य में फूलों का सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता है.
बागवानी विभाग के नोडल अधिकारी डॉ. दलबीर सिंह ने कहा कि नाबार्ड परियोजना को लेकर एक सर्वेक्षण कर रहा है और अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा. चूंकि पंजाब मंडी बोर्ड की इमारत उपयोग में नहीं है, इसलिए अधिकारियों ने सब्जी और फूल मंडी शुरू करने का आदेश दिया है. हालांकि, पीएयू के फूल उत्पादकों और विशेषज्ञों की राय लेने का फैसला किया गया है. जालंधर के फूल उत्पादक करणवीर सिंह ने कहा कि फूल मंडी स्थापित करने के दृष्टिकोण से लुधियाना एक आदर्श स्थान है. हालांकि, जब निर्यात की बात आती है, तो मोहाली में बेहतर हवाई सुविधा भी है. इसके अलावा लुधियाना फूलों का सबसे बड़ा उपभोक्ता है और यहां पहले से ही डीलरों का एक नेटवर्क है.
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पीएयू के फ्लोरीकल्चर विभाग के प्रमुख डॉ. परमिंदर सिंह ने कहा कि अगर फूलों की मंडी बनाने का मुख्य उद्देश्य पूरे उत्तरी क्षेत्र के फूल उत्पादकों को सुविधा प्रदान करना है, तो इसे मोहाली में बनाना चाहिए. लेकिन अगर इसका उद्देश्य किसानों की मदद करना है, तो मंडी लुधियाना में स्थापित की जानी चाहिए. सीमावर्ती जिलों के फूल उत्पादकों के लिए अपनी उपज बेचने के लिए मोहाली जाना उचित नहीं होगा.
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