प्याज की कीमतें आसमान छू रही हैं और पिछले साल अगस्त के हाईएस्ट प्राइस से ऊपर जाने की ओर बढ़ रही हैं. वहीं, पिछले साल की कीमतों से नीचे बनाए रखने के लिए केंद्र सरकार ने सबसे बड़े उत्पादक महाराष्ट्र से प्याज खरीद कर रहा है. यह प्याज पिछले साल से 74 फीसदी अधिक कीमत पर खरीदी जा रही है. रिपोर्ट के अनुसार केंद्र ने प्याज खरीद के लिए पिछले साल की रकम 1200 करोड़ से इस बार 300 करोड़ अतिरिक्त रखे हैं. माना जा रहा है कि महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए सरकार की ओर किसानों को खुश करने की यह कवायद है.
प्याज की ऊंची कीमतों को कंट्रोल करने के लिए केंद्र सरकार की दो एजेंसियों को प्याज खरीद में लगाया गया है. इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार केंद्र सरकार इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले भारत के प्रमुख प्याज उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में पिछले साल की तुलना में 74 फीसदी अधिक कीमत पर प्याज खरीद रहा है. एक अधिकारी के हवाले से कहा गया कि पिछले साल प्याज की औसत खरीद 16.93 रुपये प्रति किलोग्राम पर की गई थी, जबकि इस साल डीबीटी के जरिए लगभग 29.5 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से भुगतान किया जा रहा है.
केंद्र सरकार इस वित्त वर्ष में अकेले महाराष्ट्र से प्याज खरीदने के लिए खर्च की जाने वाली रकम को भी बीते साल की तुलना में 300 करोड़ रुपये बढ़ा दिया है. रिपोर्ट के अनुसार राज्य से प्याज खरीद के लिए केंद्र 1500 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बना रही है. जबकि, सरकार ने पिछले साल प्याज की खरीद पर लगभग 1200 करोड़ रुपये खर्च किए थे. वहीं, 2024 में प्याज की रबी खरीद से 10,000 किसानों को लाभ मिलेगा. जबकि, पिछले साल 6,100 किसानों को खरीद का फायदा मिला था.
इस वित्तीय वर्ष में सरकार ने पिछले साल के स्तर पर बफर स्टॉक बनाए रखने के लिए 500,000 मीट्रिक टन प्याज खरीदने का टारगेट रखा है. बफर स्टॉक का इस्तेमाल प्याज का दाम नियंत्रित करने और बाजार में आपूर्ति बनाए रखने के लिए किया जाता है. सरकारी एजेंसियां नेफेड और एनसीसीएफ को पिछले साल के टारगेट से 2 लाख मीट्रिक टन के मुकाबले इस बार 2,50 लाख मीट्रिक टन प्याज खरीदने का टारगेट दिया गया है. दोनों एजेंसियों ने अब तक 2 लाख मीट्रिक टन से अधिक प्याज खरीद लिया है. इसमें से ज्यादातर प्याज की खरीद महाराष्ट्र से की गई है.
उपभोक्ता मामले विभाग के अनुसार प्याज की कीमतों और उपलब्धता पर कहा है कि पिछले साल के मुकाबले रबी 2024 सीजन में प्याज का उत्पादन थोड़ा कम होने के बावजूद घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता पर्याप्त है. इस साल खरीफ प्याज के तहत टारगेट बुवाई क्षेत्र 3.61 लाख हेक्टेयर है, जो पिछले साल की तुलना में 27 फीसदी अधिक है. शीर्ष खरीफ प्याज उत्पादक राज्य कर्नाटक में 1.50 लाख हेक्टेयर के टारगेट बुवाई क्षेत्र के 30 फीसदी रकबे में बुवाई पूरी हो चुकी है और अन्य प्रमुख उत्पादक राज्यों में भी बुवाई की तेज गति से चल रही है.
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