दुनिया के सबसे अमीर लोगों में से एक और बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन के चेयरमैन बिल गेट्स (Bill Gates) ने बुधवार को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) पूसा कैंपस का दौरा किया. नई दिल्ली स्थित भारत के सबसे प्रतिष्ठित कृषि शोध संस्थानों में से एक पूसा में पहुंचकर उन्होंने वैज्ञानिकों से गेहूं और चने की ऐसी फसलों के बारे में जानकारी ली जो जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हैं. उन्होंने देखा कि भारत के कृषि वैज्ञानिक कैसे ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के लिए काम कर रहे हैं. क्योंकि, अब जलवायु परिवर्तन की वजह से पूरी दुनिया में फसलें प्रभावित हो रही हैं. वैज्ञानिकों ने यहां उन्हें हीट टोलरेंट गेहूं की फसल और चने की सूखा रोधी किस्मों के खेत दिखाए. जिसमें उन्होंने गहरी रुचि दिखाई.
बिल गेट्स ने यहां नानाजी देशमुख प्लांट फिनोमिक्स केंद्र को देखा. इसमें पौधों की पहचान की जाती है कि कौन सी किस्में सूखा रोधी हैं और कौन सी किस्में ऐसी हैं जिनमें पोषक तत्वों को लेने की क्षमता ज्यादा है. बदलती जलवायु के परिवेश में भविष्य में इन किस्मों का क्या महत्व है आदि की जानकारी एकत्र की जाती है. गेट्स ने यहां के रिसर्च सिस्टम और सुविधाओं को देखा. इससे वो काफी प्रभावित दिखे.
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इसके बाद कंजर्वेशन एग्रीकल्चर की जानकारी ली. जिसमें उन्हें जीरो टिलेज यानी बिना जुताई वाले खेत में गेहूं की फसल दिखाई गई. इससे मिथेन और दूसरी ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन कम होता है और जमीन के स्वास्थ्य में सुधार आता है. सूक्ष्म जीवाणुओं की संख्या बढ़ती है. इसके लिए संस्थान ऐसी किस्मों का विकास कर रहा है जो कि कर्न्वेशन एग्रीकल्चर के लिए उपयुक्त हो. वैज्ञानिकों ने उन्हें इस जलवायु अनुकूल कृषि सिस्टम को दिखाया.
इसके बाद उन्होंने देखा कि पूसा के वैज्ञानिक किस प्रकार से ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं. वैज्ञानिकों ने उन्हें बताया कि स्वायल हेल्थ कार्ड बनाने के लिए ड्रोन और सैटेलाइट का प्रयोग कैसे कर सकते हैं. यह भी बताया गया कि फसलों के स्वास्थ्य का अध्ययन करने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कैसे हो सकता है. ताकि फसल में जहां बीमारी लगी हो वहीं पर ही दवा का स्प्रे हो. इससे कीटनाशकों का खर्च कम होगा.
संस्थान के निदेशक डॉ. अशोक कुमार सिंह ने गेट्स के दौरा को कृषि अध्ययन और जलवायु परिवर्तन की दिशा में सार्थक पहल बताया है. गेट्स ने कहा कि भारत में कृषि के राष्ट्रीय प्रोग्राम बहुत अच्छा काम कर रहे हैं. फाउंडेशन के साथ काम करने और सपोर्ट लेने के लिए योजना बनाकर दी जाएगी. क्लाइमेट चेंज, बायोफोर्टिफिकेशन को लेकर फाउंडेशन सहयोग करेगा तो अच्छा रहेगा. इस मौके पर प्लांट ब्रिडिंग के प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ. राजबीर यादव भी मौजूद रहे.
बिल गेट्स भारतीय खेती से काफी प्रभावित हैं. उनका फाउंडेशन भी इस क्षेत्र में काम कर रहा है. दिसंबर 2022 में बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की सह-अध्यक्ष मेलिंडा फ्रेंच गेट्स ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक की थी. अब बिल गेट्स ने खुद पूसा का भ्रमण करके देखा है कि क्लाइमेट चेंज की चुनौतियों से कृषि क्षेत्र का सामना करने के लिए भारतीय वैज्ञानिक क्या कर रहे हैं.
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