कोटा के पशु मेले में लगेगी गिर गायों की बोली, पांच लाख रुपये में मिलेगी एक गाय
गिर गाय भारतीय मूल की देसी नस्ल की गाय है. गिर गाय ऐसी खास नस्ल है जो अधिक दूध देने के लिए न सिर्फ भारत बल्कि पूरे विश्व में जानी जाती है. इस नस्ल का मूल स्थान गुजरात के दक्षिण काठियावाड़ में है.
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कोटा के पशु मेले में लगी गिर गायों की बोली, पांच लाख रुपये में मिलेगी एक गाय
राजस्थान के कृषि विज्ञान केंद्र, कोटा की डेयरी प्रदर्शन इकाई (मेला) में गिर नस्ल की 10 देसी गायों की खुली बोली लगने वाली है. ये बोली 04 अक्टूबर को दोपहर 01 बजे लगाई जाएगी. इन सभी गिर गायों का न्यूनतम मूल्य पांच लाख रुपये रखा गया है. इस नीलामी में जिन खरीदारों को गाय खरीदनी हो, वे डेयरी प्रदर्शन इकाई के कार्यालय में आकर गायों को देख सकते हैं. इस नीलामी में भाग लेने वाले बोलीदाता को 04 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे तक 5000 रुपये धरोहर राशि के तौर पर जमा करवाकर रसीद लेना होगा. वहीं इच्छुक खरीदार अधिक जानकारी के लिए इस मोबाइल नंबर 9414213488 पर संपर्क कर सकते हैं.
नीलामी के नियम और शर्तें
इस नीलामी में बोली लगाने वाले प्रत्येक व्यक्ति को बोली लगाने से पहले 5000 रुपये धरोहर राशि के तौर पर जमा करवाना पड़ेगा. नीलामी खत्म होने पर जिसके नाम पर बोली नहीं लगेगी, उसको धरोहर राशि लौटा दी जाएगी. वहीं प्रत्येक गाय की नीलामी अलग-अलग होगी.
सफल बोली लगाने वाले को बोली लगाने के बाद पूरी राशि जमा करवाकर गाय ले जाने के लिए दे दिया जाएगा. वहीं अगर बोलीदाता पूरी राशि नहीं दे पाता है तो उसकी धरोहर राशि जब्त कर ली जाएगी. इसके अलावा नीलामी कमेटी दूसरे नंबर वाले बोलीदाता को ये गाय दे देगी. यह फैसला लेने के लिए कमेटी पूरी तरह से स्वतंत्र होगी.
नीलामी खत्म होने के बाद से पशु को ले जाने तक किसी भी प्रकार के नुकसान की जिम्मेदारी स्वयं बोलीदाता की होगी.
नीलामी बोली की पूरी राशि जमा कर उसकी रसीद दिखाने पर ही पशु को फार्म से छोड़ा जाएगा.
नीलामी के समय कोई भी वाद-विवाद होने पर कमेटी का निर्णय अंतिम होगा.
पशुओं की उचित कीमत न मिलने पर कमेटी को बोली अस्वीकार करने का पूरा अधिकार होगा.
नीलामी में पशुओं की संख्या कम या ज्यादा करने पर अधिकार कमेटी का होगा.
गिर गाय की खासियत
गिर गाय भारतीय मूल की देसी नस्ल की गाय है. गिर गाय ऐसी खास नस्ल है जो अधिक दूध देने के लिए न सिर्फ भारत बल्कि पूरे विश्व में जानी जाती है. इस नस्ल का मूल स्थान गुजरात के दक्षिण काठियावाड़ में है. गिर नस्ल की गाय को आसानी से पहचाना जा सकता है. इसके शरीर पर गहरे लाल या चॉकलेटी रंग के धब्बे होते हैं जो इसकी पहचान है. ये आकार में अन्य देसी गायों की तुलना में बड़ी होती है. इस नस्ल की गाय के कान लंबे और नीचे की तरफ लटके होते हैं. यह गाय विभिन्न जलवायु और गर्म क्षेत्रों में भी आसानी से रह सकती है.