राजस्थान की राजधानी जयपुर में सेब काफी सस्ता हो गया है. यहां पर हिमाचली और कश्मीरी सेब 80 से 160 रुपये किलो बिक रहा है. खास बात यह है कि साल 2019 के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि जयपुर में सेब की कीमतें इतनी सस्ती हुई हैं. इससे ग्राहकों ने राहत की सांस ली है. लोग सेब की जमकर खरीदारी कर रहे हैं. वहीं, पिछले साल सेब की कीमतें 180 रुपये से लेकर 250 रुपये प्रति किलो के बीच थीं. हालांकि, आम जनता के लिए ये राहत ज्यादा दिनों तक नहीं है. थोक विक्रेताओं ने कहा है कि सप्लाई में कमी और मांग में बढ़ोतरी होने पर अक्टूबर में सेब का रेट बढ़ भी सकता है.
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, जयपुर के सबसे बड़ी मुहाना मंडी में सेब के थोक विक्रेता महेश हरदासानी ने कहा कि हम इस साल हिमाचल प्रदेश के कुल्लू, शिमला, मनाली और सोलन से सेब मंगवा रहे हैं. इसके अलावा कश्मीर के कुछ हिस्सों से भी सेब की सप्लाई हो रही है. इसलिए मार्केट सेब की जरूरत के मुताबिक आपूर्ति है. यही वजह हैं कि कीमतों में गिरावट आई है. हालांकि, पिछली बार हिमाचल प्रदेश से सेब की आपूर्ति कम हो गई थी, क्योंकि राज्य में भूस्खलन के कारण सेब जयपुर नहीं पहुंच पाए थे.
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महेश हरदासानी ने कहा कि हालांकि, इस साल भारी बारिश के बावजूद आपूर्ति अच्छी है. हरदासानी ने बताया कि थोक बाजार में सेब की कीमत 30 से 100 रुपये प्रति किलो है, जबकि ग्राहकों को यह 80 से 160 रुपये प्रति किलो मिल रहा है. हसनपुरा मंडी के थोक व्यापारी अब्दुल सगीर ने बताया कि पिछले साल सितंबर में आपूर्ति कम थी. लेकिन इस साल आपूर्ति करीब तीन गुनी है. साथ ही सेब की गुणवत्ता भी अच्छी है, क्योंकि वे रसीले और आकार में बड़े हैं.
थोक व्यापारियों ने बताया कि अक्टूबर के मध्य से कीमतों में बढ़ोतरी होने की संभावना है. मुहाना मंडी के एक अन्य थोक व्यापारी आलोक भूटानी ने बताया कि तब तक आपूर्ति कम हो जाएगी और त्योहारी सीजन शुरू होने के कारण मांग बढ़ेगी. फिर भी लगता है कि कीमतें 2023 जितनी नहीं होंगी. लाल कोठी मंडी में सेब 60 से 120 रुपये प्रति किलो बिक रहे हैं. खुदरा विक्रेता राम किशन सैनी ने बताया कि पिछले साल सेब की गुणवत्ता, खासकर आकार छोटा था. इस साल यह बहुत बेहतर और बड़ा है.
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