आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने शनिवार को घोषणा की कि हाल ही में हुई भारी बारिश से बर्बाद हुई फसलों वाले प्याज किसानों को प्रति हेक्टेयर 50,000 रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने यह फैसला उन किसानों की मदद के लिए लिया है, जिन्होंने भारी नुकसान झेला है. खासकर ऐसे समय में जब प्याज की बुवाई का रकबा बढ़ा है. नायडू ने एक्स पर पोस्ट कर बताया, “हमने तय किया है कि हर प्याज किसान को 50,000 रुपये प्रति हेक्टेयर दिए जाएंगे. इस निर्णय से 45,000 एकड़ में प्याज उगाने वाले किसानों को लाभ होगा.”
उन्होंने स्वीकार किया कि यह कदम राज्य पर वित्तीय बोझ डालेगा, लेकिन यह निर्णय किसानों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. नायडू ने दोहराया कि टीडीपी सरकार इस सिद्धांत में विश्वास करती है कि राज्य की समृद्धि किसानों की समृद्धि पर निर्भर करती है.
नायडू ने कहा कि चाहे किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य का सवाल हो या अन्य कोई मुद्दा, सरकार हमेशा उनके साथ खड़ी रहेगी. उन्होंने दावा किया कि पिछले 15 महीनों में राज्य सरकार ने किसानों के समर्थन के लिए लगातार त्वरित कदम उठाए हैं.
इससे पहले शुक्रवार को आंध्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) अध्यक्ष वाईएस शर्मिला ने टीडीपी नेतृत्व वाली एनडीए सरकार पर प्याज किसानों को "डुबोने" का आरोप लगाया और चेतावनी दी कि उसे किसानों के आक्रोश का सामना करना पड़ेगा.
शर्मिला ने दावा किया कि किसान एक एकड़ में करीब 1.2 लाख रुपये खर्च कर रहे हैं, लेकिन उन्हें महज 3,000 रुपये की आमदनी हो रही है. उन्होंने कहा, “प्याज किसान डूब चुके हैं. सरकार उन्हें 0.5 रुपये प्रति किलो और 50 रुपये प्रति क्विंटल की दर दे रही है, जिससे प्रति एकड़ 1.15 लाख रुपये का घाटा हो रहा है.”
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने कुरनूल बाजार में प्याज का न्यूनतम मूल्य 1,200 रुपये प्रति क्विंटल देने का वादा किया था, लेकिन अब तक एक भी किसान को यह कीमत नहीं मिली. यहां तक कि मार्कफेड ने एक किलो प्याज भी नहीं खरीदा, जिससे मजबूर किसान अपना माल बाजार में छोड़ने को विवश हैं.
शर्मिला ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जब फिल्मों के टिकट दाम 1,000 रुपये तक बढ़ाने पर ध्यान दिया जा सकता है तो किसानों को उनकी उपज का उचित दाम दिलाने की कोशिश क्यों नहीं की जाती. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार विधानसभा में आत्मप्रशंसा में लगी है, जबकि प्याज किसानों की दुर्दशा पर गंभीर चर्चा से बच रही है.
उन्होंने मांग की कि सरकार तुरंत मार्कफेड के जरिए वादा किया गया मूल्य सुनिश्चित करे और कुरनूल बाजार में बिचौलियों की मनमानी पर रोक लगाए. इस पर टीडीपी की ओर से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. (पीटीआई)
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