सीजन 2025-26 में गन्ना उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है. दरअसल, पिछले पांच वर्षों में 85 टन प्रति हेक्टेयर की उच्चतम उपज और 57.31 लाख हेक्टेयर के क्षेत्रफल को ध्यान में रखते हुए और वर्तमान फसल स्थितियों को देखते हुए भारत का गन्ना उत्पादन 2025-26 में लगभग 487 लाख टन तक पहुंच सकता है. वहीं, यदि उत्पादन अच्छा रहता है तो यह 2024-25 में प्राप्त 450.12 लाख मीट्रिक टन से 8 प्रतिशत अधिक होगा.
वेस्टर्न इंडिया शुगर मिल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष बी.बी. थोम्बरे ने कहा कि इस समय फसल बहुत अच्छी लग रही है. फसल को कोई खतरा नहीं है और अगर सर्दियों में थोड़ी बारिश होती है, तो इससे गन्ने को फायदा होगा. सिंचाई के लिए पानी मिलने की कोई चिंता नहीं है क्योंकि बांध भी भरे हुए हैं. उन्होंने कहा कि मिलों ने राज्य सरकार से 15 अक्टूबर से पेराई शुरू करने की अनुमति देने का अनुरोध किया है. साथ ही सबसे बड़े गन्ना उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में चीनी उत्पादन क्षेत्र में गिरावट के बीच महाराष्ट्र और कर्नाटक मिलकर चीनी क्षेत्र की मदद करेंगे.
कृषि मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि इस साल गन्ने का रकबा पिछले साल के 55.68 लाख हेक्टेयर से 2.9 प्रतिशत ज्यादा है. एक सूत्र ने बताया कि अगले महीने जब पहला अनुमान जारी होगा, तो गन्ने के रकबे में सुधार हो सकता है और कुल रकबा मौजूदा आंकड़े से कम हो सकता है.
थोम्बरे ने कहा कि महाराष्ट्र 2025-26 में 1.3 करोड़ टन चीनी का उत्पादन कर सकता है, जिसमें 12 लाख टन इथेनॉल के लिए अपेक्षित डायवर्जन भी शामिल है. उत्तर प्रदेश के मिल मालिकों को उम्मीद है कि कीटों के हमले की कम संभावना के कारण वे चालू सीजन के 93 लाख टन से ज्यादा चीनी का उत्पादन करेंगे, जिससे 2024-25 में फसल को नुकसान पहुंचा था. तीसरे सबसे बड़े गन्ना और चीनी उत्पादक कर्नाटक में राज्य सरकार ने इस साल रकबा 7.15 लाख टन रहने का अनुमान लगाया है, जो केंद्र के 7.36 लाख टन से कम है. कर्नाटक सरकार को उम्मीद है कि रकबे में वृद्धि के कारण गन्ना उत्पादन उसके 63.76 लाख टन के लक्ष्य से अधिक होगा.
महाराष्ट्र में इस साल ज्यादा बारिश के कारण कुछ जगहों पर जलभराव और जड़ों को नुकसान पहुंचा है, जिससे किसानों की कीटों और बीमारियों को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि कटाई के समय भारी बारिश से सुक्रोज की मात्रा भी कम हो सकती है, जिससे चीनी की रिकवरी कम हो सकती है.
भारतीय चीनी और जैव ऊर्जा निर्माता संघ (इस्मा) ने अनुमान लगाया है कि 2025-26 सीजन के दौरान भारत में सकल चीनी उत्पादन 18 प्रतिशत बढ़कर 34.90 लाख टन हो जाएगा. इस्मा ने सरकार से 2 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति देने और इथेनॉल उत्पादन के लिए 5 लाख टन चीनी आवंटित करने का आग्रह किया है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today