केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने शनिवार को कहा कि मूल्य समर्थन योजना प्रणाली के तहत केंद्र सरकार कर्नाटक से मूंग, काली मूंग, सूरजमुखी, मूंगफली और सोयाबीन की खरीद करेगी, जिससे राज्य के कृषक समुदाय को काफी लाभ होगा. प्रल्हाद जोशी ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से अनुरोध किया है कि वे राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत 2025-26 खरीफ सीजन के दौरान कर्नाटक में उगाई गई इन फसलों की खरीद को मंजूरी दें.
प्रल्हाद जोशी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में शिवराज सिंह चौहान का एक पत्र साझा करते हुए कहा, "मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि केंद्र सरकार ने अब इस अनुरोध को मंजूरी दे दी है." केंद्रीय कृषि मंत्री द्वारा जोशी को 20 सितंबर को लिखे गए पत्र में कहा गया है, "मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि कर्नाटक सरकार ने 2025-26 खरीफ सीजन के दौरान राज्य में मूंग, काला चना, सूरजमुखी, मूंगफली और सोयाबीन की खरीद के लिए पीएसएस के कार्यान्वयन के प्रस्ताव भेजे हैं.
इसमें लिखा है कि उचित विचार-विमर्श के बाद, मंत्रालय ने कर्नाटक में पीएसएस के अंतर्गत 38,000 मीट्रिक टन मूंग, 60,180 मीट्रिक टन काली मूंग, 15,650 मीट्रिक टन सूरजमुखी, 61,148 मीट्रिक टन मूंगफली और 1,15,000 मीट्रिक टन सोयाबीन की खरीद को मंजूरी दे दी है. इसमें कहा गया है, "यह मंजूरी किसानों के हितों की रक्षा करने और उन्हें स्थिर एवं सतत आय सुनिश्चित करने के प्रति भारत सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती है."
प्रल्हाद जोशी ने कहा कि यह निर्णय किसानों के कल्याण के लिए केंद्र सरकार की निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाता है और उन्होंने कर्नाटक सरकार से तुरंत जिलेवार खरीद केंद्र स्थापित करने और पूरे राज्य में खरीद प्रक्रिया शुरू करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि मैं माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को उनके समय पर दिए गए समर्थन और किसान-हितैषी निर्णय के लिए हार्दिक धन्यवाद देता हूं, जिससे कर्नाटक के कृषक समुदाय को बहुत लाभ होगा.
बता दें कि कर्नाटक की खेती में मूंग, काली मूंग, सूरजमुखी, मूंगफली और सोयाबीन अहम फसलें हैं. कर्नाटक की ये प्रमुख फसलें न सिर्फ राज्य की कृषि-आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूत करती हैं, बल्कि पूरे देश की खाद्य सुरक्षा और पोषक आहार, खाद्य तेल और दलहन की आपूर्ति में भी अहम योगदान देती हैं. (सोर्स- PTI)
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