हरियाणा में ओलावृष्टि से 56 फीसदी सरसों की फसल बर्बाद, मुआवजे के लिए किसान इस पोर्टल पर करें आवेदन

हरियाणा में ओलावृष्टि से 56 फीसदी सरसों की फसल बर्बाद, मुआवजे के लिए किसान इस पोर्टल पर करें आवेदन

उपायुक्त नरेश नरवाल ने आज ओलावृष्टि से प्रभावित कई गांवों का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने किसानों से कहा कि वे अपनी फसल क्षति से संबंधित विवरण ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपलोड करें, ताकि उन्हें मुआवजा मिल सके. वहीं, किसानों ने उपायुक्त को सरसों के क्षतिग्रस्त पौधे दिखाए.

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हरियाणा में ओलावृष्टि से 56 फीसदी सरसों की फसल बर्बाद, मुआवजे के लिए किसान इस पोर्टल पर करें आवेदनहरियाणा में बारिश से फसलों को पहुंचा नुकसान. (सांकेतिक फोटो)

हरियाणा के भिवानी जिले में बीते दिनों हुई भारी बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं और सरसों की फसल को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा है. इससे किसानों को बहुत अधिक आर्थिक हानि हुई है. हालांकि, अधिकारी फसल नुकसान का आकलन करने के लिए गांवों का निरीक्षण कर रहे हैं. वहीं, उपायुक्त नरेश नरवाल का कहना है कि भिवानी जिले में कुल क्षेत्रफल के लगभग 56 प्रतिशत क्षेत्र में सरसों की फसल और 37 प्रतिशत क्षेत्र में गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचने की सूचना है.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, उपायुक्त नरेश नरवाल ने आज ओलावृष्टि से प्रभावित कई गांवों का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने किसानों से कहा कि वे अपनी फसल क्षति से संबंधित विवरण ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपलोड करें, ताकि उन्हें मुआवजा मिल सके. उन्होंने एसडीएम हरबीर सिंह, डीआरओ प्रदीप देसवाल और तहसीलदार अजय सैनी के साथ गौरीपुर, मढ़ामाधवी, कितलाना, रूपगढ़, नंदगांव और मानहेरू गांवों में खेतों का निरीक्षण किया और सरसों और गेहूं की फसल को हुए नुकसान का जायजा लिया.

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ओलावृष्टि से सरसों की फसल चौपट

किसानों ने उपायुक्त को सरसों के क्षतिग्रस्त पौधे दिखाए. किसानों का कहना है कि इस मौसम में ओलावृष्टि से सरसों की फसल पर भारी असर पड़ा, क्योंकि फसल कटाई के चरण में थी. किसानों ने कहा कि उनमें से कई ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर फसल क्षति को पंजीकृत करने में विफल रहे हैं, क्योंकि वे इंटरनेट से निपटने में पारंगत नहीं थे और पंजीकरण की अंतिम तिथि के बारे में नहीं जानते थे. उपायुक्त ने कहा कि सरकार ने 5 मार्च को ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खोला था और आज फसल विफलता विवरण के पंजीकरण की अंतिम तिथि थी. उन्होंने राजस्व विभाग और कृषि विभाग के अधिकारियों से आग्रह किया कि वे किसानों को उनकी क्षतिग्रस्त फसलों का विवरण पोर्टल पर दर्ज कराने में मदद करें.

किसानों को मिलेगा मुआवजा

डीसी ने कहा कि वह पंजीकरण की अंतिम तिथि बढ़ाने और फसल विफलता से संबंधित डेटा को वेब पोर्टल पर अपलोड करने के लिए किसानों की मांग सरकार को सौंपेंग. उन्होंने कहा कि सरकार ने फसल क्षति का सामना करने वाले सभी किसानों को आश्वासन दिया है कि उन्हें मुआवजा दिया जाएगा. उन्होंने पटवारियों को निर्देश दिए कि वे खेतों में जाकर सटीक गिरदावरी दर्ज करें, ताकि किसानों को मुआवजा दिया जा सके.

किसानों को मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण कराना भी जरूरी है. राजस्व अधिकारी ने कहा कि अब तक, उन्हें ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर फसल-नुकसान डेटा के पंजीकरण की अंतिम तिथि बढ़ाने के बारे में राज्य सरकार से कोई सूचना नहीं मिली है. राज्य में 2 और 3 मार्च को हुई ओलावृष्टि से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में भिवानी जिला शामिल है.

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इतने एकड़ की फसल बर्बाद

कृषि विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, भिवानी जिले में कुल रबी क्षेत्र 1,16,213 एकड़ है, जिसमें से 6,650 एकड़ में 76 प्रतिशत से 100 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है, जबकि 8,697 एकड़ में 51 प्रतिशत से 75 प्रतिशत के बीच फसल का नुकसान हुआ है. 43,061 एकड़ की फसल को 26 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है. शेष 57,805 एकड़ क्षेत्र में 25 प्रतिशत से कम फसल का नुकसान हुआ है.

गेहूं की फसल को पहुंचा नुकसान

कुल मिलाकर, कृषि विभाग ने संकेत दिया कि कुल 83,000 एकड़ में से 46,389 एकड़ (56 प्रतिशत) में सरसों की फसल को 26 प्रतिशत से 100 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है. 32,723 एकड़ में से लगभग 11,969 एकड़ (37 प्रतिशत) क्षेत्र में गेहूं की फसल को नुकसान हुआ था.

 

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