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गुलाब की खेती से हर महीने 1 लाख कमाते हैं बिजनौर के परमिंदर, 5 बीघा खेत में लगाए 30 हजार पौधे

गुलाब की खेती से हर महीने 1 लाख कमाते हैं बिजनौर के परमिंदर, 5 बीघा खेत में लगाए 30 हजार पौधे

किसान परमिंदर ने कहा कि अपने फार्म को लगाने में उन्होंने लगभग 45 लाख रुपये खर्च किए हैं. सरकार की तरफ से 22 लाख रुपये की सब्सिडी मिली है जबकि उन्होंने खुद से 23 लाख रुपये खर्च किए हैं. परमिंदर द्वारा उगाए गए गुलाब का नाम "टाटा रोज़" है. उनके फार्म का नाम परमिंदर फार्म्स है, जहां पर चार लोगों को रोजगार भी मिला हुआ है.

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गुलाब की खेती गुलाब की खेती

गुलाब की खेती आज की तारीख में रोजगार का एक बेहतरीन जरिया है क्योंकि इस फूल की मांग सालों भर होती है. हालांकि शादी के सीजन में इस फूल की मांग और अधिक बढ़ जाती है. गुलाब खेती के जरिए कई किसान सफलता की बेहतर कहानी लिख रहे हैं. आज इस खबर में हम आपको ऐसे ही एक सफल किसान के बारे में बताएंगे जिन्होंने गन्ने की धरती कहे जाने बिजनौर में गुलाब फूल की खेती से सफलता की कहानी लिखी है. यहां के किसान सरदार परमिंदर गुलाब की खेती के जरिए अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. उन्होंने बताया कि सरकारी मदद से उन्होंने गुलाब की खेती की शुरुआत की थी. 

परमिंदर बताते हैं कि उन्होंने एक एकड़ जमीन में गुलाब की खेती शुरू की, जो लगभग पांच बीधे के बराबर है. इस जमीन में उन्होंने लगभग 27-30 हजार गुलाब के पौधे लगाए. बेहतर गुणवत्ता और अच्छा उत्पादन हासिल करने के लिए उन्होंने अपने पूरे खेत को प्लास्टिक शीट से ढंक दिया है. इससे फूल की कलियों में धूल नहीं जमती और इसकी गुणवत्ता भी अच्छी बनी रहती है. गुलाब की बेहतर खेती के लिए वो अपने खेतों के अच्छे से तैयार भी करते हैं. साथ ही सिंचाई के लिए उन्होंने ड्रिप इरिगेशन लगाया है. उन्होंने कहा कि ड्रिप इरिगेशन से कम पानी में बड़े जगह में सिंचाई हो जाती है, इससे पानी की बचत होती है. 

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ड्रिप इरिगेशन के बताए फायदे

ड्रिप इरिगेशन प्रणाली पर बात करते हुए परमिंदर ने कहा कि आज के दौर में ड्रिप सिंचाई प्रणाली सिंचाई करने का सबसे कुशल और सफल तरीका है.  इसके जरिए पानी की बर्बादी नहीं होती है और पर्याप्त मात्रा में पानी पौधों को मिलता है. उन्होंने कहा कि यह टाइमर के साथ पूरी तरह से स्वचालित है और निराई को भी कम करती है. उन्होंने कहा कि हम अधिक खेती के लिए जैविक उर्वरकों का उपयोग करते हैं और पौधों की किसी भी बीमारी को रोकने के लिए गुलाब के पौधों पर कीटनाशकों का भी उपयोग करते हैं. किसान सरदार परमिंदर ने कहा कि जब हमने गुलाब का पौधा लगाया तो वे चार महीनें बाद फूल  देने लगे. इस अवधि में 1 गुलाब का पौधा 20 गुलाब देता है.

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सरकार से मिली सब्सिडी

उन्होंने इंडिया टुडे को यह भी बताया कि हमने उसी एक एकड़ जमीन पर गन्ने की खेती की तुलना में पांच गुना अधिक कमाई की. गुलाब की खेती में आने वाली लागत का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अपने फार्म को स्थापित करने में उन्होंने लगभग 45 लाख रुपये खर्च किए हैं. सरकार की तरफ से 22 लाख रुपये की सब्सिडी मिली है. जबकि उन्होंने खुद से 23 लाख रुपये खर्च किए हैं. परमिंदर द्वारा उगाए गए गुलाब का नाम "टाटा रोज़" है. उनके फार्म का नाम परमिंदर फार्म्स हैं, जहां पर चार लोगों को रोजगार भी मिला हुआ है. परमिंदर ने यह भी कहा कि निराई के मौसम में अधिक मांग के कारण हमारी कमाई बढ़ जाती है. परमिंदर अपने गुलाबों को मुरादाबाद, मीरापुर और दिल्ली गाज़ीपुर फूल बाज़ारों में बेचते हैं. परमिंदर गुलाब की खेती से प्रति माह एक लाख रुपये कमा लेते हैं.