हरियाणा के सिरसा जिले में मेरी फसल-मेरा ब्यौरा (एमएफएमबी) पोर्टल पर इस समय खरीफ फसलों (2024) के लिए पंजीकरण चल रहा है. अब तक जिले के 51,290 किसानों ने 3,90,992 एकड़ भूमि का पंजीकरण करवाया है. कृषि उपनिदेशक सुखदेव सिंह ने बताया कि विभिन्न कृषि योजनाओं का लाभ उठाने के लिए फसल पंजीकरण अनिवार्य है. उन्होंने कहा कि एमएफएमबी पोर्टल पर पंजीकृत फसलों की ही सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद की जाएगी.
उन्होंने किसानों को सलाह दी कि वे किसी भी असुविधा से बचने और एमएसपी पर फसलों की बिक्री सुनिश्चित करने के लिए जल्द से जल्द अपनी फसलों का पंजीकरण पोर्टल पर करवाएं. उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार जल्द ही पंजीकरण बंद कर देगी, क्योंकि खरीफ फसल की बुवाई का मौसम लगभग समाप्त हो चुका है. उन्होंने कहा कि पोर्टल पर अपनी फसलों का पंजीकरण करवाने के लिए किसानों के पास परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) आईडी होना आवश्यक है. अधिक जानकारी के लिए किसान टोल-फ्री नंबर 1800-180-2117 या अपने स्थानीय कृषि कार्यालय से संपर्क कर सकते है. किसान अपने मोबाइल फोन का उपयोग करके गांव के कॉमन सर्विस सेंटर या अटल सेवा केंद्रों या fasal.haryana.gov.in पोर्टल पर भी अपनी फसलों का पंजीकरण करा सकते हैं.
ये भी पढ़ें- चंदौली में उफान पर गंगा, पानी में डूबी सैकड़ों एकड़ की सब्जियां, किसानों को नहीं मिलेगा मुआवजा
डॉ. सिंह ने किसानों से आग्रह किया कि वे विभागीय योजनाओं का लाभ उठाने और अधिकतम लाभ के लिए अपनी फसलों को एमएसपी पर बेचने के लिए पोर्टल बंद होने से पहले फसल पंजीकरण पूरा कर लें. किसान अपने मोबाइल फोन का उपयोग करके गांव के कॉमन सर्विस सेंटर, अटल सेवा केंद्रों या fasal.haryana.gov.in पोर्टल पर भी अपनी फसलों का पंजीकरण करा सकते हैं. डॉ. सिंह ने किसानों से आग्रह किया कि वे विभागीय योजनाओं का लाभ उठाने और अधिकतम लाभ के लिए अपनी फसलों को एमएसपी पर बेचने के लिए पोर्टल बंद होने से पहले फसल पंजीकरण पूरा कर लें.
पिछले हफ्ते खबर सामने आई थी कि हरियाणा के करनाल जिले में गन्ना किसान अपनी फसलों को 'मेरी फसल मेरा ब्यौरा' (एमएफएमबी) पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने में रुचि नहीं ले रहे हैं. हालांकि, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की ओर से एमएफएमबी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने के लिए किसानों के जागरूक भी किया जा रहा है. इसके बावजूद भी किसान सरकारी योजना में इंटरेस्ट नहीं दिखा रहे हैं. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अब तक केवल 12524 एकड़ में रजिस्ट्रेशन हुआ है.
ये भी पढ़ें- इस खास तकनीक से करें मोगरे की खेती तो बढ़ जाएगी कमाई, ये किस्म है सबसे फायदेमंद
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today