भाखड़ा से सिंचाई के लिए पानी की मांग कर रहे हनुमानगढ़ जिले के किसान पिछले छह दिन से कलेक्ट्रेट ऑफिस का घेराव किए हुए हैं. किसानों की मांग है कि उन्हें धान की बिजाई के लिए भाखड़ा की सरहिंद नहर के जरिए पानी दिया जाए. जबकि प्रशासन का कहना है कि जितना पानी किसान मांग रहे हैं उतना पंजाब सरकार देने को तैयार नहीं है. इसीलिए हनुमानगढ़ के किसान और स्थानीय प्रशासन के बीच कोई समझौता नहीं हो पा रहा है.
वहीं, दूसरी ओर बुधवार को संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारी सुरेश खोथ हरियाणा से किसानों को अपना समर्थन देने हनुमानगढ़ पहुंचे. इसके अलावा आसपास के क्षेत्रों से भी काफी संख्या में किसान धरनास्थल पर पहुंच रहे हैं. फिलहाल यहां करीब एक हजार किसान अपनी मांग को लेकर जमे हुए हैं.
नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल भी गुरूवार को किसानों के समर्थन में हनुमानगढ़ पहुंचेंगे. हालांकि उन्हें पहले बुधवार को ही आना था, लेकिन उनका दौरा स्थगित हो गया. बेनीवाल ने किसान आंदोलन के वक्त भाजपा से अपना गठबंधन तोड़ा था और किसान आंदोलन को अपना पूरा समर्थन दिया था.
जिले के किसानों ने इसी महीने की तीन तारीख को सिंचाई विभाग के दफ्तर के सामने भाखड़ा से 1250 क्यूसेक पानी की मांग को लेकर धरना दिया था. प्रशासन के आश्वासन के बाद किसानों ने शाम को धरना वापस ले लिया. आश्वासन के अनुसार आठ मई तक किसानों को पानी मिलना था. लेकिन किसानों का कहना है कि उन्हें सिर्फ 250 क्यूसेक पानी ही दिया जा रहा है.
इसके बाद किसानों ने नौ मई को सैंकड़ों की संख्या में जमा होकर नगराना टोल प्लाजा पर चक्काजाम कर दिया. मागें नहीं मानने पर 11 मई से किसान लगातार धरने पर बैठे हैं.
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ग्रामीण किसान-मजदूर समिति के रणजीत सिंह ने किसान तक को बताया, “हनुमानगढ़ को सिंचाई के लिए पानी इंदिरा गांधी नहर से मिलता है, लेकिन इसमें 30 जून तक बंदी है. ऐसे में हमें नरमा बिजाई के लिए पानी नहीं मिल रहा. आईजीएनपी से पहले सरहिंद नहर के जरिए हमें पानी मिलता था.
हम किसान कुछ दिनों के लिए इस नहर से पानी की मांग कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन का कहना है कि इससे पंजाब की जरूरत ही पूरी होती है. पंजाब में सरकारी आदेश है कि वहां 15 जून से पहले धान की बुवाई नहीं होती. इसीलिए हमारी मांग है कि 15 जून तक सरहिंद नहर में आ रहे पानी को हमें बिजाई के लिए उपलब्ध कराया जाए.
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रणजीत जोड़ते हैं, “भाखड़ा में पेयजल के लिए 400 क्यूसेक पानी की सप्लाई की जा रही है. इसीलिए अब सभी जगह पानी का भंडारण हो चुका है. ऐसे में किसानों को बिजाई के लिए पानी की जरूरत है. इसीलिए आरडी 496 पर बनाए गए पौंड लेवल को तोड़कर कटाव पाटने की तैयारी शुरू की जाए. साथ ही किसानों को 850 क्यूसेक की जगह 1200 क्यूसेक पानी देना शुरू किया जाए. ये पानी गुरूवार यानी चार मई से देना शुरू किया जाए.”
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