scorecardresearch
Farmer Suicide: कर्ज-बेमौसम बार‍िश की मार बनी क‍िसान पृथ्वीराज के जान देने की वजह!

Farmer Suicide: कर्ज-बेमौसम बार‍िश की मार बनी क‍िसान पृथ्वीराज के जान देने की वजह!

राजस्थान में बीते चार दिन से बारिश और ओलावृष्टि ने फसलों को बर्बाद कर दिया है. राज्य के बूंदी जिले के गांव बाजड़ न‍िवासी किसान पृथ्वीराज बैरवा (60) ने में फसल खराब होने पर शन‍िवार को आत्महत्या कर ली.

advertisement
आंगन में बिखरी बारिश की बूंदें बर्बादी की कहानी कह रही हैं. फोटो- BY Arrengement आंगन में बिखरी बारिश की बूंदें बर्बादी की कहानी कह रही हैं. फोटो- BY Arrengement

राजस्थान में बीते चार दिन से हो रही बारिश और ओलावृष्टि से सिर्फ फसलें ही तबाह नहीं हुई हैं. बल्कि इस बेमौसम बार‍िश ने किसानों के सपने, चाहत और उससे जुड़ी खुशी को भी धोया है. बीते द‍िन बूंदी जिले के बाजड़ गांव में नि‍वासी किसान पृथ्वीराज की आत्महत्या का मामला सामने आया था. क‍िसान तक ने कि‍सान पृथ्वीराज की आत्महत्या के कारणों की पड़ताल करने की कोश‍िश की है. ज‍िसमें ये सामने आया है क‍ि पहले से कर्ज की परेशान क‍िसान पृथ्वीराज पर बेमौसम बार‍िश की मार पड़ी. ज‍िसके सदमे का पर‍िणाम पृथ्वीराज की आत्महत्या के तौर पर सामने आया है.   

मालूम हो क‍ि किसान पर लाखों रुपये का कर्ज था. फसलें खराब होने और कर्ज के दवाब के चलते पृथ्वीराज ने खेत में डाले जाने वाले कीटनाशक खाकर अपनी जान दे दी.

बेटे ने साझा क‍िया दर्द

पृथ्वीराज के छोटे बेटे मनीष बैरवा से किसान तक से बातचीत में कहा क‍ि कर्ज के चलते पिताजी मानसिक तनाव में थे. बारिश, ओलावृष्टि के बाद वे जब खेतों पर गए तो पूरी फसल बर्बाद देखी. यह सब उनसे देखा नहीं गया. इसीलिए उन्होंने खेत पर ही कीटनाशक पीकर आत्महत्या कर ली. उन्हें घायल अवस्था में स्थानीय अस्पताल ले जाया गया. यहां से उन्हें कोटा रेफर कर दिया. जहां रविवार अल सुबह करीब 3.30 बजे उनकी मौत हो गई.

मनीष ने बताया कि सोमवार सुबह कलक्टर सहित कई प्रशासनिक अधिकारी घर आए. उन्होंने मुआवजा दिलाने, खाद्य योजना में नाम जोड़ने, प्रधानमंत्री आवास योजना में घर बनवाने का आश्वासन दिया. कलक्टर ने कहा कि हमारे परिवार के साथ प्रशासन खड़ा है.

ये भी पढ़ें- Rajasthan: 20 मार्च से होगी सरसों और चने की सरकारी खरीद, किसान यहां से कराएं रजिस्ट्रेशन 

बेटी की शादी के लिए बैरवा पर आठ-दस लाख का कर्ज

किसान पृथ्वीराज बैरवा ने बेटे और बेटियों की शादी के लिए लाखों रुपये का कर्ज लिया हुआ था. बैरवा के छोटे बेटे मनीष ने किसान तक को बताया क‍ि हमारी और बहन की शादी के लिए उन पर करीब 8-10 लाख रुपये कर्जा चढ़ा हुआ था. हमारे तीन बीघा खेती है, जिसमें इस साल गेहूं बोया हुआ था. पापा ने सोचा था कि फसल अच्छी होगी तो उसे बेचकर कर्ज को बोझ थोड़ा कम करूंगा. लेकिन ईश्वर को ऐसा मंजूर नहीं था. ओलों से पूरी फसल लेट गई. इससे दुखी होकर उन्होंने आत्महत्या कर ली. ज्यादातर कर्ज साहूकारों से लिया हुआ था, इसीलिए इस पर ब्याज भी काफी था. 

ये भी पढ़ें- किसानों पर मौसम की मार! 64 MM तक बारिश, गेहूं को सबसे अध‍िक नुकसान

मनीष आगे बताते हैं क‍ि हम दो भाई हैं और रोजाना मजदूरी करते हैं. इसीलिए घर की सारी जिम्मेदारी पिताजी की थी. हमारे परिवार में कुल 12 सदस्य हैं. इनमें हम तीनों भाई-बहन के दो-दो बच्चे, मां और दादाजी शामिल हैं.”

तीन बीघा खेती से ही होता था घर का गुजारा

बाजड़ ग्राम पंचायत के सरपंच नाथूलाल बैरवा ने किसान तक को बताया कि मृतक का परिवार बेहद गरीब है. उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ भी नहीं मिलता. इसीलिए सोमवार को मृतक के घर आए कलक्टर और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें सरकारी योजनाओं से जोड़ने का आश्वासन दिया है.सरपंच बैरवा का कहना है कि पृथ्वीराज के पास सिर्फ तीन बीघा खेती है. इसी से उनके परिवार की गुजर-बसर होती है. उनके दोनों बेटे मनीष और रामनारायण मजदूरी करते हैं. 

ये भी पढ़ें- बेहद दिलचस्प है जोधपुर के किसान लालाराम डूडी की कहानी, अमेरिका तक जाती है इनके जैविक जीरे की खेप

ये भी पढ़ें- राजस्थान में बार‍िश और ओलों ने खराब कर दी फसल, फोटो में देखे हाल