Rajasthan: खरीफ सीजन में होने लगी कपास की बुवाई, 15 मई तक खेती करेंगे किसान

Rajasthan: खरीफ सीजन में होने लगी कपास की बुवाई, 15 मई तक खेती करेंगे किसान

राजस्थान में रबी की कटाई के बाद अब खरीफ की तैयारी किसानों ने शुरू कर दी है. प्रदेश के गंगानगर, हनुमानगढ़ के अलावा दक्षिण राजस्थान में कपास की बड़ी मात्रा में फसल की जाती है.

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Rajasthan: खरीफ सीजन में होने लगी कपास की बुवाई, 15 मई तक खेती करेंगे किसानराजस्थान में कपास की बुवाई कई जिलों में शुरू हो गई है. फोटो- Kisan Tak

रबी सीजन की कटाई के बाद किसानों ने अब खरीफ के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं. किसान खरीफ की बुवाई के लिए खेतों को तैयार कर रहे हैं. इसी महीने किसान बीटी कॉटन की बुवाई शुरू कर रहे हैं. प्रदेश में सबसे अधिक कॉटन की बुवाई हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर जिलों में की जाती है. दोनों जिलों में किसानों ने कपास की बुवाई शुरू कर दी है. हालांकि बुवाई का आधिकारिक आंकड़ा तो नहीं है, लेकिन एक अनुमान के मुताबिक अब तक हजार हैक्टेयर क्षेत्र में कपास की बुवाई दर्ज हुई है. हालांकि दूसरे जिलों में कपास की बुवाई अभी गति नहीं पकड़ पाई है. क्योंकि अधिकतर किसान तापमान कम होने का इंतजार कर रहे हैं. कृषि विभाग कपास की तकनीकी जानकारी देने के लिए विशेष कार्यशालाएं भी आयोजित कर रहा है. 

बुवाई से पहले बीज उपचार जरूरी काम

किसान कपास की अच्छी पैदावार के लिए बीज उपचारित करें. इसके लिए एक ग्राम स्ट्रेप्टोसाइक्लिन, एक ग्राम व्यापारिक गंधक और 10 लीटर पानी के घोल में कपास का बीज डाल लें. बीज रोएंदार हो और करीब 5-6 किलो होनी चाहिए. इस घोल में बीज को छह से सात घंटे तक रखें. वहीं, अगर बीज बिना रोएंदार नहीं है तो इसे दो घंटे तक घोल में रखें.

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साथ ही जिन क्षेत्रों में दीमक की परेशानी है, वहां पर 10 एमएल क्लोरोपाईरीफास 20 ईसी और 10 एमएल पानी प्रति किलो बीज के हिसाब से मिलाकर थोड़ा-थोड़ा बीज पर डालें. इसके बाद बीज को अच्छी तरह से मिला लें. फिर 30-40 मिनट तक इन बीजों को छांव में सुखाकर फिर बुवाई करें. 

किसान ऐसे करें कपास में लगे कीटों से सुरक्षा

जिन खेतों में सब्जी, फूल और खरपतवार नहीं है तो किसान कपास की बुवाई 20 मई तक जरूर कर दें. बिजाई के 60 दिन बाद सफेद मक्खी के प्रकोप पर नीमयुक्त कीटनाशक का छिड़काव जरूर करें. साथ ही एक ही कीटनाशी का लगातार छिड़काव नहीं करें.

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साथ ही अगर कीटनाशी के छिड़काव के 24 घंटे के भीतर बारिश हो जाए तो किसानों को दोबारा कीटनाशी का छिड़काव करना चाहिए. इसके अलावा 35-40 पीले चिपचिपे ट्रेप प्रति हेक्टेयर  की दर से फसल में लगा दें. 

कपास किसान ऐसे करें बिजाई

कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार कपास की बिजाई बीज-उर्वरक संयुक्त ड्रिल अथवा प्लांटर से करें या फिर कतार वाली ड्रिल से करें. साथ ही बीज को 4-5 सेंटीमीटर गहरा बोएं. वहीं, दो कतारों के बीच की दूरी 67.5 सेंटीमीटर और पौधे से पौधे की दूरी 30 सेंटीमीटर तक रखें. इसके अलावा संकर और बीटी कपास की बिजाई के लिए कतार से कतार की दूरी 67.5 सेंटीमीटर और दो पौधों के बीच की दूरी 60 सेंटीमीटर रखें. 

इसके अलावा पछैती बिजाई में पौधों के बीच की दूरी कम और बीज अधिक करना चाहिए. साथ ही बिजाई के समय कतारों का भी विशेष ध्यान रखें. 
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