पिछले आठ दिनों से हनुमानगढ़ कलेक्ट्रेट के सामने सिंचाई के पानी की मांग को लेकर चल रहा किसानों का आंदोलन स्थगित हो गया है. नागौर सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल ने प्रशासन और किसानों के बीच मध्यस्थता कराई. हुई बातचीत के अनुसार 21 मई को किसान पंजाब के सीएम भगवंत मान से भठिंडा में बातचीत करेंगे. इसके अलावा किसानों की पांच और अन्य मांगों पर भी सहमति बनी.
इसके बाद किसानों ने आठ दिन से चल रहा धरना स्थगित किया. साथ ही जो किसान क्रमिक अनशन पर बैठे थे, उन्हें जूस पिलाकर अनशन खत्म कराया गया.
सांसद हनुमान बेनीवाल की मध्यस्थता के बीच किसानों ने अपना धरना छह मुद्दों पर सहमति बनाने पर खत्म किया. इसमें पहला मुद्दा पंजाब से राजस्थान को मिलने वाले पानी को लेकर था. राज्य सरकार अपने शेयर के अनुसार पानी लेने पर गंभीरता से काम कर रही है. इसके लिए राजस्थान के जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव और पंजाब के समकक्ष अधिकारियों के बीच बातचीत की है.
दूसरी, पंजाब सरकार से समन्वय के साथ सरहिंद फीडर के 16 किलोमीटर लंबाई में रिलाइनिंग अगली नहरबंदी में पूरी कर दी जाएगी. तीसरी, पौंग बांध की निर्धारित भराव क्षमता 1400 फीट तक भरने के लिए केन्द्रीय जल आयोग व बीबीएमबी से अनुरोध किया जाएगा. फिलहाल बांध को 1390 फीट ही भरा जाता है.
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चौथी मांग के अनुसार, बीबीएमबी द्वारा हर महीने पानी का शेयर तय किया जाता है. इस शेयर के अनुसार ही भाखड़ा प्रणाली को आरडी 496 पर लिंक से पूरा पानी उपलब्ध कराया जाएगा. पांचवी, आरडी 496 के क्रेस्ट को नीचा करने के लिए इंदिरा गांधी नहर मंडल को मांग भेजी जाएगी.
वहीं, छठी और अंतिम मांग के अनुसार करणी सिंह व सादुल ब्रांच के हेड से बीबीएमबी की टेल से हरियाणा की ओर जाने वाले बैक वाटर को रोकने के लिए पंजाब और हरियाणा सरकार से सहमति ली जाएगी.
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किसानों और प्रशासन के साथ हुई बातचीत में हनुमानगढ़ जिले के कलक्टर और एसपी नहीं पहुंचे थे. इस पर हनुमान बेनीवाल ने कहा कि दोनों का दिमाग सूजा हुआ है. ऐसे अधिकारियों की वजह से ही इस बार कांग्रेस कम से कम सीटों पर ही निपट जाएगी. वहीं, सांसद बेनीवाल ने कहा कि किसानों की लड़ाई पंजाब सरकार से नहीं है, बल्कि राजस्थान सरकार से है. अशोक गहलोत से है. राजस्थान के किसानों को पानी उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी अशोक गहलोत सरकार की है. बेनीवाल ने कहा कि जब हम किसानों ने केंद्र सरकार तक को झुका दिया तो अशोक गहलोत को तो 15 घंटे में झुका देंगे.
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