उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बाद पंजाब देश का तीसरा ऐसा राज्य है जहां पर गेहूं का उत्पादन सबसे ज्यादा होता है. 1 अप्रैल से राज्य में गेहूं की सरकारी खरीद शुरू हो गई है. मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई वाली सरकार ने इस सीजन में गेहूं खरीद के लिए 124 लाख टन का लक्ष्य तय किया है. बताया जा रहा है कि राज्य सरकार ने अपने लक्ष्य को हासिल करने के मकसद से 700 अस्थायी बाजारों का निर्माण भी कराया है. गेहूं खरीद के लिए सरकार ने 2425 रुपये प्रति क्विंटल की कीमत घोषित की है.
कृषि विशेषज्ञों की मानें तो इस बार पंजाब में गेहूं की बंपर फसल हुई है और कुल उत्पादन 190 लाख टन तक पहुंचने की उम्मीद है. 1864 मंडियों और खरीद केंद्रों पर किसानों से गेहूं खरीदा जाएगा और सरकार ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं. उत्तर प्रदेश में जहां 96.47 लाख हेक्टेयर क्षेत्र पर गेहूं की खेती होती है तो वहीं मध्य प्रदेश में 63.61 लाख हेक्टेयर पर इसकी खेती की जाती है. वहीं पंजाब में औसतन 35.26 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं की खेती होती है. लेकिन पर्याप्त सिंचाई सुविधाओं और प्रबंधन में बदलाव के चलते इस क्षेत्र में गेहूं उत्पादकता दूसरे राज्यों की तुलना में ज्यादा है.
ये भी पढ़ें: दलहन और तिलहन की तरफ रुख कर रहे किसान, क्या कम हो जाएगा कपास का दायरा!
इस सीजन में राज्य में 124 लाख टन गेहूं की खरीद की जाएगी. इसके साथ ही पिछले सीजन का पांच लाख टन गेहूं भी स्टॉक में है. ऐसे में पंजाब सरकार के पास टोटल 129 लाख टन गेहूं का स्टॉक रहेगा. सरकारी अनाज खरीद में स्टोरेज भी एक बड़ा सवाल रहता है. साथ ही खरीद के लिए जरूरी अनाज की उपलब्धता हमेशा बनी रहती है. इन दोनों ही बातों को ध्यान में रखते हुए पंजाब सरकार गेहूं खरीद में आगे बढ़ रही है.
सरकार की तरफ से 700 अस्थायी बाजारों का निर्माण कराया गया है. जैसे ही बाजार में खरीदा गया गेहूं पहुंचेगा, वैसे ही इसे लिफ्ट करके गोदाम तक पहुंचा दिया जाएगा. हालांकि अधिकारियों की तरफ से किसानों से अपील की गई है कि वो यह सुनिश्चित करें कि जब गेहूं को बिक्री के लिए लाया जाए तो वह पूरी तरह से सूखा हो. अगर गेहूं अच्छी क्वालिटी का नहीं होगा तो फिर किसानों को गारंटी प्राइस से कम पर ही संतोष करना होगा.
ये भी पढ़ें: अधूरा रहेगा गेहूं खरीदी लक्ष्य! जब बाजार दे रहा ज्यादा कीमत तो सरकार को क्यों बेचेंगे किसान?
पंजाब सरकार की तरफ से कहा गया है कि किसानों को खरीद के 24 घंटे के अंदर गेहूं का भुगतान कर दिया जाएगा. इसके लिए सरकार की तरफ से 28,894 करोड़ रुपये की कैश क्रेडिट लिमिट बैंक की तरफ से ली गई है. किसानों के अकाउंट में पेमेंट सीधे ट्रांसफर की जाएगी. साथ ही किसानों को कोई असुविधा न हो इसके लिए पर्याप्त बिजली सप्लाई, टॉयलेट, साफ पानी और मेडिकल सुविधाओं का इंतजाम भी सरकार की तरफ से किया गया है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today