धान बुवाई के लिए प्रति एकड़ 1500 रुपये देगी पंजाब सरकार, किसानों को अपनानी होगी यह तकनीक

धान बुवाई के लिए प्रति एकड़ 1500 रुपये देगी पंजाब सरकार, किसानों को अपनानी होगी यह तकनीक

पंजाब सरकार ने धान की बुवाई को लेकर किसानों से अपील की है कि वे डीएसआर तकनीक से सीधी बुवाई करें. इससे ग्राउंडवाटर बचेगा और फसल की लागत बचाने में फायदा होगा. राज्‍य सरकार ने 5 लाख एकड़ में सीधी बुवाई का लक्ष्‍य रखा है और इस तकनीक से बुवाई पर 1500 रुपये प्रति एकड़ की वित्‍तीय मदद देने की योजना चलाई है.

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धान बुवाई के लिए प्रति एकड़ 1500 रुपये देगी पंजाब सरकार, किसानों को अपनानी होगी यह तकनीकDSR तकनीक से धान की रोपाई (फाइल फोटो)

पंजाब के किसान अब खरीफ सीजन में धान की बुवाई की तैयारियों में जुट गए हैं. लेकिन इसके पहले राज्‍य के सीएम भगवंत मान ने किसानों से धान की बुवाई को लेकर खास अपील की है. भगवंत मान ने गुरुवार को धान किसानों से अपील की कि वे धान की सीधी बुवाई (डीएसआर) तकनीक अपनाएं. इससे भूजल (ग्राउंडवाटर) के और अधिक दोहन को रोकने में मदद मिलेगी. सरकार ने इसके लिए 5 लाख एकड़ जमीन पर सीधी बुवाई का लक्ष्‍य रखा है और इसे अपनाने पर किसानों को प्रति एकड़ 1500 रुपये की वित्‍तीय मदद भी दी जाएगी.

पांच लाख एकड़ रकबे में सीधी बुवाई का लक्ष्‍य 

एक बयान में सीएम मान ने कहा कि उनके पद का कार्यभार संभालने के बाद उनकी सरकार ने किसानों के हितों की रक्षा के लिए कई महत्वपूर्ण पहलें की हैं. मान ने कहा कि इसी प्रयास के तहत राज्य सरकार ने धान की खेती की डीएसआर तकनीक को प्रोत्साहित किया है, जिसके तहत गुरुवार को इस योजना के तहत बुवाई शुरू कर दी गई है. मान ने कहा कि उनकी सरकार ने इस खरीफ सीजन के दौरान पांच लाख एकड़ जमीन को डीएसआर तकनीक के तहत लाने का लक्ष्य रखा है. 

सीएम ने किसानों से की अपील

किसानों से इस योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाने का आग्रह करते हुए सीएम ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य एक तरफ टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देना है और दूसरी तरफ भूजल का संरक्षण करना है. मान ने आगे कहा कि राज्य सरकार डीएसआर अपनाने के लिए प्रत्येक किसान को 1,500 रुपये प्रति एकड़ की वित्तीय सहायता दे रही है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में इस उद्देश्य के लिए 40 करोड़ रुपये का बजटीय आवंटन भी रखा है.

30 जून तक होंगे रजिस्‍ट्रेशन

उन्होंने कहा कि इसमें रुचि रखने वाले किसान 10 मई से 30 जून तक ऑनलाइन पोर्टल पर डीएसआर योजना के लिए पंजीकरण करा सकते हैं. सीएम ने कहा कि इस योजना से राज्य में 15-20 प्रतिशत भूजल की बचत होगी, साथ ही कृषि पर अतिरिक्त खर्च भी बचेगा. मान ने कहा कि डीएसआर तकनीक भूजल स्तर को कम करने में मदद करने के अलावा प्रति एकड़ लगभग 3,500 रुपये की मजदूरी लागत भी कम करती है.

डीएसआर तकनीक में पानी-मेहनत की बचत

किसानों को पारपरिंक धान बुवाई से अलग डीएसआर तकनीक में ज्‍यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती है. इसमें मशीन से धान की खेती के लिए किसानों को धान की नर्सरी तैयार करने की जरूरत नहीं पड़ती है.डीएसआर मशीन के जरिए किसान सीधे खेत में धान के बीज बो सकते हैं, जिससे मेहनत और पानी की बचत होती है. साथ ही ज्‍यादा क्षेत्रफल में कम समय में बुवाई पूरी की जा सकती है.    

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