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Onion Price: मंडी में कौड़ियों के भाव बिक रहा प्याज, आख‍िर क्यों किसानों को इतना रुलाता है प्याज का दाम?

Onion Price: मंडी में कौड़ियों के भाव बिक रहा प्याज, आख‍िर क्यों किसानों को इतना रुलाता है प्याज का दाम?

महाराष्ट्र स्थ‍ित एशिया की सबसे बड़ी लासलगांव प्याज मंडी में भी क‍िसानों को इस साल स‍िर्फ 1 से लेकर 8 रुपये प्रत‍ि क‍िलो तक का ही दाम म‍िल रहा है. मंडी सम‍ित‍ि के पदाध‍िकारी और प्याज की ट्रेड‍िंग करने वाले व्यापारी इसकी क्या वजह बता रहे हैं. पढ़‍िए र‍िपोर्ट. 

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क‍िसानों को प्याज का कम दाम म‍िलने की वजह क्या है (All Photo-Sarita Sharma/Kisan Tak). क‍िसानों को प्याज का कम दाम म‍िलने की वजह क्या है (All Photo-Sarita Sharma/Kisan Tak).

प्याज के अच्छे दाम को लेकर क‍िसान कई साल से लड़ाई लड़ रहे हैं. लेक‍िन प‍िछले दो साल से वो सबसे बुरा दौर देख रहे हैं. क्योंक‍ि उन्हें 1 से लेकर 8 रुपये क‍िलो तक का ही दाम म‍िल रहा है. जबक‍ि उपभोक्ताओं को यही प्याज 30 रुपये प्रत‍ि क‍िलो तक के दाम पर म‍िल रहा है. यानी प्याज उगाने और खाने वाले परेशान हैं,  लेक‍िन क‍िसानों की यह परेशानी बिचौलियों के लिए कमाई का अच्छा अवसर बन गई है.  जब भी महंगाई की चर्चा शुरू होती है तो सरकार एक्सपोर्ट बैन कर देती है, स्टॉक ल‍िम‍िट तय कर देती है और बहुत प्रेशर हो तो दूसरे देशों से प्याज का इंपोर्ट करने लगती है. लेक‍िन, अब जब यही प्याज एक रुपये किलो हो गया है तो पूरे स‍िस्टम में सन्नाटा छा गया है. व्यापार‍ियों और मंडी सम‍ित‍ि से जुड़े लोगों से पूछ‍िए तो वो ऐसे तर्क दे रहे हैं क‍ि जैसे प्याज के कम दाम के ल‍िए क‍िसान ही ज‍िम्मेदार हैं. 

प्याज की खेती करने वाले क‍िसानों की लगातार आवाज उठा रहे 'क‍िसान तक' ने एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव एपीएमसी के सेक्रेटरी नरेंद्र वाढवणे से बातचीत की. उन्होंने छूटते ही कम दाम के ल‍िए क‍िसानों को कटघरे में खड़ा करना शुरू कर द‍िया. कहा कि डिमांड और सप्लाई की वजह से ऐसा हो रहा है. इस साल प्याज़ का प्रोडक्शन पिछले साल से ज्यादा हुआ है इसलिए दाम कम है. पिछले साल यानी 2022 में इस मंडी में अप्रैल से मार्च तक 85 लाख क्विंटल प्याज की आवक हुई थी. जबक‍ि इस साल अभी अप्रैल में ही 96 लाख क्व‍िंटल की आवक हो चुकी है. 

कम एक्सपोर्ट भी है कम दाम की वजह 

जिले में बेमौसम बारिश और ओले की वजह से प्याज की गुणवत्ता खराब हुई है. इसलिए भी दाम कम मिल रहा है. नरेंद्र वाढवणे ने बताया कि ये बात सच है कि प्याज बेचने आने वाले कुछ किसानों को मंडी में अपनी जेब से भी लगाने पड़ रहे हैं. इसका कारण यह है डिमांड और सप्लाई में बहुत गैप है. ड‍िमांड से बहुत ज्यादा प्याज मार्केट में आ रहा है. यहां से बांग्लादेश और श्रीलंका में प्याज ज्यादा एक्सपोर्ट होती थी. श्रीलंका में क्राइस‍िस है इसल‍िए वहां सप्लाई बंद है. बांग्लादेश में भी डिमांड कम है. वहां पर एक्सपोर्ट हो रहा है लेकिन बहुत कम,  क्योंक‍ि बांग्लादेश में भारी इंपोर्ट ड्यूटी लगी हुई है.  

वाढवणे ने 'क‍िसान तक' संवाददाता को बताया कि इस मंडी में रोजाना औसतन 20 हज़ार क्व‍िंटल प्याज की आवक होती है. लासलगांव मंडी में नासिक, जलगांव, धुले और औरंगाबाद के मुकाबले ज्यादा आवक होती है. यह भी सच है क‍ि अभी मंडी में क‍िसानों को प्याज का जो रेट म‍िल रहा है उससे उनकी लागत नहीं निकल रही है. 

लासलगांव मंडी के सेक्रेटरी नरेंद्र वाढवणे
लासलगांव मंडी के सेक्रेटरी नरेंद्र वाढवणे

 व्यापार‍ियों का क्या है तर्क 

लासलगांव मंडी में प्याज के ट्रेडर रवि ने बताया कि हम व्यापारी किसानों से ज्यादा से ज्यादा प्याज़ खरीद करते हैं ताकि किसानों को अच्छा दाम मिले, लेकिन इस साल बेमौसम बारिश के कारण प्याज़ की गुणवत्ता खराब हुई है इसल‍िए कम दाम म‍िल रहा है. क‍िसानों को प्याज का कम दाम म‍िलने के पीछे सबसे बड़ी वजह सरकार है. दस साल पहले भी किसानों को 500-600 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल पर प्याज बेचना पड़ता था और अब भी यही रेट म‍िल रहा है. जबक‍ि अब प्रोडक्शन कॉस्ट काफी बढ़ गई है. सरकार ने हर एग्री इनपुट पर जीएसटी लगाया हुआ है. ज‍िससे उत्पादन लागत बढ़ रही है. अगर क‍िसानों को जीएसटी नहीं देना होता तो लागत कम होती. ऐसे में कम दाम में भी उन्हें घाटा नहीं होता.  

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कम दाम पर व्यापारी की सफाई 

रव‍ि ने कहा क‍ि ऐसा कोई व्यापारी नहीं है जो किसानों से कम दाम में प्याज खरीदना चाहता हो. ड‍िमांड से अध‍िक सप्लाई होगी तो यही होगा. इस साल महाराष्ट्र ही नहीं दूसरे कई राज्यों में भी प्याज की बंपर पैदावार हुई है. इसल‍िए दाम कम हो गया है. लेक‍िन क‍िसानों को परेशान होने की जरूरत नहीं है. जून के बाद किसानों को प्याज का दाम 2000 रुपये तक मिल सकता है.  क्योंकि किसान खराब प्याज जल्दी-जल्दी बेच रहे हैं. इसके बाद अच्छा प्याज आएगा. अच्छे प्याज का दाम अच्छा ही म‍िलेगा.

लासलगांव मंडी में प्याज की ट्रेडिंग करने वाले रवि
लासलगांव मंडी में प्याज की ट्रेडिंग करने वाले रवि

ज्यादा उत्पादन को कमजोर न माने सरकार 

महाराष्ट्र प्याज उत्पादक संगठन के संस्थापक अध्यक्ष भारत द‍िघोले का कहना है क‍ि प्याज के ज्यादा उत्पादन को तो सरकार और ट्रेडर्स को अपनी ताकत मानना चाह‍िए. इस समय कई देशों में प्याज का दाम आसमान पर है उन्हें एक्सपोर्ट करना चाह‍िए. इससे देश के पास व‍िदेशी मुद्रा आएगी और क‍िसानों का भला भी होगा. लेक‍िन, दुर्भाग्य से सरकार और व्यापारी ज्यादा प्याज उत्पादन को कृष‍ि जगत की कमजोरी मान बैठे हैं. केंद्रीय कृष‍ि मंत्रालय के अनुसार साल 2022-23 के दौरान प्याज का उत्पादन 318 लाख मीट्र‍िक टन होने का अनुमान है. जबक‍ि पिछले साल 316.98 एलएमटी उत्पादन था. वर्ष 2019-20 में स‍िर्फ 261 लाख मीट्र‍िक टन प्याज का उत्पादन हुआ था.