महाराष्ट्र: लासलगांव और नासिक में प्याज के नहीं मिल रहे सही भाव, आंदोलन की तैयारी में किसान

महाराष्ट्र: लासलगांव और नासिक में प्याज के नहीं मिल रहे सही भाव, आंदोलन की तैयारी में किसान

नासिक जिले के किसानों को दो से तीन महीने खेतों में मेहनत करने के बाद भी नुकसान उठाना पड़ रहा है. इसलिए उन्होंने केंद्र सरकार से इच्छा व्यक्त की है कि या तो प्याज के लिए दो हजार रुपये प्रति क्विंटल की दर से भुगतान किया जाए या 2000 रुपये की सब्सिडी दी जाए. किसानों ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर केंद्र सरकार ने मांग पर ध्यान नहीं दिया तो वे उग्र आंदोलन करेंगे.

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महाराष्ट्र: लासलगांव और नासिक में प्याज के नहीं मिल रहे सही भाव, आंदोलन की तैयारी में किसानप्याज के दाम गिरने से महाराष्ट्र के किसान परेशान

महाराष्ट्र के लासलगांव और नासिक में प्याज के दाम तेजी से गिर रहे हैं जिससे किसान परेशान हो गए हैं. इन दोनों इलाकों में बड़े पैमाने पर प्याज की खेती होती है और देश-दुनिया में सप्लाई की जाती है. लेकिन दाम गिरने से किसानों में घोर परेशानी देखी जा रही है. किसानों की चिंता है कि अगर प्याज के उचित दाम नहीं मिले तो उनकी लागत भी नहीं निकल पाएगी. किसानों की स्थिति इस बात से समझी जा सकती है कि नासिक में किसानों ने लाल प्याज की कम कीमत को लेकर केंद्र सरकार से इच्छामृत्यु की मांग की है.

देश में प्याज की आपूर्ति करने वाली नासिक की कृषि उपज मंडी समिति के लासलगांव और येवला में लाल प्याज के दाम सबसे कम मिल रहे हैं. हालात ये हैं कि यहां प्याज औसतन 300 से 500 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है. इसका मतलब हुआ कि किलो का भाव तीन से पांच रुपये तक चल रहा है जबकि खुदरा बाजार में भाव 20 से 30 रुपये के बीच बना हुआ है.

किसानों का कहना है कि अगर दाम ऐसे ही रहे तो उनकी लागत भी नहीं निकल पाएगी. यही हाल कॉटन और सोयाबीन को लेकर भी देखा जा रहा है. सब्जियों की फसल भी ऐसे ही मारी गई है. इन सभी बातों को लेकर किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं. एक एकड़ प्याज की खेती के लिए एक किसान करीब 50 हजार रुपये खर्च करता है, लेकिन मौजूदा कीमतों को देखते हुए एक एकड़ प्याज बेचने पर किसान के हाथ में 20 से 25 हजार रुपये ही बचते हैं. इस तरह एक एकड़ में किसान को 25 हजार रुपये तक का घाटा हो रहा है.

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नासिक जिले के किसानों को दो से तीन महीने खेतों में मेहनत करने के बाद भी नुकसान उठाना पड़ रहा है. इसलिए उन्होंने केंद्र सरकार से इच्छा व्यक्त की है कि या तो प्याज के लिए दो हजार रुपये प्रति क्विंटल की दर से भुगतान किया जाए या 2000 रुपये की सब्सिडी दी जाए. किसानों ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर केंद्र सरकार ने मांग पर ध्यान नहीं दिया तो वे उग्र आंदोलन करेंगे. कुछ किसान विरोध के रूप में सरकार से इच्छामृत्यु की मांग कर रहे हैं. 

पूरे महाराष्ट्र में जहां प्याज का भाव गिर रहा है, वहीं सोलापुर में एक किसान इसकी चपेट में आ गया है. किसान हैरान है क्योंकि सोलापुर और उस्मानाबाद की सीमा पर दिन-रात उगाई जाने वाली 512 किलो प्याज की कीमत महज 2 रुपये मिल रही है. सोलापुर जिले के बरशी तालुका के ग्राम बोरगांव (ज़ादी) के किसान राजेंद्र तुकाराम चव्हाण ने अपने दो एकड़ खेत में प्याज लगाया था. राजेंद्र चव्हाण ने प्याज से प्राप्त धन से अपना कर्ज चुकाने के इरादे से प्याज के दस बैग भेजे. 17 फरवरी 2023 को सोलापुर में सूर्या ट्रेडर्स प्याज के 10 बोरे का वजन 512 किलो था, लेकिन प्याज के दाम गिरने से किसान को एक रुपये प्रति किलो के भाव मिला.

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हमाली, तोलाई के साथ वाहन का किराया कटने के बाद दो रुपये ही बचे. कृषि आय बाजार समिति के व्यापारी सूर्या ट्रेडर्स ने राजेंद्र चव्हाण के पक्ष में दो रुपये का चेक दिया. पूर्व सांसद ने राजेंद्र चव्हाण का दर्द सोशल मीडिया पर साझा किया. स्वाभिमानी शेतकर संगठन के अध्यक्ष राजू शेट्टी ने सत्ताधारियों की आलोचना करते हुए सवाल किया कि एक व्यापारी को दो रुपये का चेक देते हुए उन्हें शर्म कैसे नहीं आई.(इनपुट/ANI, साहिल जोशी, विजय कुमार)

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