रबी बुवाई में रिकॉर्ड बढ़ोतरी: 536 लाख हेक्टेयर पार, गेहूं-दाल-मक्का का रकबा तेजी से बढ़ा

रबी बुवाई में रिकॉर्ड बढ़ोतरी: 536 लाख हेक्टेयर पार, गेहूं-दाल-मक्का का रकबा तेजी से बढ़ा

बेहतर मॉनसून और MSP में समय से बढ़ोतरी के चलते मौजूदा रबी सीजन में फसलों का कुल रकबा 24 लाख हेक्टेयर बढ़कर 536 लाख हेक्टेयर से ज्यादा हो गया है, जिससे उत्पादन और किसानों की आय बढ़ने की उम्मीद है.

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रबी बुवाई में रिकॉर्ड बढ़ोतरी: 536 लाख हेक्टेयर पार, गेहूं-दाल-मक्का का रकबा तेजी से बढ़ारबी सीजन में दलहन-तिलहन का रकबा बढ़ा

ताजा सरकारी डेटा के अनुसार, मौजूदा सर्दियों के मौसम में रबी फसलों के तहत बोया गया कुल रकबा 536 लाख हेक्टेयर से ज्यादा हो गया है (12 दिसंबर तक). यह पिछले साल इसी अवधि के 512.76 लाख हेक्टेयर के आंकड़े की तुलना में 24 लाख हेक्टेयर की बढ़ोतरी है.

कृषि मंत्रालय के अनुसार, पिछले साल इसी अवधि के 115.41 लाख हेक्टेयर की तुलना में अब 117.11 लाख हेक्टेयर क्षेत्र दालों के तहत आ गया है.

जबकि 12 दिसंबर तक 'श्री अन्न और मोटे अनाज' के तहत 41.77 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवर किया गया है, तिलहन 89.79 लाख हेक्टेयर को पार कर गया है.

बोए गए क्षेत्र में बढ़ोतरी से ज्यादा उत्पादन होने की उम्मीद है, जिससे किसानों की आय बढ़ेगी और खाद्य महंगाई को भी कंट्रोल में रखने में मदद मिलेगी.

आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि गेहूं के तहत रकबा पिछले साल इसी अवधि के 258.48 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 275.66 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो 17.18 लाख हेक्टेयर की बढ़ोतरी है.

उड़द, मसूर और मूंग जैसी दालों के तहत रकबा पिछले साल इसी अवधि के 115.41 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 117.11 लाख हेक्टेयर हो गया है.

ज्वार, बाजरा और रागी जैसे मोटे अनाज या बाजरा के तहत कवर किया गया क्षेत्र पिछले साल इसी अवधि के 35.94 लाख हेक्टेयर की तुलना में मौजूदा सीजन में अब तक 36.28 लाख हेक्टेयर हो गया है।

सरसों और राई जैसे तिलहन के तहत रकबा पिछले साल इसी अवधि के 87.10 लाख हेक्टेयर से 2.70 लाख हेक्टेयर बढ़कर 89.79 लाख हेक्टेयर हो गया है.

मक्का की खेती में भी अच्छी बढ़ोतरी देखी गई है. पिछले साल इसी अवधि में 13.99 लाख हेक्टेयर की तुलना में इस साल 12 दिसंबर तक 15.60 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई है. इस तरह मक्के में 1.61 लाख हेक्टेयर की वृद्धि दर्ज की गई है. 

मौजूदा सीजन में बोया गया रकबा बढ़ गया है क्योंकि बेहतर मॉनसून की बारिश ने देश के असिंचित क्षेत्रों में बुवाई को आसान बना दिया है, जो देश की कृषि भूमि का लगभग 50 प्रतिशत है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCEA) ने 1 अक्टूबर को 2026-27 मार्केटिंग सीज़न के लिए सभी अनिवार्य रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी, ताकि किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य मिल सके.

न्यूनतम समर्थन मूल्य बुवाई के मौसम से काफी पहले घोषित किए जाते हैं ताकि किसान उसी के अनुसार अपनी फसल योजना बना सकें और अपनी कमाई को ज्यादा से ज्यादा कर सकें.

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