संबलपुर में टोकन संकट का असर, किसान करेंगे प्रदर्शनओड़िशा के संबलपुर जिले के किसान अपनी फसल बेचने में बड़ी परेशानी का सामना कर रहे हैं. उन्हें उनके धान (पॉली) की बिक्री के लिए टोकन नहीं मिल रहे हैं. किसान संगठन पश्चिम ओड़िशा कृषक संगठन समन्वय समिति (POKSSS) का कहना है कि प्रशासन उनकी समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दे रहा है.
इसकी वजह से बहुत सारे किसान अपने खेतों की धान मंडी तक ले जाने वाले ट्रकों में फंसे हुए हैं. इससे धान खराब होने का डर है और ट्रांसपोर्ट का खर्च भी बढ़ रहा है.
इस साल संबलपुर में लगभग 65,143 किसानों ने धान की बिक्री के लिए पंजीकरण कराया है. लेकिन POKSSS का कहना है कि करीब 40,000 किसानों को सिर्फ एक टोकन दिया गया है. एक टोकन केवल 75 क्विंटल धान के लिए होता है. बाकी किसान अभी तक कोई टोकन ही नहीं पाए हैं.
किसानों का कहना है कि इससे उनकी धान की बिक्री बहुत धीरे हो रही है और पहले कभी ऐसा नहीं हुआ. संगठन ने कहा कि अगर सरकार मदद नहीं करेगी तो संकट और बढ़ सकता है.
12 दिसंबर को POKSSS और जिला कृषक सुरक्षा संगठन के सदस्य संबलपुर में विरोध प्रदर्शन कर चुके हैं. उन्होंने हाईवे पर वाहनों को रोककर अपनी बात सरकार तक पहुंचाई.
किसानों का कहना है कि 19 दिसंबर तक वे प्रतीकात्मक हड़ताल करेंगे. अगर सरकार ने उनकी समस्या का समाधान नहीं किया, तो वे एक बड़ी हड़ताल करेंगे.
खाद्य आपूर्ति मंत्री कृष्ण चंद्र पाटरा ने कहा कि रविवार को किसानों की समस्याओं पर बैठक हुई. उन्होंने बताया कि सभी पंजीकृत किसानों को टोकन जारी किए जाएंगे. मंत्री ने कहा कि गैर सिंचित जमीन में प्रति एकड़ 17 क्विंटल और सिंचित जमीन में 19 क्विंटल धान खरीदा जाएगा. इसके अलावा किसान अपनी अतिरिक्त धान को खुले बाजार में बेच सकते हैं या घर में अपने लिए रख सकते हैं.
किसानों का कहना है कि संकट तब ही हल होगा जब सरकार प्रशासन को आदेश दे और टोकन प्रक्रिया को जल्दी पूरा करे. इससे किसान अपने मेहनत की कमाई सुरक्षित कर पाएंगे और उन्हें भारी नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा.
संबलपुर के किसान अपनी फसल की सुरक्षा और सही कीमत के लिए संघर्ष कर रहे हैं. टोकन प्रणाली में सुधार और सरकार का समय पर हस्तक्षेप उनकी परेशानियों को कम कर सकता है.
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