मध्य प्रदेश में इस बार 80 लाख मीट्रिक टन गेहूं उत्पादन का अनुमान है. राज्य के मालवा और इसके आसपास के कुछ क्षेत्रों में इन दिनों गेहूं की फसल पककर तैयार होने लगी है. इन इलाकों में बुवाई भी जल्दी हो जाती है, जिससे बाकी हिस्से के मुकाबले पहले उपज मिलना शुरू हो जाती है. मालवा क्षेत्र की कुछ मंडियों में नई फसल की आवक भी शुरू हो चुकी है, लेकिन दाम एमएसपी से ऊपर ही चल रहे हैं. वहीं, 1 मार्च से सरकार एमएसपी पर गेहूं की खरीद शुरू कर रही है. फसल अलग-अलग पकने के कारण एमपी सरकार दो चरणों में गेहूं की खरीद कर रही है. मध्य प्रदेश में अबतक करीब 3 लाख किसान एमएसपी पर गेहूं बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं.
खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत भी खरीद प्रक्रिया को लेकर एक्शन में नजर आ रहे हैं, ताकि किसानों को असुविधा न हो. खाद्य मंत्री राजपूत ने जानकारी देते हुए बताया कि इंदौर, उज्जैन, भोपाल और नर्मदापुरम संभाग में गेहूं खरीदी का कार्य 1 मार्च से शुरू होकर 18 अप्रैल तक जारी रहेगी. वहीं अन्य बचे हुए संभागों में 17 मार्च से 5 मई 2025 तक गेहूं की खरीदी चलेगी. केंद्र सरकार ने मार्केटिंग सीजन 2025-26 के लिए गेहूं का एमएसपी 2425 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है.
प्रमुख सचिव खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण रश्मि अरूण शमी ने बताया इस बार मध्यप्रदेश में 80 लाख मीट्रिक टन गेहूं उत्पादन का अनुमान है. इस बार गेहूं उपार्जन में स्लॉट बुकिंग के लिए लघु और सीमांत किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी. मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने मंगलवार को समीक्षा बैठक में अफसरों को रबी मार्कटिंग सीजन 2025-26 के गेहूं उपार्जन की अवधि के दौरान उपार्जन केन्द्रों पर आने वाले किसानों के लिए सभी पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही मिलने पर उपार्जन के काम से जुड़े अधिकारी-कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
मंत्री ने कहा कि उपार्जन केन्द्रों पर आने वाले किसानों के लिए छाया की सुविधा के लिए शेड लगाने, पीने के पानी, प्रतीक्षा कक्ष, दरियां, टेबल, कुर्सी और शौचालय आदि की व्यवस्था करने के लिए कहा है. साथ ही समिति स्तर पर पर्याप्त बिजली की सुविधा, हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्शन, इलेक्ट्रॉनिक उपार्जन उपकरण और किसानों की जानकारी के लिए सूचना पटल पर उपार्जन से जुड़ी जानकारी दिखाने के लिए कहा है. राजपूत ने निर्देश दिए हैं कि न्यूनतम समर्थन मूल्य के बारे में ज्यादा से ज्यादा जागरूकता लाएं, ताकि गेहूं खरीदी केन्द्रों तक ज्यादा से ज्यादा पंजीकृत किसान अपनी फसल लेकर पहुंचे. उन्होंने अधिकारियों को किसानों को गेहूं खरीदने के बाद जल्द से जल्द भुगतान करने के लिए भी कहा है.
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