इन दिनों देश में खरीफ फसलों की बुवाई चल रही है. खेती के लिहाज से खरीफ सीजन बहुत खास माना जाता है. खरीफ सीजन की सबसे खास फसल धान को माना जाता है लेकिन धान के अलावा भी कई फसलें हैं जिनकी खेती करके किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं. धान के अलावा कई दलहन और तिलहन फसलें उगाई जाती हैं. इस खबर में आपक सूरजमुखी की खेती के बारे में बताएंगे जिससे किसान अच्छी-खासी कमाई कर सकते हैं.
सूरजमुखी की खेती रबी और खरीफ दोनों ही सीजन में की जा सकती है. ज्यादातर लोग सूरजमुखी को सिर्फ फूल के रूप में जानते हैं जबकि ये एक तिलहन फसल है और बड़े पैमाने में इसकी खेती की जाती है. इसके बीजों से तेल निकलता है जिसका इस्तेमाल खाने के रूप में किया जाता है, इसकी मांग जबरदस्त रहती है. आप एक हेक्टेयर में सूरजमुखी की खेती करके लाखों की कमाई भी सकते हैं. आइए जान लेते हैं कि इसकी खेती का तरीका क्या है?
सूरजमुखी की खेती के लिए खेत की अच्छी जुताई करें. इसके बाद खेत में गोबर की खाद पलट कर पाटा चला दें. रोपाई से 12 घंटे पहले अब बीजों को भिगों लीजिए और फिर 3-4 घंटे तक छांव में सुखाकर सीड ड्रील से बुवाई करें. एक हेक्टेयर खेत में हाइब्रिड वाले 5 किलो बीज की आवश्यकता होती है.
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बीजों को कतारों में बोना चाहिए, लाइन से लाइन की दूरी 60 सेमी और पौधे से पौधे की दूरी 30 सेमी होनी चाहिए.
सूरजमुखी की फसल को नियमित रूप से पानी देना चाहिए लेकिन जलभराव नहीं होने देना चाहिए. जब इसमें फूल आने लगते हैं तब नमी सूखनी नहीं चाहिए. सबसे जरूरी बात है कि इन पौधों को पर्याप्त धूप की जरूरत होती है, दिन में कम से कम 8 घंटे की धूप लगनी जरूरी है तभी सूरजमुखी के पौधे मैच्योर होते हैं.
सूरजमुखी एक तिलहन फसल है और इसके बीजों को पेरकर तेल निकाला जाता है. हालांकि इससे अधिक फायदे के लिए सही टाइप पर कटाई करना बहुत जरूरी है. जब फूल पीछे से पूरी तरह से पीले हो जाते हैं, तो वे कटाई के लिए तैयार हो जाते हैं. फूलों को काटकर खेत में ढेर किया जाता है. जब फूल सूख जाते हैं तब उनसे बीजों को अलग कर लिया जाता है. आमतौर पर सूरजमुखी की फसल को तैयार होने में 3-4 महीने का समय लगता है.
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