4 हजार एकड़ धान में बौना वायरस का प्रकोप, दवा छिड़काव से भी नहीं रुक रही बीमारी

4 हजार एकड़ धान में बौना वायरस का प्रकोप, दवा छिड़काव से भी नहीं रुक रही बीमारी

हरियाणा के बडज़े भूभाग में ड्वार्फ यानी बौना वायरस का प्रकोप देखा जा रहा है. इसकी जांच के लिए केंद्र की एक टीम ने खेतों का दौरा किया और किसानों को इस वायरस से बचाव का उपाय बताया. प्रभावित किसान सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं.

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4 हजार एकड़ धान में बौना वायरस का प्रकोप, दवा छिड़काव से भी नहीं रुक रही बीमारीधान पर फिजी वायरस का प्रकोप

करनाल में इन दिनों फिजी वायरस (ड्वार्फ या बौना वायरस) के प्रकोप से किसान परेशान नजर आ रहे हैं, क्योंकि धान के पौधों की ग्रोथ रुक गई है. इसके चलते धान की फसल को 5 से 10 प्रतिशत नुकसान की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. कहीं-कहीं तो फिजी वायरस यानी बौना वायरस का प्रकोप 20 से 25 प्रतिशत तक देखा जा रहा है. जिले में फिजी वायरस का प्रकोप कितना है, ये जांचने के लिए केंद्र की ओर से कृषि विभाग की टीम ने यहां के 8-10 गांवों का दौरा किया. जांच में सामने आया कि 4 हजार एकड़ में फिजी वायरस का कुछ प्रकोप देखने को मिला है, लेकिन ज्यादा नहीं. 5 सौ एकड़ में करीब 25 प्रतिशत के नुकसान का अंदेशा है.

किसानों की मानें तो फिजी वासरस का प्रकोप इतना है कि कई किसानों ने तो अपनी फसल को नष्ट कर दिया क्योंकि प्रकोप ज्यादा हो गया था. इसके अलावा कई किसान फसल को बौना वायरस से बचाने के लिए दवाई आदि का प्रयोग कर फसल को बचाने के लिए लगे हुए हैं, जिससे फसल की लागत बढ़ गई है. किसानों ने सरकार से मांग की है कि जिनका नुकसान हुआ है, उन्हें उचित मुआवजा जारी किया जाए ताकि किसानों को आर्थिक रूप से नुकसान होने से बचाया जा सके.

डॉक्टरों ने खड़े किए हाथ

किसान हुक्म सिंह ने बताया कि डाक्टरों को भी बीमारी के बारे में पता नहीं लग रहा है. डाक्टर भी हाथ खड़े कर गए हैं. दवाइयों से भी बीमारी नहीं रुक रही है. किसान ने कहा कि वे करीब 35 सालों से खेती कर रहे हैं. पहली बार ऐसी बीमारी आई है, किसान परेशान हैं. उन्होंने कहा कि सरकार से मांग है कि सरकार किसानों को राहत प्रदान करे.

5 प्रतिशत से अधिक नुकसान

किसान हुक्म सिंह ने कहा कि बौना वायरस के कारण फसलों में कहीं 5 तो कही 10 प्रतिशत का नुकसान हुआ है. मेरे भाई ने काफी लागत से फसल को बचाया है. उन्होंने करीब 5 एकड़ फसल को नष्ट कर दिया है. उन्होंने कहा कि जिले में कहीं 5 तो कही पर इससे ज्यादा नुकसान हुआ है. सरकार को किसानों की मदद करनी चाहिए.

डॉ वजीर सिंह, उप कृषि निदेशक ने फिजी वायरस को लेकर जानकारी देते हुए बताया कि कई क्षेत्रों में फिजी वायरस देखने को मिल रहा है. इसको बौना वायरस भी कहा जाता है. इसमें पौधा छोटा हो जाता है, पीला भी हो जाता है, ग्रोथ नहीं होती. केंद्र सरकार की ओर से टीम भेजी गई थी. टीम ने मिलकर 8 से 10 गांवों में सर्वें किया. चार हजार एकड़ में कुछ प्रतिशत में फिजी वायरस का प्रकोप पाया गया. किसान बिल्कुल भी न डरें, ये बीमारी 2022 में भी आई थी. अगर किसान को खेत में बौना वायरस से ग्रसित पौधा दिखे तो इसे उखाड़कर नष्ट कर दें. 

डॉ वजीर सिंह ने कहा, फसल पर 5 से 10 प्रतिशत का ही प्रकोप पाया. 5 सौ एकड़ ऐसी फसल है, जहां पर 25 प्रतिशत का प्रकोप पाया गया है. 15 से 20 जून तक जो धान लगाई गई, उनमें फिजी वायरस का प्रकोप पाया गया है. पीआर 14, 1509, पीआर 114 में ज्यादा प्रकोप पाया गया. अभी किसानों को डरने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि फिजी वायरस का प्रकोप ज्यादा नहीं है. अभी तक ऐसी नौबत नहीं आई है कि फसल को नष्ट करना पड़े. किसान कृषि वैज्ञानिकों द्वारा जो हिदायत जारी की जा रही है, उसका पालन करें.

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