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मध्यप्रदेश: सीहोर के शरबती गेहूं पर मौसम की मार, 25-30 परसेंट तक नुकसान की आशंका

मध्यप्रदेश: सीहोर के शरबती गेहूं पर मौसम की मार, 25-30 परसेंट तक नुकसान की आशंका

सीहोर का शरबती गेहूं देश भर में अपनी अलग पहचान रखता है. सोने जैसी पीली चमक, छोटे दाने और बेहतरीन स्वाद के लिए इसकी प्रदेश के कई हिस्सों में अत्यधिक डिमांड रहती है. चमक के चलते शरबती गेहूं महंगा बिकता है. लेकिन बेमौसम बारिश से इसकी चमक फीकी पड़ जाएगी.

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सीहोर में शरबती गेहूं पर बेमौसम बारिश की मार सीहोर में शरबती गेहूं पर बेमौसम बारिश की मार

मध्य प्रदेश में सीहोर के शरबती गेहूं पर मौसम की मार पड़ी है. पहले अत्यधिक गर्मी और अब बेमौसम बारिश ने गेहूं की फसल को बर्बाद कर दिया है. हालिया बारिश से 25 से 30 प्रतिशत नुकसान की आशंका जताई जा रही है. बेमौसम बारिश से शरबती गेहूं की चमक फीकी पड़ने की आशंका जताई जा रही है. साथ ही उत्पादन पर भी असर पड़ने की संभावना है. शुक्रवार को सीहोर में हवा के साथ आंधी और बारिश से खेतों में गेहूं की फसल बिछ गई. पूरी फसलें खेतों में आड़ी-तिरछी गिर गई हैं. इस मौसमी मार के बाद किसान चिंतित और परेशान हैं. किसानों ने मुआवजे की मांग उठाई है. कहा जा रहा है कि बारिश से गेहूं की चमक के साथ वजन भी कम होगा.

सीहोर के शरबती गेहूं की देश भर में डिमांड रहती है. ऐसा अनुमान है कि आगामी दिनों इस इलाके में फिर भारी बारिश होगी. नया चक्रवाती तूफान आने की भी आशंका जाहिर की गई है. लेकिन अभी यह गेहूं भारी चुनौतियों से गुजर रहा है. देश भर में अपने बेहतरीन स्वाद के लिए मशहूर सीहोर के शरबती गेहूं पर मौसम की मार देखी जा रही है. सीहोर में गेहूं की फसल पर आसमानी आफत का कहर लगातार जारी है. फरवरी महीने में अप्रैल-मई जैसी गर्मी पड़ी जिससे गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा. अब विगत दिनों में तीन बार तेज हवा, आंधी और बारिश से फसलों को अत्यधिक नुकसान पहुंचा है.

गेहूं की फसल खेतों में पूरी तरह से बिछ गई है, फसलें पूरी तरह से आड़ी हो गई हैं. आरंभिक जानकारी में 25 से 30 परसेंट के नुकसान की आशंका है. वहीं नुकसान का आंकड़ा आगे और बढ़ने की संभावना भी है. बेमौसम बारिश से जो फसल खेत में खड़ी थी, वह पूरी तरह से बिछकर आड़ी हो गई है. साथ ही, जो फसल पककर तैयार हो चुकी थी, उसका दाना गिर गया है. जो गेहूं कट कर खेतों में पड़ा था, वह भी खत्म हो गया है.

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बारिश से बर्बाद फसलों को लेकर किसान चिंतित और परेशान नजर आ रहे हैं. किसानों का कहना है कि फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है, अब जल्द से जल्द सर्वे कराया जाना चाहिए और राहत राशि दी जाना चाहिए जिससे नुकसान की कुछ भरपाई हो सके. 

सीहोर का शरबती गेहूं देश भर में अपनी अलग पहचान रखता है. सोने जैसी पीली चमक, छोटे दाने और बेहतरीन स्वाद के लिए इसकी प्रदेश के कई हिस्सों में अत्यधिक डिमांड रहती है. चमक के चलते शरबती गेहूं महंगा बिकता है. लेकिन बेमौसम बारिश से इसकी चमक फीकी पड़ जाएगी. बारिश से इसके उत्पादन के साथ ही इसकी चमक पर भी असर पड़ेगा जिससे यह कम भाव में बिकेगा.

कृषि विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक इस बार तीन लाख 42 हजार हेक्टेयर में गेहूं की बोवनी की गई थी. यहां 48 से लेकर 50 क्विंटल तक प्रति हेक्टेयर की पैदावार होने का अनुमान है. लेकिन बेमौसम बारिश ने फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया है जिससे गेहूं के उत्पादन में काफी कमी आएगी. करीब 25 से 30 प्रतिशत तक नुकसान की संभावना है. 

एक्सपर्ट बताते हैं कि बेमौसम बारिश से गेहूं, चने की फसल के साथ ही सब्जी और फलों पर भी बारिश का असर पड़ेगा. हवा और आंधी से आम का बौर पूरी तरह से गिर गया है. नींबू के साथ आंवला और बेरी का बौर भी गिरा गया है. वहीं सब्जियों और फलों पर सफेद कीट का प्रकोप बढ़ जाएगा जिससे सब्जियों को काफी नुकसान होगा.

कृषि और मौसम अधिकारी डॉ. एसएस तोमर ने जानकारी देते हुए बताया कि आगामी दिनों में फिर से बारिश होगी. अगले 72 घंटे के बाद मौसम फिर से इसी तरह होने वाला है हवा, आंधी और बारिश होगी जिससे फसली नुकसान बढ़ सकता है. किसान योगेश परमार कहते हैं, बारिश से फसल चौपट हो चुकी है, 30 से 40 परसेंट का नुकसान है. फसल खेतों में बिछ गई है. प्रशासन सर्वे करे और राहत राशि दे जिससे कुछ नुकसान की भरपाई हो सके.

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किसान कमलेश राठौर कहते हैं, 15 एकड़ में गेहूं की खेती करते हैं. 10 एकड़ में गेहूं जो हरा था, वो पूरा खेतों में बिछ गया है. बाकी जो कटा पड़ा हुआ वह पूरी तरह से पिट चुका है. सुखाने के लिए गेहूं को अलटी पलटी कर रहे हैं. गेहूं की चमक चली गई है. पूरा गेहूं काला पड़ गया है. उपज में 40 परसेंट का नुकसान होगा, अभी तक सर्वे नहीं हुआ है. सर्वे कराकर राहत राशि दी जाना चाहिए.

कृषि और मौसम विस्तार अधिकारी डॉ. एसएस तोमर कहते हैं, पिछले 20 से 25 दिनों में अत्यधिक गर्मी पड़ी और तापमान में बढ़ोतरी हुई. इससे चक्रवाती तूफान की स्थिति बनी और बारिश हुई. बेमौसम बारिश से दो तरह का नुकसान होगा. फसलें गिरने से क्वालिटी गिरेगी और जो पक गई उसकी चमक गिरेगी और वजन भी कम होगा. आगामी 72 घंटे बाद फिर मौसम ऐसे ही बनने की संभावना है. नया चक्रवाती तूफान ताउते आ रहा है जिससे फिर बारिश होगी. वही 25 से 30 प्रतिशत नुकसान गेहूं के साथ सभी फसलों में है. (रिपोर्ट/नवेद जाफरी)