मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में ओलावृष्टि और बारिश के बाद अब किसानों की फसलों पर कीट के प्रकोप की संभावना है. कहा जा रहा है कि अगले दिनों में एक बार फिर मौसम बदलेगा और नया चक्रवात बनेगा. हल्के बादल छाने के साथ ही बारिश होगी. इसके बाद रस चूसक कीट का प्रकोप पड़ने की संभावना है. इससे फसलों खासकर सब्जियों को बड़ा नुकसान पहुंच सकता है. इस संभावित खतरे को लेकर कृषि मौसम विस्तार अधिकारी ने एडवायजरी जारी की है. हाल के दिनों में मध्य प्रदेश के कई इलाकों में जोर की बारिश और ओलावृष्टि देखी गई है. इससे फसलों को भारी नुकसान हुआ है जिसमें गेहूं और सब्जियां प्रमुख हैं.
मिली जानकारी के मुताबिक किसानों की आफत कम होने का नाम नहीं ले रही है. पहले ओलावृष्टि और बारिश ने फसलों को नुकसान पहुंचाया. अब कीट प्रकोप पड़ने की संभावना है. बताया गया है कि अगले कुछ घंटे के दौरान मौसम में परिवर्तन होगा और नया चक्रवात बनेगा जिसके चलते हल्के बादल छाएंगे, साथ ही बारिश भी होगी. लगातार हो रहे मौसम में परिवर्तन के चलते अब फसलों पर कीट का प्रकोप बढ़ने की संभावना शासकीय आरएके कॉलेज स्थित मौसम केंद्र द्वारा जताई जा रही है.
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कृषि और मौसम विस्तार अधिकारी डॉ. एसएस तोमर की मानें तो रस चूसक कीट फलों और सब्जियों को नुकसान करेगा. बार-बार हो रहे मौसम परिवर्तन के चलते कीट फलों और सब्जियों पर बड़े पैमाने पर अटैक करेंगे. इससे काफी नुकसान हो सकता है. कहा जा रहा है कि पूरे मध्य प्रदेश में मौसम में एक बार फिर परिवर्तन होगा. अगले कुछ घंटे में मौसम में बदलाव होगा, बादल छाने के साथ ही बारिश की संभावना बनेगी.
कृषि मौसम विस्तार अधिकारी के मुताबिक मौसम में बदलाव का दौर लगातार बना हुआ है. पहले तेज हवा, आंधी, बारिश और अब मौसम फिर से बदलेगा. पूर्वानुमान के मुताबिक घने बादल से मध्यम घने बादल की स्थिति बनेगी. साथ ही 14 से लेकर 18 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा की गति का अनुमान जारी किया गया है. ओले गिरने की भी संभावना है.
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एक्सपर्ट बताते हैं कि मूंग सहित सब्जियों पर कीट और रोगों का प्रकोप एक साथ होगा. एक बड़ी समस्या ये है कि किसानों को पहचान करना मुश्किल हो जाता है कि फसल पर कौन सा कीट लगा है. किसान यह भी तय नहीं कर पाते कि किसी कीट के लिए कौन सा कीटनाशक इस्तेमाल करना है. इस स्थिति में किसान अत्यधिक कीटनाशकों का प्रयोग करते हैं. कृषि एक्सपर्ट कहते हैं कि खेत की निगरानी कर और कीट की पहचान कर सही कीटनाशक का प्रयोग करना चाहिए. साथ ही, रस चूसने वाले, काटने और चबाने वाले कीटों की दवाई का कॉम्बिनेशन प्रयोग करना चाहिए.
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