तसर की खेती से दोगुनी होगी किसानों की आय, वैज्ञानिकों ने दी उन्नत कृषि की ट्रेनिंग

तसर की खेती से दोगुनी होगी किसानों की आय, वैज्ञानिकों ने दी उन्नत कृषि की ट्रेनिंग

इस मौके पर केंद्रीय तसर अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान, रांची के निदेशक डा. एन.बी. ने तसर रेशमकीट में होने वाली बीमारियों और उनके बचाव के तरीकों के बारे में बताया साथ ही किसानों से तसर की उत्पादकता बढ़ाने की अपील की.

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तसर की खेती से दोगुनी होगी किसानों की आय, वैज्ञानिकों ने दी उन्नत कृषि की ट्रेनिंगतसर खेती की दी गई ट्रेनिंग

तसर रेशन उत्पादन को बढावा देने के लिए केंद्रीय तसर अनुसंधान एंव प्रशिक्षण संस्थान रांची की तरफ से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. इस प्रयास के तहत झारखंड के अलावा अन्य राज्यों में भी संस्थान की तरफ से कार्यक्रम किए जाते हैं. इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में एक कार्यक्रम का आय़ोजन किया गया. तसर अनुसंधान केंद्र की तरफ से राजकीय तसर रेशम फार्म मुनगाडीह जनपद सोनभद्र में "तसर कीटपालन पर जागरूकता एवं प्रौद्योगिकी प्रदर्शन कार्यक्रम" आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम के तहत किसान चौपाल का आयोजन किया गया. इसके माध्यम से तसर किसानों को आधुनित तकनीकों के बारे में जानकारी दी गई है और उस पर चर्चा भी की गई. 

इस मौके पर केंद्रीय तसर अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान, रांची के निदेशक डा. एन.बी. ने तसर रेशमकीट में होने वाली बीमारियों और उनके बचाव के तरीकों के बारे में बताया साथ ही किसानों से तसर की उत्पादकता बढ़ाने की अपील की. राज्य रेशम विभाग के सहायक निदेशक ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए रेशम की खेती के साथ साथ अन्य खेतों की महत्वके बारे में भी बताया. वहीं तसर वैज्ञानिक डा जयप्रकाश पांडेय ने तसर कीटपालन के दौरान कीट के फील्ड को किस तरह से संक्रमण से बचाया जा सकता है और कैसे बीमारियों से कीट को बचान के लिए मॉनिटरिंग करना है इसके बारे में बताया और साथ ही इसके महत्व पर प्रकाश डाला. 

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किसानों को दी गई तसर खेती की जानकारी

वहीं बीएचयू वाराणसी के डॉ भूपेन्द्र सिंह ने वायरस से होने वाले रोगों के बारे में जानकारी दी साथ ही कहा कि इस क्षेत्र में अभी और शोध करने की जरूरत है. वैज्ञानिक डा जगदज्योति सी ने वैज्ञानिक विधि से तसर की खेती करके उत्पादन बढ़ाने के बारे में जानकारी दी. सहायक रेशम विकास अधिकारी पंकज कुमार, ने तसर फार्म के क्रियाकलापों पर किसानों को जानकारी दी. इस कार्यक्रम में  बैठक के दौरान तसर उत्पादन में बढ़ोतरी लाने के लिए कार्ययोजना पर मंथन किया गया.  तसर अनुसंधान केंद्र रांची के निदेशक ने कहा कि हमें प्रक्षेत्र पर इस बात का पता लगाना होगा कि उत्पादन बढ़ाने के प्रमुख चीजे क्या हैं. साथ ही अपने अनुसंधानों को इसी पर केंद्रित करते हुए आगे कार्य करना होगा. 

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संस्थान की तरफ से विकसित तकनीकों का उपयोग करें वैज्ञानिक

उन्होंने वैज्ञानिकों को सलाह दिया कि तसर के क्षेत्र में कार्य करने वाले वैज्ञानिक राज्य रेशम विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर संस्थान द्वारा विकसित तकनीकों का फील्ड में उपयोग करें ताकि उनका फायदा उठाया जा सके. साथ ही साथ तसर अनुसंधान के क्षेत्र की बारीकियों का अध्ययन करने का भी सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि हमारा मुख्य उद्देश्य अनुसंधान के माध्यम से ग्रामीण आदिवासी आबादी की आजीविका में वृद्धि करना है. सहायक निदेशक रणबीर सिंह ने राज्य रेशम की गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी साथ ही उन्हें आश्वस्त किया कि राज्य रेशम विभाग तसर उत्पादन को बढ़ाने की दिशा में कोई कसर नहीं छोड़ेगा और निश्चित रूप से आने वाले समय में हम तसर रेशम का उत्पादन बढ़ाने में सक्षम होंगे. इस अवसर पर लगभग 45 कृषकों ने सहभागिता किया.

 

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