Dairy Business Ideas: दूध देने के मामले में बहुत आगे हैं ये भैंस, डेयरी बिजनेस से कमा सकते हैं अधिक मुनाफा

Dairy Business Ideas: दूध देने के मामले में बहुत आगे हैं ये भैंस, डेयरी बिजनेस से कमा सकते हैं अधिक मुनाफा

मराठवाड़ी भैंस की कुछ मुख्य विशेषताओं के बारे में बात करें तो इसे संतुलित आहार देना बहुत जरूरी है. जिसमें प्रोटीन, फैट, कार्बोहाइड्रेट और विटामिन की सही मात्रा हो. इस भैंस के दूध में फैट और प्रोटीन प्रचुर मात्रा में होता है, जो डेयरी उत्पादों की गुणवत्ता बनाए रखता है.

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Dairy Business Ideas: दूध देने के मामले में बहुत आगे हैं ये भैंस, डेयरी बिजनेस से कमा सकते हैं अधिक मुनाफाजानें भैंस की इस नस्ल की खासियत

दुनिया भर में दूध की बढ़ती मांग ने लोगों के लिए आय का नया दरवाजा खोल दिया है. अगर आप भी डेयरी बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो भैंस की एक खास नस्ल आपको ज्यादा मुनाफा कमाने में मदद कर सकती है. यह भैंस की एक प्राचीन नस्ल है, जिसे 'मराठवाड़ी भैंस' कहा जाता है. इस भैंस की दूध उत्पादन क्षमता और आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर होने के कारण यह इसे एक फायदेमंद विकल्प बना रही है. मराठवाड़ी भैंस को 'डेयरी फार्मिंग के लिए एक मजबूत विकल्प बताया जा रहा है. क्योंकि इसका दूध डेयरी बिजनेस के लिए आदर्श माना जाता है. इस भैंस की दूध उत्पादन क्षमता 300 से 400 लीटर के बीच है, जबकि यह एक बच्चे में 1200 लीटर तक दूध देने की क्षमता रखती है.

अब अगर मराठवाड़ी भैंस की कुछ मुख्य विशेषताओं के बारे में बात करें तो इसे संतुलित आहार देना बहुत जरूरी है. जिसमें प्रोटीन, फैट, कार्बोहाइड्रेट और विटामिन की सही मात्रा हो. इस भैंस के दूध में फैट और प्रोटीन प्रचुर मात्रा में होता है, जो डेयरी उत्पादों की गुणवत्ता बनाए रखता है.

ऐसे रखें इस नस्ल का ख्याल

साथ ही इसकी देखभाल के लिए स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण में रखना चाहिए ताकि इसका दूध स्वस्थ और उच्च गुणवत्ता बना रहे. नियमित टीकाकरण के माध्यम से इसे बीमारियों से बचाया जा सकता है, जिससे इसकी उत्पादन क्षमता बनाए रखने में मदद मिलती है. यह भैंस महाराष्ट्र के कुछ जिलों जैसे बीड, परभणी, जालना, नांदेड़, लातूर और उस्मानाबाद आदि में पाई जाती है. मराठवाड़ी भैंस का पालन न केवल पशुपालकों को दूध का प्रमुख वितरक बना सकता है बल्कि आय का एक नया स्रोत भी प्रदान कर सकता है.

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आजकल पशुपालक इसे डेयरी फार्मिंग का एक सुरक्षित और लाभदायक माध्यम मान रहे हैं, जिससे उन्हें अच्छा मुनाफा हो रहा है और डेयरी उत्पादों की विनिर्माण क्षमता भी बढ़ रही है. इतना ही नहीं, यह आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नये अवसर पैदा हो रहे हैं. ये मराठवाड़ी भैंस मुख्य तौर पर महाराष्ट्र के बीड, परभणी, जालना, नांदेड़, लातूर व उस्मानाबाद जनपदों में पाई जाती है.

डेयरी फार्मिंग बिजनेस के लिए जरूरी चीजें

डेयरी फार्मिंग बिजनेस शुरू करने के लिए जरूरी है कि आप बेहतर नस्ल की गाय और भैंस खरीदें और उनकी देखभाल और खान-पान का ध्यान रखें. इसका फायदा यह होगा कि आपका पशु लंबे समय तक स्वस्थ रहेगा. जिससे दूध उत्पादन में बढ़ोतरी होगी. आप उस जगह पर डेयरी फार्मिंग का बिजनेस शुरू कर सकते हैं. जहां दूध की मांग बहुत ज्यादा है. इसके साथ ही यह भी समझ लें कि उस स्थान पर किस गाय या भैंस के दूध की अधिक मांग है. उसी के अनुसार गाय या भैंस खरीदें. अगर आप भैंस खरीदते हैं तो ध्यान रखें कि आप मुर्रा नस्ल की ही भैंस खरीदें. यह बहुत अच्छी मात्रा में दूध देता है. इसका फायदा यह होगा कि अधिक मात्रा में दूध का उत्पादन होगा. यह भी ध्यान रखें कि इन गाय-भैंसों को बांधने के लिए पर्याप्त जगह होनी चाहिए. इसे शुरू करने के लिए शुरुआती चरण में कम गाय या भैंस का चयन करना होगा. बाद में मांग के आधार पर पशुओं की संख्या बढ़ाई जा सकती है.

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