ओडिशा की स्वाति नायक ने जीता नॉरमैन बोरलॉग फील्ड अवार्ड, धान की सूखा रोधी और पौष्टिक किस्मों पर बेहतर कार्य के लिए मिलेगा यह सम्मान

ओडिशा की स्वाति नायक ने जीता नॉरमैन बोरलॉग फील्ड अवार्ड, धान की सूखा रोधी और पौष्टिक किस्मों पर बेहतर कार्य के लिए मिलेगा यह सम्मान

स्वाति नायक का 13 सालों से अधिक का करियर काफी प्रभावशाली रहा है. वर्तमानमें वो एक फिलीपींस में स्थित सीजीआईएआर-इंटरनेशनल राइस रिसर्च इंस्टीच्यूट (आईआरआरआई) में  बीज प्रणाली और उत्पाद प्रबंधन के लिए दक्षिण एशिया के प्रमुख पद पर हैं और साथ ही साथ एक वैज्ञानिक भी हैं.

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ओडिशा की स्वाति नायक ने जीता नॉरमैन बोरलॉग फील्ड अवार्ड, धान की सूखा रोधी और पौष्टिक किस्मों पर बेहतर कार्य के लिए मिलेगा यह सम्मानवैजानिक स्वाति नायक को मिलेगा सम्मान फोटोः एक्स, स्वाति नायक

ओडिशा के किसानों को सूखारोधी धान पहुंचाने के लिए ओडिशा की कृषि वैज्ञानिक स्वाति नायक ने 2023 का प्रतिष्ठित नॉर्मन बोरलॉग फील्ड पुरस्कार जीता है. किसानों को मांग आधारित चावल और क्लाइमेट रेजिलिएंट खेती के साथ-साथ पौष्टिक चावल कि किस्म किसानों को उगाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें यह सम्मान दिया जाएगा. 24 अक्टूबर को डेस माइनेस आयोवा में होने वाले बोरलॉग डायलॉग के दौरान स्वाति नायक को यह अवार्ड दिया जाएगा. स्वाति नायक से पहले देश के अन्य दो अन्य भारतीय वैज्ञानिकों आदिती मुखर्जी ने साल 2012 में और महालिंगम गोविंदाराज ने 2022 में यह पुरस्कार जीता था. उनके द्वारा ओडिशा के किसानों को दिए गए धान की सूखा रोधी किस्म से यहां के किसानों को धान की खेती करने में काफी लाभ होगा. 

 स्वाति नायक की बात करें तो उनका 13 सालों से अधिक का करियर काफी प्रभावशाली रहा है. वर्तमान में वो एक फिलीपींस में स्थित सीजीआईएआर-इंटरनेशनल राइस रिसर्च इंस्टीच्यूट (आईआरआरआई) में  बीज प्रणाली और उत्पाद प्रबंधन के लिए दक्षिण एशिया के प्रमुख पद पर हैं और साथ ही साथ एक वैज्ञानिक भी हैं. चावल की खेती में क्रांति लाने के प्रति स्वाति नायक के समर्पण और प्रतिबद्धता को देखते हुए उन्हें विश्व खाद्य पुरस्कार चयन ज्यूरी ने यह सम्मान दिया. इतना ही नहीं स्वाति नायक ने अपने 13 साल से अधिक के प्रभावशाली करियर में कृषि जगत में अपनी एक अलग छवि बनाई है. उन्होंने 10,000 से अधिक ऑन-फ़ार्म और तुलनात्मक परीक्षण किया है साथ ही 500 से अधिक चावल की किस्मों के लिए सहभागी मूल्यांकन का आयोजन किया है.

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ओडिशा के किसानों के लिए जारी की सूखा रोधी धान की किस्म

स्वाति नायक के प्रयास का ही फल है कि 20 से अधिक धान की ऐसी किस्मों का प्रसार कि जो ना केवल क्लाइमेट रेजीलियेंट थी बल्कि अधिक उपज देने वाली और पौष्टिकता से भरपूर किस्म थी. यह सभी बीज की किस्में नई बीज प्रणाली  के माध्यम से हासिल की गई है. स्वाति नायक के उपलब्धियों की बात करें तो ओडिशा के मयूरभंज में किसानों को सूखा रोधी किस्म शाहबागी धान देने की शुरूआत करना  शामिल है. शाहबागी धान की खेती की शुरुआत से बाद से यह धान ओडिशा और शेष भारत में सबसे अधिक मांग वाला चावल बना हुआ है. 

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तैयार किया अंतराष्ट्रीय बीज नीति समझौता

स्वाति नायक का प्रभाव का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने सीड्स विदाउट बॉर्डर्स नामक अंतराष्ट्रीय बीज नीति समझौते को तैयार करने में महत्वपूर्ण भमिका निभाई है. इस नीति के जरिए पूरे दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया में धान की आधुनिक किस्मों के वितरण में तेजी लाने का कार्य किया जाता है. इस क्षेत्र में उनके उस प्रमुख योगदान ने वैश्विक खाद्य सुरक्षा को बढ़ान में महत्वपूर्ण भमिका निभाई है. सम्मान के तहत स्वाति को 10,000 डॉलर और एक पुरस्कार डिप्लोमा दिया जाएगा.

 
 

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