झारखंड में कृषि शुल्क में बढ़ोतरी वाले विधेयक को लेकर फूटा व्यापारियों का गुस्सा, फूंका कृषि मंत्री का पुतला

झारखंड में कृषि शुल्क में बढ़ोतरी वाले विधेयक को लेकर फूटा व्यापारियों का गुस्सा, फूंका कृषि मंत्री का पुतला

कानून के विरोध में चैंबर के व्यापारियों द्वारा एकदिवसीय व्यापार बंद का किया गया था. साथ ही राज्य के सभी व्यापारियों का जुटान रांची के मोरहाबादी मैदान में हुआ जहां पर मंच से बिल की प्रति फाड़ी गई. इसके अलावा व्यापारियों ने कृषि मंत्री बादल पत्रलेख का पुतला दहन भी किया. इस दौरान राज्य भर के चैंबर के व्यापारी इसमें शामिल हुए.

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झारखंड में कृषि शुल्क में बढ़ोतरी वाले विधेयक को लेकर फूटा व्यापारियों का गुस्सा, फूंका कृषि मंत्री का पुतलाझारखंड में कृषि शुल्क में बढ़ोतरी वाले विधेयक को लेकर फूटा व्यापारियों का गुस्सा, सांकेतिक फोटो

झारखंड में कृषि शुल्क में बढ़ोतरी वाले विधेयक को राज्यपाल की मंजूरी दिए जाने के बाद से ही व्यापारी वर्ग काफी गुस्से में है. व्यापारी वर्ग का साफ कहना है कि वो किसी भी कीमत पर इस काले कानून को लागू नहीं होने देंगे. व्यापारियों का तर्क है कि इस नए कानून के लागू होने के बाद आम जनता के लिए महंगाई और बढ़ जाएगी. झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स ने इस नए कानून के खिलाफ आंदोलन तेज करने की चेतावनी भी दी है. चैंबर का कहना है कि वो किसी भी हाल में सरकार के इस कानून को स्वीकार नहीं करेंगे. कानून के विरोध में चैंबर के व्यापारियों द्वारा एकदिवसीय व्यापार बंद का किया गया था. साथ ही राज्य के सभी व्यापारियों का जुटान रांची के मोरहाबादी मैदान में हुआ जहां पर मंच से बिल की प्रति फाड़ी गई. इसके अलावा व्यापारियों ने कृषि मंत्री बादल पत्रलेख का पुतला दहन भी किया. 

इस दौरान राज्य भर के चैंबर के व्यापारी इसमें शामिल हुए. राज्यस्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष किशोर मंत्री ने कहा कि कृषि मंत्री और कुछ भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से फिर से कृषि शुल्क लागू किया जा रहा है. इसके जरिए भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा.

आंदोलन की बनी रणनीति

बैठक के दौरान चैंबर द्वारा आगे की रणनीति बनाई गई जिसके तहत यह कहा गया कि अगर राज्य सरकार द्वारा इस नए व्यापारी विरोधी कानून को वापस नहीं लिया जाएगा तो हर रोज चरणबद्ध तरीके से आंदोलन किया जाएगा. इसके तहत अगले पांच दिनों तक व्यापारी काला बिल्ला लगाकर विरोध जताएंगे साथ ही अपने-अपने जिले में इस बिल को वापस करने की मांग लेकर अधिकारियों को ज्ञापन सौंपेगे. 

क्या है मामला

झारखंड सरकार पिछले साल मार्च महीने में झारखंड राज्य कृषि उपज एवं पशुधन बिल लाई थी. लेकिन व्यापारियों के विरोध के बाद राज्य सरकार ने यह कहा था कि वो इसे वापस ले लेगी.  इसके बाद मई के महीने में राज्यपाल ने बिल को संसोधन के लिए भेजा था. वहीं राज्य सरकार ने दिसबंर में आयोजित शीतकालीलन सत्र में इसे फिर से लागू कर दिया. गौरतलब है कि इस बिल के विरोध में पिछले साल मई के महीने में खाद्यान्न का आयात बंद कर दिया गया था.

व्यापारियों को मिला बीजेपी का साथ

राज्य भर में कृषि शुल्क बढ़ोतरी को लेकर किए जा रहे व्यापारियों के विरोध को बीजेपी का साथ मिल गया है. पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि यह नया विधेयक व्यापार विरोधी है. राज्य सरकार व्यापारियों के हितों का ख्याल नहीं रख रही है. बीजेपी इस विधेयक का पुरजोर विरोध करती है. 

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