झारखंड में बढ़ाई गई धान की एमएसपी, प्रति क्विंटल इतने रुपये बोनस देगी राज्य सरकार

झारखंड में बढ़ाई गई धान की एमएसपी, प्रति क्विंटल इतने रुपये बोनस देगी राज्य सरकार

वहीं झारखण्ड राज्य धान अधिप्राप्ति योजना के लिए राशि की व्यवस्था तथा राईस मिलरों को  60 रूपये प्रति क्विंटल की दर से इंन्सेन्टिव भुगतान की स्वीकृति दी गई है. 

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झारखंड में बढ़ाई गई धान की एमएसपी, प्रति क्विंटल इतने रुपये बोनस देगी राज्य सरकारझारखंड में धान की खरीद

सूखे से प्रभावित झारखंड के किसानों के लिए इस बार खुशखबरी है, झारखंड सरकार ने किसानों की मांग को देखते हुए धान की एमएसपी बढ़ाने का फैसला किया है. कैबिनेट की बैठक में एमएसपी बढ़ाने को लेकर मंजूरी मिल चुकी है. बैठक में लिए गए फैसले के अनुसार खरीफ विपणन मौसम 2023-24 में किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीद के लिए उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय, खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग, भारत सरकार की तऱफ से निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य के अतिरिक्त राज्य सरकार की तरफ से किसानों को  117.00 रूपये (एक सौ सतरह रूपये) प्रति क्विंटल की दर से बोनस की राशि की स्वीकृति दी गई है. इस हेतु कुल रूपये 70,20,00,000 (रूपये सत्तर करोड़ बीस लाख मात्र) राशि की स्वीकृति दी गई है. पिछले साल किसानों से 2050 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान की खरीद की गई थी, इस बार उन्हें 117 रुपये प्रति क्विंटल अधिक की राशि मिलेगी. 

इसके साथ ही राज्य के किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीद के लिए झारखण्ड राज्य धान अधिप्राप्ति योजना की स्वीकृतिं के साथ ही किसानों को सही समय पर धान खरीद की राशि का  भुगतान किया जा सके इसके लिए 10,00,00,00,000 रूपये (रूपये एक हजार करोड़ मात्र) की अधिसीमा तक बैंकों से ऋण प्राप्त करने अनुमति दी गई है. वहीं झारखण्ड राज्य धान अधिप्राप्ति योजना के लिए राशि की व्यवस्था तथा राईस मिलरों को  60 रूपये प्रति क्विंटल की दर से इंन्सेन्टिव भुगतान की स्वीकृति दी गई है. 

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देर से शुरू होगी धान की खरीद

गौरलब है कि खाद्य आपूर्ति मामले के मंत्री रामेश्नर उरांव ने बताया था कि इस बार राज्य में धान की खरीद देरी से शुरू की जाएगी. राज्य में इस 25 दिसंबर के आस-पास से धान की खरीद करने की तैयारी है. नहीं कैबिनेट के फैसले के अनुसार सही समय पर किसानों को धान की राशि का भुगतान किया जाएगा. क्योंकि आज भी राज्य में ऐसे हजारों किसान हैं जिन्हें पिछले साल की धान की दूसरी किश्त का भुगतान नहीं किया गया है. इसके कारण किसान महासभा से आंदोलन भी किया था. साथ ही कई किसान यह भी कह रहे थे अब वो लैपंस में कभी अपने धान नहीं बेचेंगे. 

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मत्स्य विभाग में होगी नई नियुक्ति

वहीं कैबिनेट के अन्य फैसलों में कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग, झारखण्ड के अन्तर्गत मत्स्य निदेशालय के अधीन 'झारखण्ड मत्स्य प्रक्षेत्र मात्स्यिकी तकनीकी सहायक (भर्ती, प्रोन्नति एवं अन्य सेवा शत्तै) नियमावली-2023" की स्वीकृति दी गई है. उल्लेखनीय है कि झारखंड का मत्स्य विभाग कर्मियों के गंभीर संकट के गुजर रहा है. विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार निदेशालय से लेकर जिला अधिकारी के कार्यालय तक में कर्मियों की कमी है. एक ही कर्मी के ऊपर दो से तीन लोगों को कार्यभार सौंप दिया गया है. एक जिले में विभाग से अधिकतम तीन स्टाफ हैं. इन सबके बावजूद विभाग का दावा है कि राज्य में मत्स्य उत्पादन में वृद्धि हुई है. 


 

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