झारखंड में कृषि बाजार शुल्क में बढ़ोतरी के विरोध में झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स का आंदोलन रुकने का नाम नहीं ले रहा है. आंदोलन को और अधिक धारदार बनाने के लिए आज से राज्य भर की थोक मंडियों को बंद रखने का एलान चैंबर द्वारा किया गया है. विरोध के तौर पर आज से ही राज्य की होलसेल फल और सब्जी मंडिया भी बंद रहेंगी. झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष किशोर मंत्री ने बताया कि उनके द्वारा बुलाए गए बंद को थोक फल और सब्जी विक्रेता संघ का भी समर्थन मिल गया है. इसलिए 15 फरवरी से राज्य के सभी थोक फल और सब्जी मंडी बंद रहेंगे.
गौरतलब है कि कृषि शुल्क विधेयक को राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद से ही चैंबर लागातार इसके विरोध में था और पहले भी लागातार आंदोलन कर रहा था. इससे पहले विरोध के तौर पर राज्य भर चैंबर के नेतृत्व में सभी जिलों में स्थानीय विधायकों का घेराव कार्यक्रम किया गया था. रांची में झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधि विधायक सीपी सिंह से मिले थे और उन्हें नए विधेयक से होने वाले परेशानियों के बारे में बताया था.
किशोर मंत्री ने कहा कि एक दिन अगर राज्य में सभी थोक दुकानें बंद रहती है तो इससे 100 करोड़ रुपए का नुकसान होगा. उन्होंने बताया कि खुदरा दुकानदार विरोध में उनके साथ हैं. लेकिन वे दुकानें खुली रखेंगे.हालांकि जब दो तीन दिन के बाद उनके पास स्टॉक खत्म हो जाएगा तब उन्हें मजबूरन दुकाने बंद करनी पड़ेंगी. चैंबर का कहना है कि इस विधेयक के लागू हो जाने के बाद भष्ट्राचार बढ़ेगा. साथ ही इसके लागू होने से इंस्पेक्टर राज बढ़ेगा और महंगाई भी बढ़ेगी. इस नए कानून के विरोध के तहत कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी को पोस्टकार्ड भेजा गया है.
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इससे पहले झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स ने रांची के मोरहाबादी मैदान में कानून के विरोध में राज्यस्तरीय बैठक का आयोजन किया था और विरोध स्वरूप बिल की प्रतियां भी फाड़ी थी. इसके बाद चैंबर ने विरोध मार्च निकाला था और कृषि मंत्री बादल पत्रलेख का पुतला दहन भी किया था. उस समय चैंबर ने व्यापारी एकता का नारा बुलंद करते हुए इस काले कानून को वापस करने की मांग की थी. चैंबर का साफ तौर पर कहना है कि इस शुल्क के लागू होने के बाद व्यापारियों और किसानों को अधिक शुल्क देना होगा. इससे महंगाई बढ़ेगी.
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