झारखंड में किसानों के लिए कृषि सलाह जारी की गई है. ठंड और कोहरे के कारण किसानों की फसलों और सब्जियों को नुकसान नहीं हो, इसे देखते हुए कृषि सलाह जारी की गई है. इसमें कहा गया है कि कम तामपान और सूखे के कारण फसलों को नुकसान सकता है, इसलिए सुबह के वक्त खेतों में हल्की सिंचाई करें. फसलों और सब्जियों को पाले के प्रकोप से बचाने के लिए खेत में पर्याप्त नमीं बनाए रखें. कम तापमान के दौरान खराब अंकुरण से बचने के लिए किसान सब्जियों की नर्सरी के उपर कम कीमत वाले प्लास्टिक से कवर करें. जिन किसानों ने हाल ही में रबी की फसलों की बुवाई की है, वे अपने नए पौधों को नमी की कमी से बचाने के लिए पर्याप्ता मात्रा में सिंचाई करें.
इसके अलावा जिन क्षेत्रों में नमी की कमी है, उन क्षेत्रों में पौधों में फूल आने के दौरान किसान पौधौं की पत्तियों पर दो प्रतिशत डीएपी और एक प्रतिशत एमओपी का छिड़काव करें. आगामी सप्ताह में राज्य में बारिश की संभावना को देखते हुए साफ मौसम में ही उर्वरक या दवाइओं का छिड़काव करें. खराब मौसम होने पर छिड़काव रोक दें. इसके अलावा अगर जिन किसानों ने गेहूं की खेती की है, उनके खेतों में अगर दीमक का प्रकोप होता है तो क्लोपायरिफॉस 20 ईसी 2 लीटर पानी के साथ घोल बनाकर खेत में शाम के वक्त छिड़काव करें और फिर दूसरे दिन सुबह में सिंचाई करें. इसके अलावा सरसों और चना की फसलों को ठंड से बचाने के लिए थायो यूरिया 500 पीपीएम को 1000 पानी और साथ में घुलनशील गंधक का 0.2 प्रतिशत 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें.
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झारखंड में पिछले दिनों कोहरे का प्रकोप देखा गया था. इसके प्रभाव के कारण दलहनी फसलों में एफिड और पाउडरी फफूंद का प्रकोप देखा जा सकता है. एफिड को नियंत्रित करने के लिए डायमेथोएट या मेटासिटॉक्स का दो मिली प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें और पाउडर फफूंद को नियंत्रित करने के लिए तीन ग्राम सल्फेक्स या एक मिली प्रोपीकोनाजोल 100 ईसी या एक मिली टेबिकोनाजोल 25.9 ईसी प्रति लीटर पानी के साथ मिलाकर छिड़काव करें. इससे काफी फायदा होगा.
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बारिश के बाद टमाटर की फसल में अंगमारी का रोग हो सकता है. इसे नियंत्रित करने के लिए ऑक्सिस्ट्रॉबिन का छिड़काव एक मिली प्रति लीटरा पानी के साथ करें. कोहरे और ठंड के कारण आलू में झुलसा रोग हो सकता है. आलू की पत्तियों में झुलसा रोग के नियंत्रण के लिए मैंकोजेब या कार्बेंडाजिम का खेतों में छिड़काव करें. इसके साथ ही इस वक्त बोई गई प्याज की फसल में थ्रिप्स का प्रकोप हो सकता है. साथ ही बैंगन में नीले धब्बे का संक्रमण हो सकता है. इससे बचाव के लिए टिपोल के साथ तीन ग्राम प्रति लीटर पानी में डायमिथेन एम-45 का अवश्यकता के अनुसार छिड़काव करें.
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