इस साल हरियाणा के सिरसा जिले में बंपर गेहूं उत्पादन की उम्मीद की जा रही है. सिरसा प्रशासन ने 1 अप्रैल से शुरू होने वाले रबी विपणन सीजन के दौरान लगभग 9,50,000 मीट्रिक टन (एमटी) गेहूं की खरीद का अनुमान लगाया है. यह पिछले वर्ष खरीदी गई मात्रा से लगभग 18 प्रतिशत अधिक होगी. उपायुक्त आरके सिंह ने कहा कि गेहूं की खरीद 1 अप्रैल से शुरू होगी. इसलिए मंडियों और खरीद केंद्रों पर सभी आवश्यक व्यवस्थाएं समय पर सुनिश्चित की जानी चाहिए, ताकि किसानों और आम जनता को किसी भी असुविधा का सामना न करना पड़े.
उन्होंने कहा कि गेहूं खरीद के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के लिए अधिकारी और खरीद संघ मिलकर काम करें, ताकि किसानों को अपनी फसल बेचने में किसी परेशानी का सामना न करना पड़े.
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द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, 2023-24 में जिले में कुल 8,07,003 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई थी. मंडियों से खरीदा गया गेहूं सीधे भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को दिया जाता है. इसी तरह, 2024-25 के लिए, एफसीआई को गेहूं की सीधी डिलीवरी की योजना बनाई गई है और उनके पास गेहूं के लिए पर्याप्त भंडारण स्थान है. इसके अतिरिक्त, खरीद एजेंसियों के पास भंडारण के लिए पर्याप्त जगह भी है, इसलिए जिले में भंडारण संबंधी कोई समस्या नहीं है.
कृषि विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, सिरसा जिले में कुल 2,72,360 हेक्टेयर में गेहूं की बुआई की गई है, जिसमें लगभग 1,500,000 मीट्रिक टन गेहूं का उत्पादन होने का अनुमान है. उम्मीद है कि मंडियों में करीब 9,50,000 मीट्रिक टन गेहूं की आवक होगी. जबकि जिले में कुल 85,200 हेक्टेयर में सरसों की बुआई की गई है, जिसका अनुमानित उत्पादन 1,70,400 मीट्रिक टन है. उम्मीद है कि मंडियों में करीब 95,000 मीट्रिक टन सरसों की आवक होगी.
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सिरसा की अनाज मंडियों में सरसों की आवक 10 मार्च से ही शुरू हो गई थी, लेकिन सरकारी खरीद 26 मार्च से शुरू होगी. अधिकारी पिछले साल की तुलना में दोगुना उत्पादन होने की उम्मीद जता रहे हैं. इसके आधार पर मार्केटिंग बोर्ड ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं, लेकिन अभी तक खरीद के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है. उम्मीद है कि एक सप्ताह के भीतर बड़े पैमाने पर सरसों मंडियों में पहुंचने लगेगी. यही कारण है कि सरकार ने किसानों की मांगों के जवाब में चार नए खरीद केंद्र स्थापित किए हैं, जिससे जिले में केंद्रों की संख्या 59 से बढ़कर 63 हो गई है.
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