उत्तर भारत में बारिश कहर बन कर बरस रही है. पिछले कई दिनों से रुक-रुक हो रही बारिश ने गोहाना में किसानों को भी चिंता बढ़ा दी है. सोमवार को हुई भारी बारिश से गोहाना के कई गांवों के खेत बिल्कुल डूब गए हैं. इन खेतों में दो से तीन फीट पानी खड़ा हो गया है. किसानों ने अब तक जितनी भी धान की फसल की रोपाई की वह भी डूब गई है. बाकी खेतों में धान की रोपाई नहीं होने से किसान परेशान हैं. खेतों में जलभराव होने और पानी निकासी के लिए एसडीएम गोहाना से अपील की गई है.
किसानों ने अपील की है कि उनके खेतो से पानी निकलवाया जाए ताकि उनकी धान की फसल बच जाए और आगे वे धान की रोपाई कर सकें. एसडीएम गोहाना ने दावा किया कि बरसाती पानी निकालने के लिए गोहाना में 110 पंप सेट लगवाए गए हैं. उनके बिजली के कनेक्शन भी चालू करवा दिए गए हैं. गोहाना में जो भी बरसाती नाले और ड्रेन हैं, उनकी साफ सफाई का काम पूरा किया जा चुका है.
गोहाना के आसपास के किसानों के अनुसार भारी बारिश से उनके खेत पानी में पूरी तरह से डूब चुके हैं. उन्होंने जो भी धान की फसल को रोपाई की थी, वह बिल्कुल डूब गई है. किसानों का कहना है कि अगर पानी निकासी नहीं हुई तो उनकी सभी फसलें खराब हो जाएंगी और आगे वे धान की रोपाई पानी से भरे खेत में नहीं कर पाएंगे. मंगलवार को किसानों ने एसडीएम से अपील की उनके खेतों से पानी निकलवाया जाए तभी उनकी खेती बच पाएगी, वर्ना धान सहित कई फसलें बर्बाद हो जाएंगी.
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वहीं एसडीएम गोहाना आशीष वशिष्ठ ने बताया कि गोहाना में बारिश से खेतों में कई गांव में जलभराव के हालात हैं. पानी निकासी के लिए 110 पंप सेट लगाए गए हैं. उनके बिजली कनेक्शन चालू की गई है. एसडीएम ने कहा कि बरसाती पानी निकासी के लिए ड्रेन और नालों को सफाई की गई है. अभी हालात ज्यादा गंभीर नहीं है. पानी निकासी का काम शुरू करवाया जा चुका है.
इसे पहाड़ों में हो रही बरसात का असर बताया जा रहा है. हथिनी कुंड बैराज से कई लाख क्यूसेक पानी यमुना में छोड़ा गया है जिसके बाद हरियाणा में यमुना क्षेत्र में बाढ़ का खतरा बढ़ रहा है. इसको देखते हुए सभी जिलों के आला अधिकारी यमुना क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं. मंगलवार सुबह सोनीपत यमुना क्षेत्र के लोगों ने सोनीपत जिला प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगाए थे. इसके बाद जिला प्रशासन जागा और जिला उपायुक्त ललित सिवाच के नेतृत्व में आला अधिकारी यमुना क्षेत्र का दौरा करने पहुंचे. सोनीपत के मिमारपुर घाट के नजदीक बने एक रेत के टापू पर उत्तर प्रदेश के रहने वाले चार लोगों के फंसे होने की सूचना जिला प्रशासन को मिली थी. खबर मिलते ही रेस्क्यू करने के लिए टीमों को रवाना कर दिया गया.
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