हिमाचल प्रदेश में हुई भारी बारिश के बाद अब जल संकट खड़ा हो गया है. शिमला में बरसात में पानी का संकट सामने आया है. शहर में पानी के लिए लोग तरस रहे हैं. बीते तीन से शहर में पानी की सप्लाई नहीं हुई है. भारी बारिश के चलते पेयजल परियोजनाओं में भारी गाद आ गई है. यही नहीं, शिमला जिले में चाबा पेयजल परियोजना का पंप हाउस पानी में डूब गया है जिसके चलते यहां पर पंपिंग ठप हो गई है. मंगलवार को शिमला में सभी परियोजनाओं से केवल छह एमएलडी पानी ही पहुंच पाया है जबकि शहर में प्रतिदिन 40 एमएलडी के करीब पानी की जरूरत रहती है.
सोमवार को भी शिमला से किसी भी पेयजल परियोजना से पानी शिमला शहर नहीं पहुंच पाया. इसके चलते शिमला शहर में पानी का भारी संकट खड़ा हो गया है. लोगों के घरों में पीने तक का पानी नहीं है. शहर में पानी के लिए हाहाकार मचा है. हालांकि जल निगम द्वारा पानी के टैंकरों से पानी की सप्लाई की जा रही है. मंगलवार सुबह ही छोटा शिमला में नगर निगम के महापौर सुरेंद्र चौहान ने खुद मोर्चा संभाला और पानी के टैंकर से लोगों को पानी मुहैया करवाया गया. इस दौरान सुरेंद्र चौहान खुद बाल्टियां लेकर लोगों के घरों तक पानी पहुंचाते हुए नजर आए.
शिमला शहर में पानी न मिलने से सबसे बड़ी दिक्कत बुजुर्गों को पेश आ रही है. छोटा शिमला इलाके में रहने वाली 76 साल की सुषमा सूद अकेली रहती हैं. उनकी एक बेटी है जिसकी शादी हो गई है. लिहाजा अब शिमला में सुषमा सूद घर में अकेली रहती हैं. उनका कहना है कि बीते छह दिनों से घर में पानी नहीं आया. आज (मंगलवार) टैंकर से पानी मिला है. किसी पड़ोसी ने पानी की कुछ बाल्टियां घर रखवाई हैं. पीने के पानी के लिए बिसलेरी की दो लीटर की बोतलें खरीद कर लाई थीं. सरकार से उनकी मांग है कि जितनी जल्द हो सके पानी की सप्लाई दुरुस्त की जाए क्योंकि यह बुनियादी जरूरत है.
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शिमला के स्थानीय निवासी सोम दत्त शर्मा ने बताया कि चार दिनों से पानी नहीं मिला लेकिन मंगलवार को टैंकर आया तो थोड़ी मदद हुई. उन्होंने बताया कि भगवान के आगे किसी का बस नहीं चलता. भारी बारिश के कारण अक्सर ऐसा होता है. लेकिन इस बार तो पानी का इंतजार लंबा हो चला है. फिलहाल बारिश के पानी से ही घर का गुजारा चल रहा है. उन्हें जानकारी मिली है कि पंप हाउस में गाद आने की वजह से पानी नहीं आ रहा है.
वहीं छोटा शिमला में रहने वाले कल्याण सिंह ने बताया कि चार से पांच दिन हो गए, अभी तक घर के नल में पानी नहीं आया है. जैसे तैसे घरों की छतों से बरसात का पानी इस्तेमाल कर रहे हैं. परिवार के साथ पानी के बिना गुजारा नहीं हो पा रहा है. आज टैंकर से पानी सप्लाई किया जा रहा है. अब लोगों को थोड़ी राहत मिली है.
शिमला में टैंकरों से पानी की सप्लाई के बीच 'आज तक' संवाददाता विकास शर्मा ने मौके का जायजा लिया और पानी के लिए कतार में खड़े लोगों से बात की. साथ ही नगर निगम शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान से भी बातचीत की. नगर निगम के महापौर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि बीते तीन-चार दिनों से शिमला में भारी बारिश हो रही है जिसके चलते पेयजल परियोजनाओं में भारी गाद आ गई है और पंपिंग ठप हो गई है. इससे शिमला शहर में पानी की सप्लाई नहीं हो रही है.
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शिमला शहर को रोजाना करीब 42 एमएलडी पानी की जरूरत होती है. लेकिन अभी सिर्फ छह एमएलडी पानी ही मुहैया हो पा रहा है. हालांकि लोगों को पानी के टैंकरों के माध्यम से जरूरत के हिसाब से पानी मुहैया करवाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मौसम के सही होते ही पानी की समस्या दूर हो जाएगी. उन्होंने कहा कि जिस तरह से बरसात कहर बनकर बरपी है, अब भारत सरकार को इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित कर देना चाहिए.
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