देश में खरीफ सीजन की बुवाई जारी है, साथ ही संसद का मॉनसून सत्र भी चल रहा है. इस बीच, आज कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने राज्यसभा में पिछले तीन वर्षों के दौरान खरीफ फसलों के रकबे और उत्पादन में हुई साल-दर-साल बढ़ोतरी/गिरावट जैसे बदलाव के आंकड़े जारी किए. उन्होंने कहा कि कृषि वर्ष 2025-26 (जुलाई-जून) के लिए खरीफ फसलों की बुवाई जारी है और अभी तक सभी प्रमुख फसलों के पहले अग्रिम अनुमान जारी नहीं हुए हैं. ऐसे में देखें खरीफ बुवाई और उत्पादन से जुड़े आंकड़े...
धान: 434.13 लाख हेक्टयर, पिछले साल से 6.58% अधिक
मक्का: 84.30 लाख हेक्टयर, 1.21% की वृद्धि
तूर: 43.28 लाख हेक्टयर, 4.77% की बढ़ोतरी
उड़द: 21.01 लाख हेक्टयर, 21.63% की भारी गिरावट
मूंग: 33.91 लाख हेक्टयर, 6.84% की बढ़ोतरी
मूंगफली: 49.95 लाख हेक्टयर, 23.52% की बड़ी वृद्धि
सोयाबीन: 129.57 लाख हेक्टयर, 2.25% की कमी
गन्ना: 53.58 लाख हेक्टयर, 6.66% की गिरावट
कपास: 112.30 लाख हेक्टयर, 11.49% की गिरावट
धान: 1218.54 लाख टन, 7.59% की वृद्धि
मक्का: 248.43 लाख टन, 11.68% अधिक
तूर: 35.61 लाख टन, 4.21% की बढ़ोतरी
उड़द: 13.02 लाख टन, 18.83% की गिरावट
मूंग: 16.08 लाख टन, 51.39% की बड़ी वृद्धि
मूंगफली: 103.68 लाख टन, 19.72% की बढ़ोतरी
सोयाबीन: 151.80 लाख टन, 16.21% अधिक
गन्ना: 4501.16 लाख टन, 0.67% की मामूली कमी
कपास: 306.92 लाख गांठ, 5.63% की गिरावट
फसल | क्षेत्रफल (लाख हेक्टेयर) | क्षेत्रफल वर्ष-दर-वर्ष % परिवर्तन | |||||
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2021-22 | 2022-23 | 2023-24 | 2024-25 | 2022-23 | 2023-24 | 2024-25 | |
धान | 410.38 | 404.03 | 407.34 | 434.13 | -1.55 | 0.82 | 6.58 |
मक्का | 77.85 | 80.53 | 83.29 | 84.30 | 3.44 | 3.43 | 1.21 |
तूर | 49.00 | 40.68 | 41.31 | 43.28 | -16.98 | 1.55 | 4.77 |
उड़द | 36.25 | 30.98 | 26.81 | 21.01 | -14.54 | -13.46 | -21.63 |
मूंग | 38.43 | 34.86 | 31.74 | 33.91 | -9.29 | -8.95 | 6.84 |
मूंगफली | 49.13 | 42.63 | 40.44 | 49.95 | -13.23 | -5.14 | 23.52 |
सोयाबीन | 121.47 | 130.84 | 132.55 | 129.57 | 7.71 | 1.31 | -2.25 |
गन्ना | 51.75 | 58.85 | 57.40 | 53.58 | 13.72 | -2.46 | -6.66 |
कपास | 123.72 | 129.27 | 126.88 | 112.30 | 4.49 | -1.85 | -11.49 |
फसल | उत्पादन (लाख टन) | उत्पादन वर्ष-दर-वर्ष % परिवर्तन | |||||
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2021-22 | 2022-23 | 2023-24 | 2024-25 | 2022-23 | 2023-24 | 2024-25 | |
चावल | 1110.01 | 1105.12 | 1132.59 | 1218.54 | -0.44 | 2.49 | 7.59 |
मक्का | 226.81 | 236.74 | 222.45 | 248.43 | 4.38 | -6.04 | 11.68 |
तूर | 42.20 | 33.12 | 34.17 | 35.61 | -21.52 | 3.17 | 4.21 |
उड़द | 18.65 | 17.68 | 16.04 | 13.02 | -5.20 | -9.28 | -18.83 |
मूंग | 14.80 | 17.18 | 11.54 | 17.47 | 16.08 | -32.83 | 51.39 |
मूंगफली | 84.34 | 85.62 | 86.60 | 103.68 | 1.52 | 1.14 | 19.72 |
सोयाबीन | 129.87 | 149.85 | 130.62 | 151.80 | 15.38 | -12.83 | 16.21 |
गन्ना | 4394.25 | 4905.33 | 4531.58 | 4501.16 | 11.63 | -7.62 | -0.67 |
कपास | 311.18 | 336.60 | 325.22 | 306.92 | 8.17 | -3.38 | -5.63 |
नोट:
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने बताया कि सरकार किसानों को प्राकृतिक आपदाओं और मौसम की मार से बचाने के लिए कई कदम उठा रही है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) 2016 में शुरू हुई यह योजना किसानों को बुवाई से लेकर कटाई के बाद तक सभी अप्रतिरोध्य प्राकृतिक जोखिमों के खिलाफ कम प्रीमियम पर फसल बीमा देती है.
वहीं, आपदा राहत- आपदा प्रबंधन की प्राथमिक जिम्मेदारी राज्य सरकारों की होती है. सूखा या अन्य आपदा की स्थिति में राज्य सरकारें राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF) से राहत देती हैं. गंभीर आपदा की स्थिति में केंद्र सरकार राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (NDRF) से अतिरिक्त मदद देती है.
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री ने कहा कि इसके अलावा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और पोषण मिशन (NFSNM) सभी 28 राज्यों और 2 केंद्रशासित प्रदेशों में लागू है. इसका उद्देश्य फसल क्षेत्र में वृद्धि और उत्पादकता बढ़ाना है. इसके तहत किसानों को नई किस्मों के बीज, एकीकृत पोषण और कीट प्रबंधन, फसल सुरक्षा तकनीक और प्रशिक्षण जैसे प्रोत्साहन दिए जाते हैं. मंत्री ने बताया कि इस वर्ष अब तक किसी भी राज्य ने सूखे के लिए NDRF से वित्तीय सहायता मांगने का ज्ञापन नहीं दिया है.
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