हरियाणा के कई जिलों में मंगलवार को हल्की बारिश (light rain) दर्ज की गई. इससे किसानों के चेहरे पर मुस्कान लौट आई है. पाले और कड़ाके की ठंड झेल रहीं रबी फसलों (rabi crops) को मानो संजीवनी मिल गई है. हरियाणा के कई जिलों में, खासकर हिसार और जींद में हल्की बारिश हुई है. इस बारिश से रबी फसलों जैसे कि गेहूं, चना और सरसों को फायदा मिलेगा. इससे किसानों का खर्च भी बचेगा क्योंकि बिजली और डीजल पर होने वाला सिंचाई का खर्च बारिश ने पूरा कर दिया है. एक्सपर्ट के मुताबिक, इसी महीने के 28 और 29 जनवरी को फिर से हल्की बारिश के आसार हैं जिससे फसलों को दोबारा पानी मिल जाएगा.
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (HAU) में मौसम विभाग के प्रमुख डॉ. मदन लाल खीचर ने 'किसान तक' से बातचीत में बताया कि 28 और 29 जनवरी को भी हल्की बारिश (light rain) के आसार हैं. उन्होंने कहा कि ओलावृष्टि की कोई आशंका नहीं, इसलिए रबी फसलों को किसी तरह का नुकसान नहीं होगा. डॉ. खीचर कहते हैं, मंगलवार की बारिश से सभी रबी फसलों (rabi crops) को फायदा होगा. इससे उनकी ग्रोथ अच्छी होगी. साथ ही किसानों का सिंचाई खर्च भी बच गया है क्योंकि बारिश ने एक पानी का काम पूरा कर दिया है.
हल्की बारिश ने किसानों के चेहरे पर मुस्कान ला दिया है. किसान हाल के दिनों में ठंड, कोहरे और पाले को लेकर परेशान थे. हरियाणा की कई जगहों पर पाले ने सरसों की फसल (mustard) को नुकसान पहुंचाया है जिसके लिए किसान गिरदावरी की मांग कर रहे हैं. किसानों ने गिरदावरी के बाद मुआवजे की मांग उठाई है. पाले से सरसों की बची हुई फसल को मंगलवार की हल्की बारिश (light rain) से बेहद फायदा होगा.
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हिसार के एक किसान बताते हैं कि उनकी पांच एकड़ की गेहूं की फसल (wheat) को बारिश से बहुत फायदा हुआ है. उन्हें सिंचाई करनी थी, मगर बारिश हो गई तो पानी का खर्च बच गया. किसान का कहना है कि हिसार में गेहूं की फसल अभी तक अच्छी जा रही है और इस बारिश से उसे और भी फायदा होगा.
बारिश (rainfall) से सरसों के किसान भी बहुत खुश हैं. पिछले कई दिनों से लगातार पाला पड़ने से सरसों की फसल (mustard) पर बुरा असर पड़ा है. हालिया बारिश उस बुरे असर को कम कर देगी क्योंकि पाले का असर कम करने में सिंचाई बहुत मददगार होती है. एक किसान कहते हैं कि उनकी दो एकड़ की सरसों की फसल पाले से प्रभावित हुई है, मगर वे उम्मीद करते हैं कि हालिया बारिश से उसमें कुछ सुधार देखा जाएगा.
किसानों को एक बड़ी चिंता सता रही है, वह है ओलावृष्टि की. किसान कहते हैं कि अभी तक सब सही चल रहा है, पर ओलावृष्टि नहीं होनी चाहिए. अगर बारिश के साथ ओले गिए गए तो फसलें मारी जाएंगी. ओलावृष्टि के बारे में पूछने पर कृषि विश्वविद्यालय (HUF) में मौसम विभाग के प्रमुख डॉ. मदन लाल खीचर कहते हैं कि इसकी कोई आशंका नहीं है और आगे हल्की बारिश होने का ही अनुमान है.
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डॉ. खीचर के मुताबिक, हिसार में मंगलवार को चार मिमी बारिश (light rain) दर्ज की गई. कुछ अन्य हिस्सों में भी हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश हुई है. वे कहते हैं कि इसी तरह का मौसम बुधवार को भी देखा जाएगा और 28-29 को भी बारिश का अनुमान है. यह बारिश पश्चिमी विक्षोभ के चलते हो रही है जिसका रबी फसलों (rabi crops) पर अच्छा प्रभाव देखा जाएगा. किसान पिछले दो हफ्ते से बारिश के लिए टकटकी लगाए थे और उनकी मुराद पूरी हो गई है.
आईएमडी चंडीगढ़ का आंकड़ा बताता है कि मंगलवार को हरियाणा में 0.1 मिमी बारिश (rainfall) हुई जो कि सामान्य से 93 परसेंट कम है. मौसम विभाग के अनुसार 27 जनवरी से बारिश का अनुमान जताया गया है. कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि हल्की बारिश फसलों के लिए फायदेमंद है. मगर ओला गिरे तो उससे चना (gram), सरसों और अन्य फसलों को भारी नुकसान हो सकता है. एक्सपर्ट कहते हैं कि कम तापमान और अधिक नमी के चलते गेहूं में रतुआ रोग लगने का भी खतरा बना हुआ है.
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