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इस पोर्टल पर दर्ज करें फसली नुकसान की जानकारी, फौरन मुआवजा दिलाएगी हरियाणा सरकार

इस पोर्टल पर दर्ज करें फसली नुकसान की जानकारी, फौरन मुआवजा दिलाएगी हरियाणा सरकार

हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में मंगलवार को मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा, हम किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं. मैं किसानों से आग्रह करता हूं कि वे फसली नुकसान की जानकारी पोर्टल पर दर्ज कराएं ताकि उचित वेरिफिकेशन के बाद किसानों को मुआवजा दिया जा सके.

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हरियाणा में बेमौसम बारिश से फसलों का भारी नुकसान हुआ है हरियाणा में बेमौसम बारिश से फसलों का भारी नुकसान हुआ है

बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से देश के कई राज्यों में फसलों का भारी नुकसान हुआ है. इसके बाद किसानों ने सरकार ने मुआवजे की मांग उठाई है. इसे देखते हुए सरकारों ने फसली नुकसान का सर्वे कराने का आदेश दिया है. एक दिन पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने फसली नुकसान की विशेष गिरदावरी कराने की घोषणा की. हरियाणा के कई इलाकों में बारिश और ओलावृष्टि से फसलों का भारी नुकसान हुआ है. इसे देखते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को नुकसान का सर्वे (गिरदावरी) तेज करने का आदेश दिया.

मुख्यमंत्री ने किसानों से कहा कि फसलों के नुकसान की जानकारी जितनी जल्द हो सके ई-फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल (e-portal kshatipoorti portal) पर दर्ज करा दी जाए ताकि समय पर मुआवजा दिया जा सके. हालिया बारिश और ओलावृष्टि के बाद हरियाणा की कई फसलों को नुकसान हुआ है जिसके बाद किसानों ने सरकार से मुआवजे की गुहार लगाई है.

हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में मंगलवार को मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा, हम किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं. मैं किसानों से आग्रह करता हूं कि वे फसली नुकसान की जानकारी पोर्टल पर दर्ज कराएं ताकि उचित वेरिफिकेशन के बाद किसानों को मुआवजा दिया जा सके.

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रोहतक जिले में बारिश और ओले से गेहूं की फसल को बहुत नुकसान हुआ है. हरियाणा कृषि विभाग अभी फसली नुकसान का आंकड़ा जुटा रहा है और बहुत जल्द इसकी सटीक जानकारी सामने आएगी. एक दिन पहले किसान संगठनों और पार्टियों के नेताओं ने खेतों का दौरा किया और नुकसान का जायजा लिया. अखिल भारतीय किसान सभा के नेताओं ने रोहतक में खेतों का जायजा लिया और जिला प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में किसानों को प्रति एकड़ 50,000 रुपये मुआवजा देने की मांग की.

भारतीय किसान सभा के नेताओं का कहना है कि प्राकृतिक आपदा की वजह से रोहतक के कई गावों में गेहूं और सरसों की फसल चौपट हो गई है. ऐसे किसानों की तादाद भी बहुतायत में है जिन्होंने फसलों का बीमा नहीं कराया है. इसलिए, सरकार की यह जिम्मेदारी बनती है कि ऐसे किसानों को सरकार संकट से उबारे और उन्हें आर्थिक मदद मुहैया कराए.

हरियाणा में पिछले तीन दिन से हुई लगातार बेमौसमी बारिश से गेहूं और सरसों की फसलों में भारी नुकसान हुआ है. फसलों में हुए नुकसान को लेकर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत मुआवजा लेने के लिए किसानों की भीड़ उमड़ गई है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत मुआवजा लेने के लिए किसानों को फार्म भरने और जमा करवाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. किसानों को फार्म जमा करवाने को लेकर कई घंटा तक इंतजार करना पड़ रहा है. स्थिति ये है कि फार्म जमा करवाने के लिए किसानों में आपस में धक्का-मुक्की देखने को मिल रही है.

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मंगलवार को पहले ही दिन रोहतक कृषि एवं किसान कल्याण विभाग में मुआवजे का फार्म जमा करवाने के लिए भारी भीड़ देखने को मिली. किसानों का यह भी आरोप है कि बेमौसम बारिश से गेहूं और सरसों की फसल में 90 से 100 परसेंट तक का नुकसान है और उनकी फसल खेतों में गिर गई है. खेतों में पानी भर गया है जिसकी वजह से गेहूं की फसल खराब हो जाएगी. वही सरसों की फसल में भी नुकसान हुआ है. 

एक किसान कहते हैं, हमने दोनों ही सरसों और गेहूं की फसल के लिए बीमा करवाया था. लेकिन अब सिर्फ गेहूं की खराब फसल का ही फार्म जमा करवाने के लिए कहा जा रहा है. जबकि सरसों की फसल नुकसान का कोई भी फार्म जमा नहीं हो रहा है. वही पिछली बार का अब तक फसल खराबे का मुआवजा नहीं मिला है.