देश के कपास उद्योग के लिए एक बड़ी खबर आई है. अक्टूबर से शुरू होने वाले नए सीजन 2025-26 में भारत का कैरी फॉरवर्ड कपास स्टॉक 60.59 लाख गांठ तक पहुंच सकता है, जो पिछले पांच वर्षों में सबसे ज्यादा हो सकता है. कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (CAI) के अध्यक्ष अतुल एस गणात्रा ने कहा कि वर्तमान 2024-25 सीजन की शुरुआत में स्टॉक महज 39.19 लाख गांठ था. इस तेजी से बढ़ोतरी का मुख्य कारण आयात में भारी बढ़ोतरी है.
बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, गणात्रा ने कहा कि इस साल कपास का आयात 41 लाख गांठ तक पहुंचा है, जबकि पिछले साल यह केवल 15 लाख गांठ था. अतुल गणात्रा के अनुसार, "कोविड के बाद 2020-21 में जब स्टॉक 120 लाख गांठ के आसपास था, तब के बाद यह सबसे ज्यादा प्रारंभिक स्टॉक है."
सरकार ने हाल ही में कपास पर 11 प्रतिशत आयात शुल्क हटा दिया है, जो साल के अंत तक लागू रहेगा. CAI ने अनुमान लगाया है कि अक्टूबर से दिसंबर की तिमाही के दौरान लगभग 20 लाख कपास की गांठ का और आयात हो सकता है.
वहीं, वर्तमान 2024-25 सीजन के लिए CAI ने आयात के पूर्व अनुमान को 2 लाख गांठ बढ़ाकर 41 लाख गांठ कर दिया है. यह पिछले साल के 15.20 लाख गांठ से 25.80 लाख गांठ ज्यादा है. 31 अगस्त तक भारतीय बंदरगाहों पर 36.75 लाख गांठ पहुंचने का अनुमान है.
2024-25 सीजन के लिए कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (CAI) ने प्रेसिंग अनुमान को संशोधित करते हुए इसे एक लाख गांठ बढ़ाकर 312.40 लाख गांठ कर दिया है. यह बदलाव अपकंट्री एसोसिएशनों और व्यापार स्रोतों की ताज़ा रिपोर्ट के आधार पर किया गया. अगस्त तक लगभग 307.09 लाख गांठें बाज़ार में पहुंच चुकी थीं, जबकि शेष 5.31 लाख गांठें सितंबर में आने का अनुमान है. प्रदेशवार देखें तो महाराष्ट्र का प्रेसिंग अनुमान एक लाख गांठ बढ़कर 91 लाख पर पहुंच गया है.
वहीं आंध्र प्रदेश में 50 हजार लाख की बढ़ोतरी के साथ यह 12.5 लाख गांठ हुआ है. इसके उलट, तेलंगाना में अनुमान 50 हजार घटकर 49 लाख गांठ रह गया. है. खपत के मामले में, CAI ने 2024-25 के लिए अपना अनुमान पहले जैसा ही 314 लाख गांठ बनाए रखा है. अगस्त तक देश में कपास की खपत 286 लाख गांठ आंकी गई. निर्यात के मोर्चे पर, इस सीजन के लिए अनुमान घटकर 18 लाख गांठ पर आ गया है, जो पिछले साल के 28.36 लाख गांठ की तुलना में 10.36 लाख कम है.
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