हरियाणा में बाजरा किसानों की परेशानी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. प्रदेश में बाजरा किसानों को लाभ पहुंचान के लिए राज्य सरकार की तरफ से 2500 रुपये प्रति क्विंटल की दर तय की गई है. पर यह सिर्फ कहने के लिए है. राज्य सरकार एमएसपी पर बाजरा की खरीद नहीं कर रही है लिहाजा किसानों को औने-पौने दामों पर अपने उत्पाद बेचना पड़ रहे हैं. इसेके कारण किसान काफी परेशान हैं. किसानो की इन समस्याओं को देखते हुए रेवाड़ी विधायकत चिरंजीव राव ने अनाज मंडी का दौरा किया और किसानों को हो रही परेशानियों को लेकर सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि राज्य में बाजरा किसानों की परेशानी कोई नई बात नहीं है, हर साल किसानों को बाजरा बेचने के लिए लाइन में खड़ा रहना पड़ता है.
गौरतलब है कि दक्षिणी हरियाणा में सबसे अधिक बाजरे की खेती होती है और यहां पर इसकी पैदावार भी सबसे अधिक होती है. इसे देखते हुए यहां के किसान एमएसपी पर बाजरे की खरीद की मांग कर रहे हैं. किसानों की मांग को देखते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री ने 23 सितंबर से रेवाड़ी समेत राज्य की अन्य आधा दर्जन मंडियों में एमएसपी पर बाजरे की खरीद के निर्देश दिए थे. पर इसके बाद कुछ कुछ कारणों से छुट्टी हुई और दो-तीन दिन तक ही बाजरे की खरीद हो पायी. इसके बाद जब किसान बाजरा बिकने की उम्मीद लेकर मंडी में आये तो यहां पर उन्हें निराशा हाथ लगी.
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राज्य में एमएसपी पर बाजरा की खरीद करने वाली हरियाणा राज्य सहकारी आपूर्ति एवं विपणन संघ लिमिटेड की तरफ से मंडी में आये किसानों से कहा गया कि आज बाजरा की खरीद नहीं होगी. इसके बावजूद कई ऐसे किसान थे जो सुबह-सुबह ही अपने उत्पाद लेकर मंडी में पहुंच चुके थे. जिसके बाद जब यहां पर किसानों को बाजरा की खरीद के लिए टोकन नहीं काटा गया तो गुस्साए किसान किसान जिला सचियालय पहुंचे, जहां एसडीएम ने किसानों को आश्वसन भी दिया, पर इसके बाद अगले दिन भी चोकन नहीं काटे गए. वहां पर मौजूद किसानों ने कहा कि वो सुबह से ही बाजरा बेचने के लिए लाइन में खड़े हैं. जिस वाहन में बाजरा लोड करके लाए हैं वो किराये का है ऐसे में सही समय पर खरीद नहीं होने से उनका किराया भी बढ़ रहा है, इसके कारण उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
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इसके कारण मंडी में ट्रैक्टरो की लंबी कतारे लग गई. किसान लाइन में लगकर परेशान होते रहे. एमएसपी की बची राशि सरकार भवांतर भरपाई योजना के तहत किसानों को देगी. लेकिन किसानों का कहना है कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि कैसे उपज की खरीद प्रकिया अपनायी जा रही है. उन्हें टोकन कटाने के लिए लाइनों में खड़े होकर परेशान होना पड़ रहा हैं. इससे पहले पटौदी मंडी में बाजरे की खरीद नहीं होने पर किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया था. इस दौरान जबरदस्त हंगामा भी हुआ था.
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